मारकुस 2:1-17
मारकुस 2:1-17 पवित्र बाइबल (HERV)
कुछ दिनों बाद यीशु वापस कफरनहूम आया तो यह समाचार फैल गया कि वह घर में है। फिर वहाँ इतने लोग इकट्ठे हुए कि दरवाजे के बाहर भी तिल धरने तक को जगह न बची। जब यीशु लोगों को उपदेश दे रहा था तो कुछ लोग लकवे के मारे को चार आदमियों से उठवाकर वहाँ लाये। किन्तु भीड़ के कारण वे उसे यीशु के पास नहीं ले जा सके। इसलिये जहाँ यीशु था उसके ऊपर की छत का कुछ भाग उन्होंने हटाया और जब वे खोद कर छत में एक खुला सूराख बना चुके तो उन्होंने जिस बिस्तर पर लकवे का मारा लेटा हुआ था उसे नीचे लटका दिया। उनके इतने गहरे विश्वास को देख कर यीशु ने लकवे के मारे से कहा, “हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए।” उस समय वहाँ कुछ धर्मशास्त्री भी बैठे थे। वे अपने अपने मन में सोच रहे थे, “यह व्यक्ति इस तरह बात क्यों करता है? यह तो परमेश्वर का अपमान करता है। परमेश्वर के सिवा, और कौन पापों को क्षमा कर सकता है?” यीशु ने अपनी आत्मा में तुरंत यह जान लिया कि वे मन ही मन क्या सोच रहे हैं। वह उनसे बोला, “तुम अपने मन में ये बातें क्यों सोच रहे हो? सरल क्या है: इस लकवे के मारे से यह कहना कि तेरे पाप क्षमा हुए या यह कहना कि उठ, अपना बिस्तर उठा और चल दे? किन्तु मैं तुम्हें प्रमाणित करूँगा कि इस पृथ्वी पर मनुष्य के पुत्र को यह अधिकार है कि वह पापों को क्षमा करे।” फिर यीशु ने उस लकवे के मारे से कहा, “मैं तुझ से कहता हूँ, खड़ा हो, अपना बिस्तर उठा और अपने घर जा।” सो वह खड़ा हुआ, तुरंत अपना बिस्तर उठाया और उन सब के देखते ही देखते बाहर चला गया। यह देखकर वे अचरज में पड़ गये। उन्होंने परमेश्वर की प्रशंसा की और बोले, “हमने ऐसा कभी नहीं देखा!” एक बार फिर यीशु झील के किनारे गया तो समूची भीड़ उसके पीछे हो ली। यीशु ने उन्हें उपदेश दिया। चलते हुए उसने हलफई के बेटे लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देख कर उससे कहा, “मेरे पीछे आ” सो लेवी खड़ा हुआ और उसके पीछे हो लिया। इसके बाद जब यीशु अपने शिष्यों समेत उसके घर भोजन कर रहा था तो बहुत से कर वसूलने वाले और पापी लोग भी उसके साथ भोजन कर रहे थे। (इनमें बहुत से वे लोग थे जो उसके पीछे पीछे चले आये थे।) जब फरीसियों के कुछ धर्मशास्त्रियों ने यह देखा कि यीशु पापीयों और कर वसूलने वालों के साथ भोजन कर रहा है तो उन्होंने उसके अनुयायिओं से कहा, “यीशु कर वसूलने वालों और पापीयों के साथ भोजन क्यों करता है?” यीशु ने यह सुनकर उनसे कहा, “चंगे-भले लोगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं होती, रोगियों को ही वैद्य की आवश्यकता होती है। मैं धर्मियों को नहीं बल्कि पापीयों को बुलाने आया हूँ।”
