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मत्ती 12:36-37
पबितर बाईबल,समकालीन छत्तीसगढ़ी अनुवाद
पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि नियाय के दिन मनखेमन ला ओमन के मुहूं ले निकले हर एक बेकार बात के हिसाब देय पड़ही। काबरकि तुमन अपन गोठ के दुवारा निरदोस ठहिरहू अऊ अपन गोठ के दुवारा ही दोसी ठहिरहू।”
Palyginti
Naršyti मत्ती 12:36-37
2
मत्ती 12:34
हे जहरिला सांप के पीलामन हो! तुमन खराप मनखे अव अऊ सुघर गोठ कइसने कह सकथव? काबरकि जऊन बात ले दिल ह भरे रहिथे, ओहीच ह मुहूं ले निकलथे।
Naršyti मत्ती 12:34
3
मत्ती 12:35
बने मनखे ह अपन दिल के बने भंडार ले बने बातमन ला निकालथे, अऊ खराप मनखे ह अपन हिरदय म भरे खराप भंडार ले खराप बात निकालथे।
Naršyti मत्ती 12:35
4
मत्ती 12:31
एकरसेति, मेंह तुमन ला कहत हंव कि मनखेमन के हर एक पाप अऊ निन्दा ला छेमा करे जाही, पर पबितर आतमा के निन्दा ला छेमा नइं करे जावय।
Naršyti मत्ती 12:31
5
मत्ती 12:33
“बने रूख ला लगाहू, त ओमा सुघर फर धरही; यदि खराप रूख लगाहू, त ओमा खराप फर धरही; काबरकि रूख ह अपन फर ले चिनहे जाथे।
Naršyti मत्ती 12:33
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