मारकुस 1:29-45
मारकुस 1:29-45 पवित्र बाइबल (HERV)
फिर वे आराधनालय से निकल कर याकूब और यूहन्ना के साथ सीधे शमौन और अन्द्रियास के घर पहुँचे। शमौन की सास ज्वर से पीड़ित थी इसलिए उन्होंने यीशु को तत्काल उसके बारे में बताया। यीशु उसके पास गया और हाथ पकड़ कर उसे उठाया। तुरंत उसका ज्वर उतर गया और वह उनकी सेवा करने लगी। सूरज डूबने के बाद जब शाम हुई तो वहाँ के लोग सभी रोगियों और दुष्टात्माओं से पीड़ित लोगों को उसके पास लाये। सारा नगर उसके द्वार पर उमड़ पड़ा। उसने तरह तरह के रोगों से पीड़ित बहुत से लोगों को चंगा किया और बहुत से लोगों को दुष्टात्माओं से छुटकारा दिलाया। क्योंकि वे उसे जानती थीं इसलिये उसने उन्हें बोलने नहीं दिया। अँधेरा रहते, सुबह सवेरे वह घर छोड़ कर किसी एकांत स्थान पर चला गया जहाँ उसने प्रार्थना की। किन्तु शमौन और उसके साथी उसे ढूँढने निकले और उसे पा कर बोले, “हर व्यक्ति तेरी खोज में है।” इस पर यीशु ने उनसे कहा, “हमें दूसरे नगरों में जाना ही चाहिये ताकि वहाँ भी उपदेश दिया जा सके क्योंकि मैं इसी के लिए आया हूँ।” इस तरह वह गलील में सब कहीं उनकी आराधनालयों में उपदेश देता और दुष्टात्माओं को निकालता गया। फिर एक कोढ़ी उसके पास आया। उसने उसके सामने झुक कर उससे विनती की और कहा, “यदि तू चाहे, तो तू मुझे ठीक कर सकता है।” उसे उस पर गुस्सा आया और उसने अपना हाथ फैला कर उसे छुआ और कहा, “मैं चाहता हूँ कि तुम अच्छे हो जाओ!” और उसे तत्काल कोढ़ से छुटकारा मिल गया। वह पूरी तरह शुद्ध हो गया। यीशु ने उसे कड़ी चेतावनी दी और तुरन्त भेज दिया। यीशु ने उससे कहा, “देख इसके बारे में तू किसी को कुछ नहीं बताना। किन्तु याजक के पास जा और उसे अपने आप को दिखा। और मूसा के नियम के अनुसार अपने ठीक होने की भेंट अर्पित कर ताकि हर किसी को तेरे ठीक होने की साक्षी मिले।” परन्तु वह बाहर जाकर खुले तौर पर इस बारे में लोगों से बातचीत करके इसका प्रचार करने लगा। इससे यीशु फिर कभी नगर में खुले तौर पर नहीं जा सका। वह एकांत स्थानों में रहने लगा किन्तु लोग हर कहीं से उसके पास आते रहे।
मारकुस 1:29-45 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
वे सभागृह से निकले और येशु याकूब और योहन के साथ सीधे सिमोन और अन्द्रेयास के घर गये। सिमोन की सास बुखार में पड़ी हुई थी। लोगों ने तुरन्त उसके विषय में उन्हें बताया। येशु उसके पास आये और उन्होंने हाथ पकड़ कर उसे उठाया। उसका बुखार उतर गया और वह उन लोगों के सेवा-सत्कार में लग गयी। सन्ध्या समय, सूरज डूबने के बाद लोग सब रोगियों और भूतग्रस्तों को येशु के पास ले आये। सारा नगर द्वार पर एकत्र हो गया। येशु ने नाना प्रकार की बीमारियों से पीड़ित बहुत-से रोगियों को स्वस्थ किया और लोगों में से बहुत-से भूतों को निकाला। येशु भूतों को बोलने से रोकते थे, क्योंकि भूत जानते थे कि वह कौन हैं। प्रात:काल, जब अंधेरा ही था, येशु उठे और घर से बाहर निकले। वह किसी एकान्त स्थान जा कर प्रार्थना करने लगे। सिमोन और उसके साथी उनकी खोज में निकले, और उन्हें पाते ही यह बोले, “सब लोग आप को ढूँढ़ रहे हैं।” येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “आओ, हम