मारकुस 2:1-17 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जब कुछ दिनों बाद येशु कफरनहूम नगर लौटे, तो यह खबर फैल गयी कि वह घर पर हैं। और इतने लोग इकट्ठे हो गये कि द्वार के सामने भी जगह नहीं रही। येशु उन्हें शुभ संदेश सुना ही रहे थे कि कुछ लोग एक लकुवे के रोगी को चार आदमियों से उठवा कर उनके पास लाये। भीड़ के कारण वे उसे येशु के सामने नहीं ला सके; इसलिए जहाँ येशु थे, उसके ऊपर की छत उन्होंने खोल दी और छेद से लकुवे के रोगी की चारपाई नीचे उतार दी। येशु ने उन लोगों का विश्वास देख कर लकुवे के रोगी से कहा, “पुत्र! तुम्हारे पाप क्षमा हो गये।” वहाँ कुछ शास्त्री बैठे हुए थे। वे मन में तर्क-वितर्क करने लगे, “यह मनुष्य ऐसे क्यों बोलता है? यह ईश-निन्दा करता है। परमेश्वर के अतिरिक्त कौन पाप क्षमा कर सकता है?” येशु ने तुरन्त अपनी आत्मा में जाना कि वे मन-ही-मन क्या सोच रहे हैं। उन्होंने शास्त्रियों से कहा, “तुम अपने मन में तर्क-वितर्क क्यों कर रहे हो? अधिक सहज क्या है−लकुवे के रोगी से यह कहना, ‘तुम्हारे पाप क्षमा हो गये’, अथवा यह कहना, ‘उठो, अपनी चारपाई उठा कर चलो-फिरो?’ परन्तु इसलिए कि तुम लोग यह जान लो कि मानव-पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार है”−येशु लकुवे के रोगी से बोले− “मैं तुम से कहता हूँ, उठो और अपनी चारपाई उठा कर घर जाओ।” वह उठ खड़ा हुआ और तुरन्त चारपाई उठा कर सब लोगों के देखते-देखते बाहर चला गया। सब-के-सब बड़े अचम्भे में पड़ गये और उन्होंने यह कहते हुए परमेश्वर की स्तुति की, “हम ने ऐसा कभी नहीं देखा।” येशु फिर बाहर निकल कर झील के तट पर गये। सब लोग उनके पास आ गये और येशु ने उन्हें शिक्षा दी। मार्ग में येशु ने हलफई के पुत्र लेवी को चुंगीघर में बैठा हुआ देखा और उससे कहा, “मेरे पीछे आओ”, और वह उठ कर उनके पीछे हो लिया। एक दिन येशु लेवी के घर भोजन करने बैठे। उनके चुंगी-अधिकारी और पापी येशु और उनके शिष्यों के साथ भोज में सम्मिलित हुए−क्योंकि वे बड़ी संख्या में येशु के अनुयायी बन गये थे। जब फरीसी दल के शास्त्रियों ने देखा कि येशु पापियों और चुंगी-अधिकारियों के साथ भोजन कर रहे हैं, तब उन्होंने उनके शिष्यों से कहा, “वह चुंगी-अधिकारियों और पापियों के साथ क्यों भोजन करते हैं?” येशु ने यह सुनकर उन से कहा, “निरोगों को नहीं, बल्कि रोगियों को वैद्य की आवश्यकता होती है। मैं धार्मिकों को नहीं, पापियों को बुलाने आया हूँ।”
मारकुस 2:1-17 Hindi Holy Bible (HHBD)
कई दिन के बाद वह फिर कफरनहूम में आया और सुना गया, कि वह घर में है। फिर इतने लोग इकट्ठे हुए, कि द्वार के पास भी जगह नहीं मिली; और वह उन्हें वचन सुना रहा था। और लोग एक झोले के मारे हुए को चार मनुष्यों से उठवाकर उसके पास ले आए। परन्तु जब वे भीड़ के कारण उसके निकट न पंहुच सके, तो उन्होंने उस छत को जिस के नीचे वह था, खोल दिया और जब उसे उधेड़ चुके, तो उस खाट को जिस पर झोले का मारा हुआ पड़ा था, लटका दिया। यीशु ने, उन का विश्वास देखकर, उस झोले के मारे हुए से कहा; हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए। तब कई एक शास्त्री जो वहां बैठे थे, अपने अपने मन में विचार करने लगे। कि यह मनुष्य क्यों ऐसा कहता है? यह तो परमेश्वर की निन्दा करता है, परमेश्वर को छोड़ और कौन पाप क्षमा कर सकता है? यीशु ने तुरन्त अपनी आत्मा में जान लिया, कि वे अपने अपने मन में ऐसा