चिंता
परमेश्वर की सामर्थ और उपस्थिति का अनुभव करना
आपको चोट लगने पर ,परमेश्वर कहाँ होते हैं ? समस्याओं में,उसे कैसे महसूस कर सकते हैं? वह दुविधाओं और भय को कैसे स्पष्टता और शान्ति में बदल देता है ? अनेकों भजन क्लेशों से प्रारंभ होकर परमेश्वर की उपस्तिथि और सामर्थ्य पे समाप्त होते हैं। उनकी शिक्षाओं को सीखने और पालन करने से, हमारी गवाही भी उनके समान हो जाती है। हम गहन आवश्यकताओं में परमेश्वर को पा सकते हैं।
चिन्ता
हमारा जीवन आसानी से चिंता और अज्ञात डर का अभिभूत हो सकता हैं।प्रभु ने हमें साहस का आत्मा दिया हैं, न की अज्ञात डर और चिंता का।इस सात दिवसी योजना से आप हर स्थिती में प्रभु की मदद के लिए निश्चिंत रहेंगे।चिंता का अंत प्रभु में विश्वास से ही हैं।
चिन्ता को उसी के रचे खेल में हराना
चिंता किसी भी प्रारूप में कमज़ोर बना सकती है क्योंकि यह हमें असंतुलित करके भयभीत बना देती है। हालांकि यह कहानी का अन्त नहीं है, क्योंकि प्रभु यीशु में हमें परेशानियों से मुक्ति और जय पाने का अनुग्रह मिलता है। हम केवल इस पर जय ही नहीं पाते वरन पहले से बेहतर बन जाते हैं। इसके लिए परमेश्वर के वचन और सुनिश्चित करने वाली परमेश्वर की उपस्थिति का धन्यवाद दें।
चिंता पर विजय
चिंता करने के लिए प्रवृत होते समय, हम उसे परमेश्वर को सौंप सकते हैं l वह हमारा ध्यान रखने में कभी नहीं थकता है l वह सबसे बुद्धिमान और सामर्थी है, और वह इन्हें हमारे लिए उपयोग करना चाहता है l तारों, नक्षत्रों को आज्ञा देनेवाला परमेश्वर हमारे चारों ओर अपनी बाहें फैलता है l जहां विश्वास आरम्भ होता है वहां चिंता समाप्त हो जाती है l परमेश्वर पर भरोसा करके चिंता पर विजय प्राप्त करें!