आसपास के अन्य कस्बों में चलें। मुझे वहाँ भी संदेश सुनाना है, क्योंकि इसीलिए तो मैं आया हूँ।” और वह उनके सभागृहों में उपदेश देते और भूतों को निकालते हुए समस्त गलील प्रदेश में घूमने लगे। एक कुष्ठरोगी येशु के पास आया और घुटने टेक कर उन से अनुनय-विनय करते हुए बोला, “आप चाहें, तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं।” येशु को उस पर दया आयी। उन्होंने हाथ बढ़ाकर यह कहते हुए उसका स्पर्श किया, “मैं यही चाहता हूँ−तुम शुद्ध हो जाओ।” उसी क्षण उसका कुष्ठरोग दूर हुआ और वह शुद्ध हो गया। येशु ने उसे यह कड़ी चेतावनी देते हुए तुरन्त विदा किया, “सावधान! किसी से कुछ भी न कहना, किन्तु जाओ और अपने आप को पुरोहित को दिखाओ और अपने शुद्धीकरण के लिए मूसा द्वारा निर्धारित भेंट चढ़ाओ, जिससे सब लोगों को मालूम हो जाए कि तुम स्वस्थ हो गए हो।” परन्तु वह बाहर जा कर खुल कर इसकी चर्चा करने लगा और चारों ओर इस समाचार को फैलाने लगा। परिणाम यह हुआ कि येशु प्रकट रूप से नगरों में प्रवेश नहीं कर सके, वरन् वह निर्जन स्थानों में रहे। फिर भी लोग चारों ओर से उनके पास आते रहे।
मारकुस 1:29-45 Hindi Holy Bible (HHBD)
और वह तुरन्त आराधनालय में से निकलकर, याकूब और यूहन्ना के साथ शमौन और अन्द्रियास के घर आया। और शमौन की सास ज्वर से पीडित थी, और उन्होंने तुरन्त उसके विषय में उस से कहा। तब उस ने पास जाकर उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया; और उसका ज्वर उस पर से उतर गया, और वह उन की सेवा-टहल करने लगी॥ सन्ध्या के समय जब सूर्य डूब गया तो लोग सब बीमारों को और उन्हें जिन में दुष्टात्माएं थीं उसके पास लाए। और सारा नगर द्वार पर इकट्ठा हुआ। और उस ने बहुतों को जो नाना प्रकार की बीमारियों से दुखी थे, चंगा किया; और बहुत से दुष्टात्माओं को निकाला; और दुष्टात्माओं को बोलने न दिया, क्योंकि वे उसे पहचानती थीं॥ और भोर को दिन निकलने से बहुत पहिले, वह उठकर निकला, और एक जंगली स्थान में गया और वहां प्रार्थना करने लगा। तब शमौन और उसके साथी उस की खोज में गए। जब वह मिला, तो उस से कहा; कि सब लोग तुझे ढूंढ रहे हैं। उस ने उन से कहा, आओ; हम और कहीं आस पास की बस्तियों में जाएं, कि मैं वहां भी प्रचार करूं, क्योंकि मैं इसी लिये निकला हूं। सो वह सारे गलील में उन की सभाओं में जा जाकर प्रचार करता और दुष्टात्माओं को निकालता रहा॥ और एक कोढ़ी ने उसके पास आकर, उस से बिनती की, और उसके साम्हने घुटने टेककर, उस से कहा; यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है। उस ने उस पर तरस खाकर हाथ बढ़ाया, और उसे छूकर कहा; मैं चाहता हूं तू शुद्ध हो जा। और तुरन्त उसका को ढ़ जाता रहा, और वह शुद्ध हो गया। तब उस ने उसे चिताकर तुरन्त विदा किया। और उस से कहा, देख, किसी से कुछ मत कहना, परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने ठहराया है उसे भेंट चढ़ा, कि उन पर गवाही हो। परन्तु वह बाहर जाकर इस बात को बहुत प्रचार करने और यहां तक फैलाने लगा, कि यीशु फिर खुल्लमखुल्ला नगर में न जा सका, परन्तु बाहर जंगली स्थानों में रहा; और चहुं ओर से लागे उसके पास आते रहे॥
