लूका 12
12
फरीस्या जस्यानका मत बणो
(मत्ती 10:26,27)
1 #
मत्ती 16:6; मर 8:15 अर फेर जद्या बा जळा जिका हजारू मनख आमा-सामा छीतर्या छा जद्या पेली ईसु खुदका चेला न्अ खेबा लाग्यो, “फरीस्या का खमीर सुं, ज्यो बाको कपट छ, बचता रिज्यो। 2#मर 4:22; लूक 8:17कांई बी छान्अ कोन्अ ज्यो चोड़अ कोन्अ कर्यो जावलो। अस्यानको कांई बी अण्जाण कोन्अ जिन्अ जाण्यो कोन्अ जावलो। 3जिसुं वे सबळी बाता ज्यांन्अ तु अन्धेरा मं खियो छ उजाळा मं सुणी जाव्अली। अर सूना कमरा मं ज्योबी तु कोई-कोई का कान मं खियो छ मकान की मेड़ी प सुं बताई जाव्अली।
कुण सुं ड़रपणी चायजे
(मत्ती 10:28–31)
4“पण म्हारा भायलाओ! म थान्अ खेऊ छु बासुं मत डरपो, ज्यो बस थांकी ई काया न्अ मार सक्अ छ अर बीक्अ पाछ्अ अस्यानको कांई बी बाका बसम्अ कोन्अ। 5म थान्अ दखाऊलो क थान्अ परमेसर सुं ड़रपणी चायजे। बीसुं डरपो ज्यो थान्अ मार'र नरक मं पटकबा की सक्ती रखाण्अ छ। हां म थान्अ बताऊ छु बस बीसुं ई डरपो।
6“कांई दो पिसा मं पांच चड़या कोन्अ बक्अ? फेरबी परमेसर बाम्असु एक न्अ बी कोन्अ भुल्अ। 7अर देखो थांका माथा का एक-एक बाळ गणेड़ो छ। डरपो मतो थे तो घणीसारी चड़या सुं बी सावटा मोल का छो।
(मत्ती 10:32,33; 12:32; 10:19,20)
8“पण मं थान्अ खेऊ छु ज्योबी मनख मन्अ सबळा मनखा क साम्अ मान लेव्अलो, मनख को छोरो बी बीन्अ सरग का परमेसर का सरगदूता क साम्अ मान लेव्अलो। 9पण ज्यो दूसरा क साम्अ मार बेई नट जावलो, बीन्अ परमेसर का सरगदूता क साम्अ नटयो जावलो।
10 #
मत्ती 12:32; मर 3:29 “अर बा हरेक मनखा न्अ तो छमा कर दियो जावलो ज्यो मनख का छोरा का बिरोध मं कोई सबद बोल्अ छ, पण ज्यो पवितर-आत्मा की बराई करअ छ बीन्अ छमा कोन्अ कर्यो जावलो।
11 #
मत्ती 10:19,20; मर 13:11; लूक 21:14,15 “तो जद्या वे थान्अ यहूदी धरम-सभा, राजा अर अधिकारयां क साम्अ लेर जाव्अ तो चंता मत करो क थे खुदन्अ कस्यान बचावला। या फेर थान्अ कांई खेणो छ। 12चंता मत करो क्युं क पवितर-आत्मा थान्अ सखाव्अलो क बी बगत थान्अ कांई बोलणी छ।”
बावळ्या भागवान को कस्सो
13फेर जळा मंसुं कोई बिन्अ खियो, “गरूजी, म्हारा भाई न्अ खेवो, क वो म्हारा बाप-दादा की जमीधरा न्अ बांट ले।”
14जद्या ईसु बान्अ खियो, “अरअ भला मनख, मन्अ थारो न्याऊ या फेर बांटो करबाळो कुण बणायो छ?” 15तो ईसु बीन्अ खियो, “सावधानी सुं सबळा लालच का कामा सुं बच्या रेवो। क्युं क जुरत सुं सावटा धन मं बी मनख को जीबो कोन्अ।”
16फेर वो बान्अ एक कस्सो सुणायो, “कोई भागवान मनख की जमी मं खूब नाज पैदा हियो। 17वो खुदका मन मं बच्यार कर खेबा लाग्यो, ‘म कांई करू, म्हारअ कन्अ नाज न्अ मेलबा बेई ठार तो छ्अई कोन्अ। 18फेर वो खियो, चोखो तो म अस्यान करू छु क खुदका नाज की ओबरया न्अ फोड़र बड़ी ओबरया बणाऊलो अर फेर सबळा नाज न्अ अर सबळा सामान न्अ बीम्अ मेल द्युलो। 19फेर खुदकी आत्मा न्अ खेऊलो, क म्हारी आत्मा अब घणीसारी चोखी-चोखी चीजा घणा बरसा बेई थार कन्अ भेळो छ घबराव मत, खा, पी अर मोज कर।’ 20पण परमेसर बीन्अ खियो, ‘अरअ मुरख, आज रयात मं ई थारी आत्मा तसुं लेली जाव्अली। ज्योबी तु तियार कर्यो छ बीन्अ कुण लेवलो?’”