विचार कर रहे हैं, और उन से कहा, तुम अपने अपने मन में यह विचार क्यों कर रहे हो? सहज क्या है? क्या झोले के मारे से यह कहना कि तेरे पाप क्षमा हुए, या यह कहना, कि उठ अपनी खाट उठा कर चल फिर? परन्तु जिस से तुम जान लो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का भी अधिकार है (उस ने उस झोले के मारे हुए से कहा)। मैं तुझ से कहता हूं; उठ, अपनी खाट उठाकर अपने घर चला जा। और वह उठा, और तुरन्त खाट उठाकर और सब के साम्हने से निकलकर चला गया, इस पर सब चकित हुए, और परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे, कि हम ने ऐसा कभी नहीं देखा॥ वह फिर निकलकर झील के किनारे गया, और सारी भीड़ उसके पास आई, और वह उन्हें उपदेश देने लगा। जाते हुए उस ने हलफई के पुत्र लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा; मेरे पीछे हो ले। और वह उठकर, उसके पीछे हो लिया: और वह उसके घर में भोजन करने बैठा, और बहुत से चुंगी लेने वाले और पापी यीशु और उसके चेलों के साथ भोजन करने बैठे; क्योंकि वे बहुत से थे, और उसके पीछे हो लिये थे। और शास्त्रियों और फरीसियों ने यह देखकर, कि वह तो पापियों और चुंगी लेने वालों के साथ भोजन कर रहा है, उसके चेलों से कहा; वह तो चुंगी लेने वालों और पापियों के साथ खाता पीता है!! यीशु ने यह सुनकर, उन से कहा, भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्तु बीमारों को है: मैं धमिर्यों को नहीं, परन्तु पापियों को बुलाने आया हूं॥
मारकुस 2:1-17 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
कई दिन के बाद वह फिर कफरनहूम में आया, और सुना गया कि वह घर में है। फिर इतने लोग इकट्ठा हुए कि द्वार के पास भी जगह नहीं थी; और वह उन्हें वचन सुना रहा था। और लोग एक लकवे के रोगी को चार मनुष्यों से उठवाकर उसके पास ले आए। परन्तु जब वे भीड़ के कारण उसके निकट न पहुँच सके, तो उन्होंने उस छत को जिसके नीचे वह था, खोल दिया; और जब वे उसे उधेड़ चुके, तो उस खाट को जिस पर लकवे का रोगी पड़ा था, लटका दिया। यीशु ने उनका विश्वास देखकर उस लकवे के रोगी से कहा, “हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए।” तब कई शास्त्री जो वहाँ बैठे थे, अपने–अपने मन में विचार करने लगे, “यह मनुष्य क्यों ऐसा कहता है? यह तो परमेश्वर की निन्दा करता है! परमेश्वर को छोड़ और कौन पाप क्षमा कर सकता है?” यीशु ने तुरन्त अपनी आत्मा में जान लिया कि वे अपने–अपने मन में ऐसा विचार कर रहे हैं, और उनसे कहा, “तुम अपने–अपने मन में यह विचार क्यों कर रहे हो? सहज क्या है? क्या लकवे के रोगी से यह कहना कि तेरे पाप क्षमा हुए, या यह कहना कि उठ अपनी खाट उठा कर चल फिर? परन्तु जिस से तुम जान लो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का भी अधिकार है।” उसने उस लकवे के रोगी से कहा, “मैं तुझ से कहता हूँ, उठ, अपनी खाट उठाकर अपने घर चला जा।” वह उठा और तुरन्त खाट उठाकर सब के सामने से निकलकर चला गया; इस पर सब चकित हुए, और परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे, “हम