तेरा नाम पवित्र माना जाएनमूना
दिन 12
यहोवा शामा: प्रभु है
यहेजकेल 48:35....और उस दिन से शहर का नाम प्रभु है होगा।
उत्पत्ति की किताब परमेश्वर और आदम और हव्वा के बीच की घनिष्ठता से शुरू होती है। परंतु पाप ने बीच में आकर इस घनिश्ठता को नाश कर दिया। लेकिन परमेश्वर फिर से अपने लोगों को चुनकर उस रिश्ते को पुनर्स्थापित करता है। वह उन्हें गुलामी से छुड़ाकर उनके बीच, पहले बादल के खंभे में और आग में, फिर तम्बू में और फिर उसके बाद मन्दिर में रहता था।
परंतु उसके लोगों ने फिर भी पाप किये। और परमेश्वर की महिमा उनके लगातार अविश्वास योग्यता के कारण मन्दिर को छोड़कर चली गई। फिर भी यहेजकेल की किताब पुनर्स्थापना के समय के बारे में भविष्यवाणी करते हुए समाप्त होती है। प्रभु है।
जब यीशु ने मन्दिर में प्रवेश किया तब महिमा फिर से लौट आयी।
उसके क्रूसपर के पूर्ण कार्य के द्वारा आज हर एक व्यक्ति जो उसपर विश्वास करता है, वह परमेश्वर का मन्दिर बन जाता है। परमेश्वर आकर उनके अंदर रहने लगता है। सच में प्रभु है। यहोवा शामा।
1 कुरिन्थियों 3:16 ‘‘क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है?
मनुष्य के द्वारा बनाये गए मन्दिर जहाँ यीशु गए वह बाद में रोमियों के द्वारा नाश किए गए। परंतु अब भी परमेश्वर की महिमा उसके बनाए हुए मन्दिरों में से नही जाती जो आप और मैं हूँ।
यूहन्ना 14:16 ”और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।
पवित्र आत्मा हमारे साथ हमेशा के लिए बने रहेंगे। उत्पत्ति से लेकर परमेश्वर की मनुष्य के साथ घनिष्ठता बनाने की ईच्छा अब जाकर यीशु मसीह के कार्य के द्वारा पूर्ण हुई।
♥ प्रतिक्रियाः धन्यवाद प्रभु की आप हो। अब आप मेरे अंदर वास करते हो और मेरे पास आपका मन्दिर बनने का सौभाग्य है। मुझे आपके साथ सहभागिता में बुलाया गया है। आप मुझे कभी नही छोड़ोगे और कभी नही त्यागोगे। यीशु के नाम में।
घोषणाएँ:
धन्यवाद प्रभु, आपकी उपस्थिती मेरे साथ साथ जाती है और आप मुझे विश्राम देते हो। निर्गमन 33:14
धन्यवाद प्रभु, क्योंकि मुझे अनाथ नही छोड़ा गया है, परंतु आप हमारे पास आए हो। यूहन्ना 14:18
मैं धन्यवाद देता हुँ, क्योंकि पवित्र आत्मा मेरे शिक्षक है, और मुझे सब बातें सिखाते है। यूहन्ना 14:26
मैं आपको धन्यवाद देता हुँ, की पवित्र आत्मा जो मेरे सहायक है, मुझे आपने कही हुई हर एक बात याद दिलाते है। यूहन्ना 14:26
मैं आपको धन्यवाद देता हूँ, क्योंकि सत्य की आत्मा मेरी सारे सत्य में अगुवाई करेगी। यूहन्ना 16:13
मैं आपको धन्यवाद देता हुँ, क्योंकि पवित्र आत्मा मुझे आनेवाली चीजों के बारे में बताएँगे। यूहन्ना 16:13
मैं आपको धन्यवाद देता हूँ, प्रभु, यहाँ तक की सब मुझे त्याग देंगे, तब भी आप मेरे साथ खड़े रहकर मुझे ताकद से भरते रहोगे। 2 तीमुथियुस 4:17
प्रभु, होने दो की मैं आपके लिए हमेशा विश्राम का स्थान बना रहूँ।
भजनसंहिता 132:34
मैं आपको धन्यवाद देता हुँ, की मेरे बुढ़ापे के दिनों में भी आप मुझे उठाएँ चलोगे और मुझे छुड़ाओगे। यशायाह 46:4
प्रभु, मैं आपको धन्यवाद देता हुँ, क्योंकि आप मुझे कभी नही छोड़ोगे और कभी नही त्यागोगे। इब्रानियों 13:5
आइएँ प्रार्थना करें:
कलिसिया में एकता और सच्चे प्रेम के लिए प्रार्थना करे। विश्वास, आशा और प्रेम के वातावरण के लिए प्रार्थना करे। कलिसिया में आदर की संस्कृती के लिए प्रार्थना करे।
प्रार्थना करे की एक सच्ची सहभागिता रहे और सच्ची सामान्यता रहे, जहाँ हर एक व्यक्ति बाँधा जाए और उनकी जरूरते पूर्ण हो।
प्रार्थना करे की कलिसिया में 1000 ऐसे परिवार स्थापित हो, जो विश्वास योग्यता से प्रभु की सेवा करते है।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
यह पवित्र शास्त्र आपको इस बात पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा कि आपके लिए क्रूस पर यीशु की बलिदान की मृत्यु क्या है, आपको परमेश्वर के वचन की सच्चाई को स्वीकार करने और इन 21 दिनों के दौरान सरल बिंदुओं का उपयोग करके प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। मैं आपको उपवास, प्रार्थना और अपने जीवन को फिर से समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित करूंगा।
More
हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ लोकखंडवाला को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://www.facebook.com/pastorvijaynadar/