21देखो बी मनख की लार बी अस्यान'ई हियो क “वो खुद बेई भंडार भर्यो छ पण परमेसर की नजरा मं वो भागवान कोन्अ छ।”
परमेसर माळ्अ भरोसो
(मत्ती 6:25–34)
22फेर वो खुदका चेला न्अ खियो, “जिसुं म थान्अ खेऊ छु, खुदका जीव की चंता मत करो क कांई खावला अर खुदकी काया की चंता बी मत करो क थे कांई फेरअला?” 23क्युं क जीव रोटी सुं अर काया लत्ता सुं सांवटी खास छ। 24कागला न्अ देखो वे न्अ तो बाव्अ अर न्अ काट्अ। न्अ बा कन्अ नाज की ओबरया अर न्अ भंडार। फेरबी परमेसर बान्अ चुगो देव्अ छ। थे तो कागला सुं घणा सावटा मोल का छो। 25थाम्अ सुं अस्यो कुण छ ज्यो चंता कर खुदकी उमर मं एक घड़ी बी ओर जोड़ सक्अ छ? 26क्युं क थे ई छोटासाक काम न्अ बी कोन्अ कर सक्अ तो ओर की चंता क्युं करो छो? 27कुमुदिनिया न्अ देखो, वे कस्यान उग्अ छ? न्अ तो वे बायेड़ो करअ अर न्अ लत्ता बणाव्अ, फेरबी म थान्अ खेऊ छु क सुलेमान खुदका सबळा सम्मान मं बाम्अ सुं एक की न्याई बी कोन्अ सज सक्यो। 28जिसुं जद्या मैदान की दोबड़ी न्अ ज्यो आज अण्डअ छ अर जिन्अ तड़क्अ भाड़ की आग मं बाळ दियो जावलो, परमेसर जद्या अस्यान का लत्ता सजाव्अ छ तो ओ कम बस्वासहाळावो, थान्अ तो वो ओर घणा सावटा लत्ता फेरावलो। 29अर चंता मत करो क कांई खावला अर कांई पिव्अला। या बेई बच्यार मत करो। 30क्युं क जगत का ओर दूसरा मनख या बेई भागरया छ पण थांको बाप तो जाण्अ छ क थान्अ या चीजा की जुरत छ। 31पण थे तो बीका राज की चंता करो। वे सबळी चीजा थान्अ मल जाव्अली।
(मत्ती 6:19–21)
32म्हारी भोळी-ढाळी लळड्याओ डरपो मतो, क्युं क थांको परमेसर थान्अ सरग को राज देबा बेई त्यार छ।
सांचो धन
33तो खुदकी माया-पुंजी न्अ बेचर गरीबा मं बांटद्यो। खुद कन्अ अस्यान की कोथळ्या रखाणो ज्यो कद्या बी पराणी कोन्अ हेव्अ। मतबल कद्या बी कोन्अ बीतबाळो धन सरग मं भेळो करो जण्ढ्अ बी ताणी कोई चोर बी कोन्अ जा सक्अ। अर न्अ बीन्अ किड़ा-मकोड़ा बगाड़ सक्अ। 34क्युं क जण्ढ्अ थांको धन छ उण्डअ थांको मन बी रेवलो।
सावचेत रेवो
35 #
मत्ती 25:1–13
थे सदा तियार रेवो अर खुदका दीया न्अ सदा जुप्यो रखाणो। 36#मर 13:34–36थे बा मनखा जस्या बणो ज्यो खुदका मालिक की बाठनाळता रेव छ क कद्या वो बियाव का जीम्बा मं सुं आवलो क वो आर कुवाड़ बजावे अर वे बेगासाक ई बी बेई कुवाड़ खोल दे। 37धनै छ वे सेवा करबाळा ज्यांन्अ मालिक जागता अर त्यार पावलो। म थान्अ सांची खेऊ छु क वो बी बाकी सेवा बेई तियार हे जावलो अर बान्अ खाबाकी चोकी प जीम्बा बेई बठाण्अलो। वो आवलो अर बान्अ रोटी खुवावलो। 38वो छाव्अ आधी रयात पेली आव्अ या फेर आधी रयात पाछ्अ आव्अ अर ज्यो बान्अ तियार पाव्अ छ तो वे दास धनै छ। 39#मत्ती 24:43,44ई बात बेई निस्चित रेवो क अर ज्यो घरका मालिक न्अ ई बात को तोल हेतो क चोर कसी बगत आवलो, तो वो बीन्अ घर मं चोरी कोन्अ करबा देतो। 40तो थे बी त्यार रेवो क्युं क मनख को छोरो असी बगत आवलो जिका बारा मं थे बच्यार बी कोन लगा सको।