ने ऐसा कभी नहीं देखा। ” वह फिर निकलकर झील के किनारे गया, और सारी भीड़ उसके पास आई, और वह उन्हें उपदेश देने लगा। जाते हुए उस ने हलफई के पुत्र लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, “मेरे पीछे हो ले।” और वह उठकर उसके पीछे हो लिया। जब वह उसके घर में भोजन करने बैठा, तब बहुत से चुंगी लेनेवाले और पापी, यीशु और उसके चेलों के साथ भोजन करने बैठे; क्योंकि वे बहुत से थे, और उसके पीछे हो लिये थे। शास्त्रियों और फरीसियों ने यह देखकर कि वह तो पापियों और चुंगी लेनेवालों के साथ भोजन कर रहा है, उसके चेलों से कहा, “वह तो चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ खाता पीता है!” यीशु ने यह सुनकर उनसे कहा, “भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्तु बीमारों को है : मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को बुलाने आया हूँ।”
मारकुस 2:1-17 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
कई दिन के बाद यीशु फिर कफरनहूम में आया और सुना गया, कि वह घर में है। फिर इतने लोग इकट्ठे हुए, कि द्वार के पास भी जगह नहीं मिली; और वह उन्हें वचन सुना रहा था। और लोग एक लकवे के मारे हुए को चार मनुष्यों से उठवाकर उसके पास ले आए। परन्तु जब वे भीड़ के कारण उसके निकट न पहुँच सके, तो उन्होंने उस छत को जिसके नीचे वह था, खोल दिया और जब उसे उधेड़ चुके, तो उस खाट को जिस पर लकवे का मारा हुआ पड़ा था, लटका दिया। यीशु ने, उनका विश्वास देखकर, उस लकवे के मारे हुए से कहा, “हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए।” तब कई एक शास्त्री जो वहाँ बैठे थे, अपने-अपने मन में विचार करने लगे, “यह मनुष्य क्यों ऐसा कहता है? यह तो परमेश्वर की निन्दा करता है! परमेश्वर को छोड़ और कौन पाप क्षमा कर सकता है?” (यशा. 43:25) यीशु ने तुरन्त अपनी आत्मा में जान लिया, कि वे अपने-अपने मन में ऐसा विचार कर रहे हैं, और उनसे कहा, “तुम अपने-अपने मन में यह विचार क्यों कर रहे हो? सहज क्या है? क्या लकवे के मारे से यह कहना कि तेरे पाप क्षमा हुए, या यह कहना, कि उठ अपनी खाट उठाकर चल फिर? परन्तु जिससे तुम जान लो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का भी अधिकार है।” उसने उस लकवे के मारे हुए से कहा, “मैं तुझ से कहता हूँ, उठ, अपनी खाट उठाकर अपने घर चला जा।” वह उठा, और तुरन्त खाट उठाकर सब के सामने से निकलकर चला गया; इस पर सब चकित हुए, और परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे, “हमने ऐसा कभी नहीं देखा।” वह फिर निकलकर झील के किनारे गया, और सारी भीड़ उसके पास आई, और वह उन्हें उपदेश देने लगा। जाते हुए यीशु ने हलफईस के पुत्र लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।” और वह उठकर, उसके पीछे हो लिया। और वह उसके घर में भोजन करने बैठा; और बहुत से चुंगी लेनेवाले और पापी भी उसके और चेलों के साथ भोजन करने बैठे, क्योंकि वे बहुत से थे, और उसके पीछे हो लिये थे। और शास्त्रियों और फरीसियों ने यह देखकर, कि वह तो पापियों और चुंगी लेनेवालों के साथ भोजन कर रहा है, उसके चेलों से कहा, “वह तो चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ खाता पीता है!” यीशु ने यह सुनकर, उनसे कहा, “भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्तु बीमारों को है: मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को बुलाने आया हूँ।”