मारकुस 1:29-45 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
वह तुरन्त आराधनालय में से निकलकर, याकूब और यूहन्ना के साथ शमौन और अन्द्रियास के घर आया। शमौन की सास ज्वर से पीड़ित थी, और उन्होंने तुरन्त उसके विषय में उससे कहा। तब उसने पास जाकर उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया; और उसका ज्वर उतर गया, और वह उनकी सेवा–टहल करने लगी। संध्या के समय जब सूर्य डूब गया तो लोग सब बीमारों को और उन्हें, जिनमें दुष्टात्माएँ थीं, उसके पास लाए। और सारा नगर द्वार पर इकट्ठा हुआ। उसने बहुतों को जो नाना प्रकार की बीमारियों से दु:खी थे, चंगा किया, बहुत सी दुष्टात्माओं को निकाला, और दुष्टात्माओं को बोलने न दिया, क्योंकि वे उसे पहचानती थीं। भोर को दिन निकलने से बहुत पहले, वह उठकर निकला, और एक जंगली स्थान में गया और वहाँ प्रार्थना करने लगा। तब शमौन और उसके साथी उसकी खोज में गए। जब वह मिला, तो उससे कहा, “सब लोग तुझे ढूँढ़ रहे हैं।” उसने उनसे कहा, “आओ; हम और कहीं आसपास की बस्तियों में जाएँ, कि मैं वहाँ भी प्रचार करूँ, क्योंकि मैं इसी लिये निकला हूँ।” अत: वह सारे गलील में उनके आराधनालयों में जा जाकर प्रचार करता और दुष्टात्माओं को निकालता रहा। एक कोढ़ी उसके पास आया, उससे विनती की, और उसके सामने घुटने टेककर उससे कहा, “यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।” उसने उस पर तरस खाकर हाथ बढ़ाया, और उसे छूकर कहा, “मैं चाहता हूँ तू शुद्ध हो जा।” और तुरन्त उसका कोढ़ जाता रहा, और वह शुद्ध हो गया। तब उसने उसे चिताकर तुरन्त विदा किया, और उससे कहा, “देख, किसी से कुछ मत कहना, परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने ठहराया है उसे भेंट चढ़ा कि उन पर गवाही हो।” परन्तु वह बाहर जाकर इस बात का बहुत प्रचार करने और यहाँ तक फैलाने लगा कि यीशु फिर खुल्लमखुल्ला नगर में न जा सका, परन्तु बाहर जंगली स्थानों में रहा; और चारों ओर से लोग उसके पास आते रहे।
मारकुस 1:29-45 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
और वह तुरन्त आराधनालय में से निकलकर, याकूब और यूहन्ना के साथ शमौन और अन्द्रियास के घर आया। और शमौन की सास तेज बुखार से पीड़ित थी, और उन्होंने तुरन्त उसके विषय में उससे कहा। तब उसने पास जाकर उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया; और उसका बुखार उस पर से उतर गया, और वह उनकी सेवा-टहल करने लगी। संध्या के समय जब सूर्य डूब गया तो लोग सब बीमारों को और उन्हें, जिनमें दुष्टात्माएँ थीं, उसके पास लाए। और सारा नगर द्वार पर इकट्ठा हुआ। और उसने बहुतों को जो नाना प्रकार की बीमारियों से दुःखी थे, चंगा किया; और बहुत से दुष्टात्माओं को निकाला; और दुष्टात्माओं को बोलने न दिया, क्योंकि वे उसे पहचानती थीं। और भोर को दिन निकलने से बहुत पहले, वह उठकर निकला, और एक जंगली स्थान में गया और वहाँ प्रार्थना करने लगा। तब शमौन और उसके साथी उसकी खोज में गए। जब वह मिला, तो उससे कहा; “सब लोग तुझे ढूँढ़ रहे हैं।” यीशु ने उनसे कहा, “आओ; हम और कहीं आस-पास की बस्तियों में जाएँ, कि मैं वहाँ भी प्रचार करूँ, क्योंकि मैं