बेईमान अर ईमानदार नोकर
(मत्ती 24:45–51)
41जद्या पतरस बुज्यो, “ह गरू, यो कस्सो तु म्हाक्अ बेई खेर्यो छ या फेर सबळा बेई?” 42ईसु बान्अ खियो, “तो फेर अस्यानको भरोसाळो अर बुध्दिहाळो मुनीम कुण हेवलो जिन्अ परबु खुदका सेवा करबाळा क उपरअ सई बगत प खाबा का सामान देबा बेई थरप्अलो?” 43वो सेवा करबाळो धनै छ जिन्अ बीको मालिक जद्या आव्अ तो वस्यान ई करतो पाव्अ। 44म थान्अ सांची खेऊ छु वो बीन्अ खुदकी सबळी माया-पुंजी क उपरअ अधिकारी बणाव्अ लो। 45पण वो सेवा करबाळो खुदका मन म अस्यान खेव्अ क म्हारो मालिक तो आबा मं घणी बार लगार्यो छ अर वो दूसरा सेवा करबाळा मनखा न्अ अर सेवा करबाळी बेरबान्या न्अ मारबो-कुटबो सरू करदे अर खाबा-पीबा मं अर मस्तानो हेबा लाग जावे। 46तोबी सेवा करबाळा को मालिक असे दन आवलो जिकी वो बच्यार बी कोन्अ कर्यो। एक असी बगत जिका बारा मं वो अचेत छ। फेर वो बी का टुकड़ा-टुकड़ा कर देव्अलो अर बीन्अ बस्वास कोन करबाळा क गाब्अ ठार देव्अलो। 47वो सेवा करबाळो ज्यो खुदका मालिक की मंसा जाण्अ छ अर बी बेई तियार कोन्अ हेव्अ या फेर जस्यान बीको मालिक छाव्अ वस्यान कोन्अ करअ तोबी सेवा करबाळा न्अ जोरा मार पड़्अली। 48पण वो जिन्अ खुदका मालिक की मंसा को ज्ञान कोन्अ अर कोई अस्यानको काम करदे ज्यो मार पड़बा जस्यान को हेव्अ तोबी बी सेवा करबाळा क कम मार पड़्अली। क्युं क बा सबळा मनखा सुं ज्यांन्अ सावटो मल में ल्यो छ सावटा की आस करी जाव छ। बी मनख सुं जिन्अ दूसरा मनख सावटो दे मल्या छ वे बीसुं सावटो ई मांग्अ छ।
न्यारा हेबा की बजे
(मत्ती 10:34–36)
49म जमी प एक आग लगाबा आयो छु, म घणु चाऊ क बा आग अबार सळग जाव्अ। 50#मर 10:38म्हारअ कन्अ एक बतिस्मो छ ज्यो मन्अ लेणो छ वो जद्या ताणी पूरो कोन्अ हे जाव्अ मं कतरो कळाचूक हेर्यो छु! 51“थे कांई बच्यार कर्या छो म ई धरती प सांति बणाबा बेई आयो छु? नई! म थान्अ बताऊ छु म तो बांटो कराबा आयो छु। 52क्युं क अबार सुं आग्अ एक घरका पांच मनख आमा-सामा बिरोध मं हे जावला। तीन दो का बिरोध मं अर दो तीन का बिरोध मं हे जावला। 53बाप बेटा का बिरोध मं अर छोरो बाप का बिरोध मं, माई बेटी का बिरोध मं अर बेटी माई का बिरोध मं, सासु बू का बिरोध मं अर बू सासु का बिरोध मं हे जाव्अली।”
बगत की पेंचाण
(मत्ती 16:2,3)
