1
लूक़ा 34:23
किताबे-मुक़द्दस
ईसा ने कहा, “ऐ बाप, इन्हें मुआफ़ कर, क्योंकि यह जानते नहीं कि क्या कर रहे हैं।” उन्होंने क़ुरा डालकर उसके कपड़े आपस में बाँट लिए।
Palyginti
Naršyti लूक़ा 23:34
2
लूक़ा 43:23
ईसा ने उससे कहा, “मैं तुझे सच बताता हूँ कि तू आज ही मेरे साथ फ़िर्दौस में होगा।”
Naršyti लूक़ा 23:43
3
लूक़ा 42:23
फिर उसने ईसा से कहा, “जब आप अपनी बादशाही में आएँ तो मुझे याद करें।”
Naršyti लूक़ा 23:42
4
लूक़ा 46:23
ईसा ऊँची आवाज़ से पुकार उठा, “ऐ बाप, मैं अपनी रूह तेरे हाथों में सौंपता हूँ।” यह कहकर उसने दम छोड़ दिया।
Naršyti लूक़ा 23:46
5
लूक़ा 33:23
चलते चलते वह उस जगह पहुँचे जिसका नाम खोपड़ी था। वहाँ उन्होंने ईसा को दोनों मुजरिमों समेत मसलूब किया। एक मुजरिम को उसके दाएँ हाथ और दूसरे को उसके बाएँ हाथ लटका दिया गया।
Naršyti लूक़ा 23:33
6
लूक़ा 44:23-45
बारह बजे से दोपहर तीन बजे तक पूरा मुल्क अंधेरे में डूब गया। सूरज तारीक हो गया और बैतुल-मुक़द्दस के मुक़द्दसतरीन कमरे के सामने लटका हुआ परदा दो हिस्सों में फट गया।
Naršyti लूक़ा 23:44-45
7
लूक़ा 47:23
यह देखकर वहाँ खड़े फ़ौजी अफ़सर ने अल्लाह की तमजीद करके कहा, “यह आदमी वाक़ई रास्तबाज़ था।”
Naršyti लूक़ा 23:47
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