इसलिए निकला हूँ।” और वह सारे गलील में उनके आराधनालयों में जा जाकर प्रचार करता और दुष्टात्माओं को निकालता रहा। एक कोढ़ी ने उसके पास आकर, उससे विनती की, और उसके सामने घुटने टेककर, उससे कहा, “यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।” उसने उस पर तरस खाकर हाथ बढ़ाया, और उसे छूकर कहा, “मैं चाहता हूँ, तू शुद्ध हो जा।” और तुरन्त उसका कोढ़ जाता रहा, और वह शुद्ध हो गया। तब उसने उसे कड़ी चेतावनी देकर तुरन्त विदा किया, और उससे कहा, “देख, किसी से कुछ मत कहना, परन्तु जाकर अपने आपको याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने ठहराया है उसे भेंट चढ़ा, कि उन पर गवाही हो।” (लैव्य. 14:1-32) परन्तु वह बाहर जाकर इस बात को बहुत प्रचार करने और यहाँ तक फैलाने लगा, कि यीशु फिर खुल्लमखुल्ला नगर में न जा सका, परन्तु बाहर जंगली स्थानों में रहा; और चारों ओर से लोग उसके पास आते रहे।
मारकुस 1:29-45 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
यहूदी सभागृह से निकलकर वे सीधे याकोब और योहन के साथ शिमओन तथा आन्द्रेयास के घर पर गए. वहां शिमओन की सास बुखार में पड़ी हुई थी. उन्होंने बिना देर किए मसीह येशु को इसके विषय में बताया. मसीह येशु उनके पास आए, उनका हाथ पकड़ उन्हें उठाया और उनका बुखार जाता रहा तथा वह उनकी सेवा टहल में जुट गईं. संध्या समय सूर्यास्त के बाद लोग अस्वस्थ तथा जिनमें दुष्टात्माऐं थी उन लोगों को येशु के पास लाने लगे. सारा नगर ही द्वार पर इकट्ठा हो गया मसीह येशु ने विभिन्न रोगों से पीड़ित अनेकों को स्वस्थ किया और अनेक दुष्टात्माओं को भी निकाला. वह दुष्टात्माओं को बोलने नहीं देते थे क्योंकि वे उन्हें पहचानती थी. भोर होने पर, जब अंधकार ही था, मसीह येशु उठे और एक सुनसान जगह को गए. वहां वह प्रार्थना करने लगे. शिमओन तथा उनके अन्य साथी उन्हें खोज रहे थे. उन्हें पाकर वे कहने लगे, “सभी आपको खोज रहे हैं.” किंतु मसीह येशु ने उनसे कहा, “चलो, कहीं और चलें—यहां पास के नगरों में—जिससे कि मैं वहां भी प्रचार कर सकूं क्योंकि मेरे यहां आने का उद्देश्य यही है.” वह सारे गलील प्रदेश में घूमते हुए यहूदी सभागृहों में जा-जाकर प्रचार करते रहे तथा लोगों में से दुष्टात्माओं को निकालते गए. एक कोढ़ रोगी उनके पास आया. उसने मसीह येशु के सामने घुटने टेक उनसे विनती की, “आप चाहें तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं.” तरस खाकर मसीह येशु ने हाथ बढ़ाकर उसे स्पर्श किया और कहा, “मैं चाहता हूं. तुम शुद्ध हो जाओ!” उसी समय उसका कोढ़ रोग जाता रहा और वह शुद्ध हो गया. मसीह येशु ने उसे उसी समय इस चेतावनी के साथ विदा किया, “सुनो! इस विषय में किसी से कुछ न कहना. हां, जाकर स्वयं को पुरोहित के सामने प्रस्तुत करो तथा अपनी शुद्धि के प्रमाण के लिए मोशेह द्वारा निर्धारित विधि के अनुसार शुद्धि संबंधी भेंट चढ़ाओ.” किंतु उस व्यक्ति ने जाकर खुलेआम इसकी घोषणा की तथा यह समाचार इतना फैला दिया कि मसीह येशु इसके बाद खुल्लम-खुल्ला किसी नगर में न जा सके और उन्हें नगर के बाहर सुनसान स्थानों में रहना पड़ा. फिर भी सब स्थानों से लोग उनके पास आते रहे.