54फेर वो जळा न्अ खियो, “जद्या थे आथूणी ओड़ी सुं कोई बादळा न्अ चढ़तो देखो छो तो बेगासाक खे देवो छो क, बरखा आरी छ अर फेर अस्यान'ई हेव्अ छ। 55अर फेर जद्या लंका ओड़ी सुं बाळ चाल्अ छ तो थे खेवो छो, गरमी पड़्अली अर अस्यान'ई होव्अ छ। 56अरअ पाखण्डीवो! थे धरती अर आम्बर का रूप न्अ पढ़बो तो जाणो छो, फेर अस्यान क्युं छ क थे अबार की बगत न्अ पढ़बो कोन्अ जाणो?”
खुदका बेरी सुं राजीबो करबो
(मत्ती 5:25,26)
57“ज्यो सई छ बीको नण्णो लेबाळा थे खुदा-खुद क्युं कोन्अ बणो? 58जद्या थे खुदका बिरोधी की लार अधिकारयां कन्अ जार्या छो तो गेल्ला मेई उंकी लार राजीबो करबा की जोरी करो। नतरक्अ अस्यान कोन्अ हे जाव्अ क वो थान्अ न्याई का अधिकारी कन्अ ले जाव्अ अर वो थान्अ अधिकारयां न्अ देदे। अर अधिकारी थान्अ जैळ मं बन्द करदे। 59म थान्अ बताऊ छु, थे उण्डअ सुं जद्या ताणी कोन्अ छूट्अला जद्या ताणी पाई-पाई कोन्अ चुका देव्अला।”
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लूका 12
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फरीस्या जस्यानका मत बणो
(मत्ती 10:26,27)
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मत्ती 16:6; मर 8:15 अर फेर जद्या बा जळा जिका हजारू मनख आमा-सामा छीतर्या छा जद्या पेली ईसु खुदका चेला न्अ खेबा लाग्यो, “फरीस्या का खमीर सुं, ज्यो बाको कपट छ, बचता रिज्यो। 2#मर 4:22; लूक 8:17कांई बी छान्अ कोन्अ ज्यो चोड़अ कोन्अ कर्यो जावलो। अस्यानको कांई बी अण्जाण कोन्अ जिन्अ जाण्यो कोन्अ जावलो। 3जिसुं वे सबळी बाता ज्यांन्अ तु अन्धेरा मं खियो छ उजाळा मं सुणी जाव्अली। अर सूना कमरा मं ज्योबी तु कोई-कोई का कान मं खियो छ मकान की मेड़ी प सुं बताई जाव्अली।
कुण सुं ड़रपणी चायजे
(मत्ती 10:28–31)
4“पण म्हारा भायलाओ! म थान्अ खेऊ छु बासुं मत डरपो, ज्यो बस थांकी ई काया न्अ मार सक्अ छ अर बीक्अ पाछ्अ अस्यानको कांई बी बाका बसम्अ कोन्अ। 5म थान्अ दखाऊलो क थान्अ परमेसर सुं ड़रपणी चायजे। बीसुं डरपो ज्यो थान्अ मार'र नरक मं पटकबा की सक्ती रखाण्अ छ। हां म थान्अ बताऊ छु बस बीसुं ई डरपो।
6“कांई दो पिसा मं पांच चड़या कोन्अ बक्अ? फेरबी परमेसर बाम्असु एक न्अ बी कोन्अ भुल्अ। 7अर देखो थांका माथा का एक-एक बाळ गणेड़ो छ। डरपो मतो थे तो घणीसारी चड़या सुं बी सावटा मोल का छो।
(मत्ती 10:32,33; 12:32; 10:19,20)
8“पण मं थान्अ खेऊ छु ज्योबी मनख मन्अ सबळा मनखा क साम्अ मान लेव्अलो, मनख को छोरो बी बीन्अ सरग का परमेसर का सरगदूता क साम्अ मान लेव्अलो। 9पण ज्यो दूसरा क साम्अ मार बेई नट जावलो, बीन्अ परमेसर का सरगदूता क साम्अ नटयो जावलो।