मारकुस 2:1-17 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
कुछ दिन बाद मसीह येशु के कफ़रनहूम नगर लौटने पर वहां यह समाचार फैल गया कि वह लौट आए हैं. वहां इतनी विशाल भीड़ इकट्ठी हो गई कि कहीं कोई स्थान शेष न रहा—यहां तक कि द्वार के सामने भी नहीं और मसीह येशु पवित्र शास्त्र की शिक्षा दे रहे थे. कुछ लोग एक लकवे के रोगी को उनके पास लाए, जिसे चार व्यक्तियों ने उठाया हुआ था. भीड़ के कारण वे मसीह येशु के पास पहुंचने में असमर्थ थे, इसलिये उन्होंने जहां मसीह येशु थे, वहां की कच्ची छत को हटाकर वहां से उस रोगी को बिछौने सहित नीचे उतार दिया. उनके इस विश्वास को देख मसीह येशु ने लकवे के रोगी से कहा, “पुत्र, तुम्हारे पाप क्षमा हो चुके हैं.” वहां मौज़ूद कुछ शास्त्री अपने मन में यह विचार करने लगे, “यह व्यक्ति ऐसा क्यों कह रहा है? यह तो परमेश्वर की निंदा कर रहा है! परमेश्वर के अतिरिक्त कौन पापों को क्षमा कर सकता है?” मसीह येशु को अपनी आत्मा में उसी क्षण यह मालूम हो गया कि वे इस प्रकार सोच-विचार कर रहे हैं. मसीह येशु ने उन्हें ही संबोधित करते हुए प्रश्न किया, “आप अपने मन में इस प्रकार सोच-विचार क्यों कर रहे हैं? लकवे के रोगी से क्या कहना सरल है, ‘तुम्हारे पाप क्षमा हुए’ या यह, ‘उठो! अपना बिछौना उठाकर चले जाओ’? किंतु इसका उद्देश्य यह है कि तुम्हें यह मालूम हो जाए कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा का अधिकार सौंपा गया है.” तब रोगी से येशु ने कहा, “उठो, अपना बिछौना उठाओ और अपने घर जाओ.” वह उठा और तत्काल अपना बिछौना समेटकर उन सबके देखते-देखते वहां से चला गया. इस पर वे सभी चकित रह गए तथा परमेश्वर की वंदना करते हुए कहने लगे, “ऐसा हमने कभी नहीं देखा.” तब मसीह येशु दोबारा सागर तट पर चले गए. एक विशाल भीड़ उनके पास आ गयी और वह उन्हें शिक्षा देने लगे. मार्ग में मसीह येशु ने हलफ़ेयॉस के पुत्र लेवी को कर-चौकी पर बैठा देखा. उन्होंने उन्हें आज्ञा दी, “मेरे पीछे आओ.” वह उठे और उनके साथ हो लिए. जब मसीह येशु लेवी के घर पर भोजन के लिए बैठे थे, अनेक चुंगी लेनेवाले तथा अपराधी व्यक्ति मसीह येशु तथा उनके शिष्यों के साथ भोजन कर रहे थे. एक बड़ी संख्या में लोग उनके पीछे हो लिए थे. मसीह येशु को अपराधी व्यक्तियों के साथ भोजन करते देख व्यवस्था के शिक्षकों ने, जो वास्तव में फ़रीसी थे, उनके शिष्यों से प्रश्न किया, “यह चुंगी लेनेवाले तथा अपराधी व्यक्तियों के साथ क्यों खाता-पीता है?” यह सुन मसीह येशु ने उन्हें ही संबोधित कर कहा, “वैद्य की ज़रूरत रोगी को होती है, स्वस्थ व्यक्ति को नहीं. मैं धर्मियों का नहीं परंतु पापियों का उद्धार करने आया हूं.”