फेर उसनै अपणे चेल्यां तै कह्या, “पके होए खेत्तां की तरियां लोग तो भोत सै जो परमेसवर के वचन नै सुणणा चाहवै सै, पर फसल काट्टण आळे की तरियां लोग कम सै जो जाकै परमेसवर का वचन सुणावै। इस करकै खेत के माल्लिक यानी परमेसवर तै बिनती करो, के वो और लोग्गां नै भेज्जै, ताके परमेसवर का वचन भोत सारे लोग्गां ताहीं सुणावै।”