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मत्ती 12:32; मर 3:29 “अर बा हरेक मनखा न्अ तो छमा कर दियो जावलो ज्यो मनख का छोरा का बिरोध मं कोई सबद बोल्अ छ, पण ज्यो पवितर-आत्मा की बराई करअ छ बीन्अ छमा कोन्अ कर्यो जावलो।
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मत्ती 10:19,20; मर 13:11; लूक 21:14,15 “तो जद्या वे थान्अ यहूदी धरम-सभा, राजा अर अधिकारयां क साम्अ लेर जाव्अ तो चंता मत करो क थे खुदन्अ कस्यान बचावला। या फेर थान्अ कांई खेणो छ। 12चंता मत करो क्युं क पवितर-आत्मा थान्अ सखाव्अलो क बी बगत थान्अ कांई बोलणी छ।”
बावळ्या भागवान को कस्सो
13फेर जळा मंसुं कोई बिन्अ खियो, “गरूजी, म्हारा भाई न्अ खेवो, क वो म्हारा बाप-दादा की जमीधरा न्अ बांट ले।”
14जद्या ईसु बान्अ खियो, “अरअ भला मनख, मन्अ थारो न्याऊ या फेर बांटो करबाळो कुण बणायो छ?” 15तो ईसु बीन्अ खियो, “सावधानी सुं सबळा लालच का कामा सुं बच्या रेवो। क्युं क जुरत सुं सावटा धन मं बी मनख को जीबो कोन्अ।”
16फेर वो बान्अ एक कस्सो सुणायो, “कोई भागवान मनख की जमी मं खूब नाज पैदा हियो। 17वो खुदका मन मं बच्यार कर खेबा लाग्यो, ‘म कांई करू, म्हारअ कन्अ नाज न्अ मेलबा बेई ठार तो छ्अई कोन्अ। 18फेर वो खियो, चोखो तो म अस्यान करू छु क खुदका नाज की ओबरया न्अ फोड़र बड़ी ओबरया बणाऊलो अर फेर सबळा नाज न्अ अर सबळा सामान न्अ बीम्अ मेल द्युलो। 19फेर खुदकी आत्मा न्अ खेऊलो, क म्हारी आत्मा अब घणीसारी चोखी-चोखी चीजा घणा बरसा बेई थार कन्अ भेळो छ घबराव मत, खा, पी अर मोज कर।’ 20पण परमेसर बीन्अ खियो, ‘अरअ मुरख, आज रयात मं ई थारी आत्मा तसुं लेली जाव्अली। ज्योबी तु तियार कर्यो छ बीन्अ कुण लेवलो?’”
21देखो बी मनख की लार बी अस्यान'ई हियो क “वो खुद बेई भंडार भर्यो छ पण परमेसर की नजरा मं वो भागवान कोन्अ छ।”
परमेसर माळ्अ भरोसो
(मत्ती 6:25–34)
22फेर वो खुदका चेला न्अ खियो, “जिसुं म थान्अ खेऊ छु, खुदका जीव की चंता मत करो क कांई खावला अर खुदकी काया की चंता बी मत करो क थे कांई फेरअला?” 23क्युं क जीव रोटी सुं अर काया लत्ता सुं सांवटी खास छ। 24कागला न्अ देखो वे न्अ तो बाव्अ अर न्अ काट्अ। न्अ बा कन्अ नाज की ओबरया अर न्अ भंडार। फेरबी परमेसर बान्अ चुगो देव्अ छ। थे तो कागला सुं घणा सावटा मोल का छो। 25थाम्अ सुं अस्यो कुण छ ज्यो चंता कर खुदकी उमर मं एक घड़ी बी ओर जोड़ सक्अ छ? 26क्युं क थे ई छोटासाक काम न्अ बी कोन्अ कर सक्अ तो ओर की चंता क्युं करो छो? 27कुमुदिनिया न्अ देखो, वे कस्यान उग्अ छ? न्अ तो वे बायेड़ो करअ अर न्अ लत्ता बणाव्अ, फेरबी म थान्अ खेऊ छु क सुलेमान खुदका सबळा सम्मान मं बाम्अ सुं एक की न्याई बी कोन्अ सज सक्यो। 