1
लूक़ा 25:20
किताबे-मुक़द्दस
उसने कहा, “तो जो शहनशाह का है शहनशाह को दो और जो अल्लाह का है अल्लाह को।”
Palyginti
Naršyti लूक़ा 20:25
2
लूक़ा 17:20
ईसा ने उन पर नज़र डालकर पूछा, “तो फिर कलामे-मुक़द्दस के इस हवाले का क्या मतलब है कि ‘जिस पत्थर को मकान बनानेवालों ने रद्द किया, वह कोने का बुनियादी पत्थर बन गया’?
Naršyti लूक़ा 20:17
3
लूक़ा 46:20-47
“शरीअत के उलमा से ख़बरदार रहो! क्योंकि वह शानदार चोग़े पहनकर इधर-उधर फिरना पसंद करते हैं। जब लोग बाज़ारों में सलाम करके उनकी इज़्ज़त करते हैं तो फिर वह ख़ुश हो जाते हैं। उनकी बस एक ही ख़ाहिश होती है कि इबादतख़ानों और ज़ियाफ़तों में इज़्ज़त की कुरसियों पर बैठ जाएँ। यह लोग बेवाओं के घर हड़प कर जाते और साथ साथ दिखावे के लिए लंबी लंबी दुआएँ माँगते हैं। ऐसे लोगों को निहायत सख़्त सज़ा मिलेगी।”
Naršyti लूक़ा 20:46-47
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