28जिसुं जद्या मैदान की दोबड़ी न्अ ज्यो आज अण्डअ छ अर जिन्अ तड़क्अ भाड़ की आग मं बाळ दियो जावलो, परमेसर जद्या अस्यान का लत्ता सजाव्अ छ तो ओ कम बस्वासहाळावो, थान्अ तो वो ओर घणा सावटा लत्ता फेरावलो। 29अर चंता मत करो क कांई खावला अर कांई पिव्अला। या बेई बच्यार मत करो। 30क्युं क जगत का ओर दूसरा मनख या बेई भागरया छ पण थांको बाप तो जाण्अ छ क थान्अ या चीजा की जुरत छ। 31पण थे तो बीका राज की चंता करो। वे सबळी चीजा थान्अ मल जाव्अली।
(मत्ती 6:19–21)
32म्हारी भोळी-ढाळी लळड्याओ डरपो मतो, क्युं क थांको परमेसर थान्अ सरग को राज देबा बेई त्यार छ।
सांचो धन
33तो खुदकी माया-पुंजी न्अ बेचर गरीबा मं बांटद्यो। खुद कन्अ अस्यान की कोथळ्या रखाणो ज्यो कद्या बी पराणी कोन्अ हेव्अ। मतबल कद्या बी कोन्अ बीतबाळो धन सरग मं भेळो करो जण्ढ्अ बी ताणी कोई चोर बी कोन्अ जा सक्अ। अर न्अ बीन्अ किड़ा-मकोड़ा बगाड़ सक्अ। 34क्युं क जण्ढ्अ थांको धन छ उण्डअ थांको मन बी रेवलो।
सावचेत रेवो
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मत्ती 25:1–13
थे सदा तियार रेवो अर खुदका दीया न्अ सदा जुप्यो रखाणो। 36#मर 13:34–36थे बा मनखा जस्या बणो ज्यो खुदका मालिक की बाठनाळता रेव छ क कद्या वो बियाव का जीम्बा मं सुं आवलो क वो आर कुवाड़ बजावे अर वे बेगासाक ई बी बेई कुवाड़ खोल दे। 37धनै छ वे सेवा करबाळा ज्यांन्अ मालिक जागता अर त्यार पावलो। म थान्अ सांची खेऊ छु क वो बी बाकी सेवा बेई तियार हे जावलो अर बान्अ खाबाकी चोकी प जीम्बा बेई बठाण्अलो। वो आवलो अर बान्अ रोटी खुवावलो। 38वो छाव्अ आधी रयात पेली आव्अ या फेर आधी रयात पाछ्अ आव्अ अर ज्यो बान्अ तियार पाव्अ छ तो वे दास धनै छ। 39#मत्ती 24:43,44ई बात बेई निस्चित रेवो क अर ज्यो घरका मालिक न्अ ई बात को तोल हेतो क चोर कसी बगत आवलो, तो वो बीन्अ घर मं चोरी कोन्अ करबा देतो। 40तो थे बी त्यार रेवो क्युं क मनख को छोरो असी बगत आवलो जिका बारा मं थे बच्यार बी कोन लगा सको।
बेईमान अर ईमानदार नोकर
(मत्ती 24:45–51)
41जद्या पतरस बुज्यो, “ह गरू, यो कस्सो तु म्हाक्अ बेई खेर्यो छ या फेर सबळा बेई?” 42ईसु बान्अ खियो, “तो फेर अस्यानको भरोसाळो अर बुध्दिहाळो मुनीम कुण हेवलो जिन्अ परबु खुदका सेवा करबाळा क उपरअ सई बगत प खाबा का सामान देबा बेई थरप्अलो?” 43वो सेवा करबाळो धनै छ जिन्अ बीको मालिक जद्या आव्अ तो वस्यान ई करतो पाव्अ। 44म थान्अ सांची खेऊ छु वो बीन्अ खुदकी सबळी माया-पुंजी क उपरअ अधिकारी बणाव्अ लो। 45पण वो सेवा करबाळो खुदका मन म अस्यान खेव्अ क म्हारो मालिक तो आबा मं घणी बार लगार्यो छ अर वो दूसरा सेवा करबाळा मनखा न्अ अर सेवा करबाळी बेरबान्या न्अ मारबो-कुटबो सरू करदे अर खाबा-पीबा मं अर मस्तानो हेबा लाग जावे। 46तोबी सेवा करबाळा को मालिक असे दन आवलो जिकी वो बच्यार बी कोन्अ कर्यो। एक असी बगत जिका बारा मं वो अचेत छ। फेर वो बी का टुकड़ा-टुकड़ा कर देव्अलो अर बीन्अ बस्वास कोन करबाळा क गाब्अ ठार देव्अलो। 47वो सेवा करबाळो ज्यो खुदका मालिक की मंसा जाण्अ छ अर बी बेई तियार कोन्अ हेव्अ या फेर जस्यान बीको मालिक छाव्अ वस्यान कोन्अ करअ तोबी सेवा करबाळा न्अ जोरा मार पड़्अली। 48पण वो जिन्अ खुदका मालिक की मंसा को ज्ञान कोन्अ अर कोई अस्यानको काम करदे ज्यो मार पड़बा जस्यान को हेव्अ तोबी बी सेवा करबाळा क कम मार पड़्अली। क्युं क बा सबळा मनखा सुं ज्यांन्अ सावटो मल में ल्यो छ सावटा की आस करी जाव छ। बी मनख सुं जिन्अ दूसरा मनख सावटो दे मल्या छ वे बीसुं सावटो ई मांग्अ छ।
न्यारा हेबा की बजे
(मत्ती 10:34–36)
49म जमी प एक आग लगाबा आयो छु, म घणु चाऊ क बा आग अबार सळग जाव्अ। 50#मर 10:38म्हारअ कन्अ एक बतिस्मो छ ज्यो मन्अ लेणो छ वो जद्या ताणी पूरो कोन्अ हे जाव्अ मं कतरो कळाचूक हेर्यो छु! 51“थे कांई बच्यार कर्या छो म ई धरती प सांति बणाबा बेई आयो छु? नई! म थान्अ बताऊ छु म तो बांटो कराबा आयो छु। 52क्युं क अबार सुं आग्अ एक घरका पांच मनख आमा-सामा बिरोध मं हे जावला। तीन दो का बिरोध मं अर दो तीन का बिरोध मं हे जावला। 53बाप बेटा का बिरोध मं अर छोरो बाप का बिरोध मं, माई बेटी का बिरोध मं अर बेटी माई का बिरोध मं, सासु बू का बिरोध मं अर बू सासु का बिरोध मं हे जाव्अली।”
बगत की पेंचाण
(मत्ती 16:2,3)
54फेर वो जळा न्अ खियो, “जद्या थे आथूणी ओड़ी सुं कोई बादळा न्अ चढ़तो देखो छो तो बेगासाक खे देवो छो क, बरखा आरी छ अर फेर अस्यान'ई हेव्अ छ। 55अर फेर जद्या लंका ओड़ी सुं बाळ चाल्अ छ तो थे खेवो छो, गरमी पड़्अली अर अस्यान'ई होव्अ छ। 56अरअ पाखण्डीवो! थे धरती अर आम्बर का रूप न्अ पढ़बो तो जाणो छो, फेर अस्यान क्युं छ क थे अबार की बगत न्अ पढ़बो कोन्अ जाणो?”
खुदका बेरी सुं राजीबो करबो
(मत्ती 5:25,26)
57“ज्यो सई छ बीको नण्णो लेबाळा थे खुदा-खुद क्युं कोन्अ बणो? 58जद्या थे खुदका बिरोधी की लार अधिकारयां कन्अ जार्या छो तो गेल्ला मेई उंकी लार राजीबो करबा की जोरी करो। नतरक्अ अस्यान कोन्अ हे जाव्अ क वो थान्अ न्याई का अधिकारी कन्अ ले जाव्अ अर वो थान्अ अधिकारयां न्अ देदे। अर अधिकारी थान्अ जैळ मं बन्द करदे। 59म थान्अ बताऊ छु, थे उण्डअ सुं जद्या ताणी कोन्अ छूट्अला जद्या ताणी पाई-पाई कोन्अ चुका देव्अला।”
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