मत्ती 5
5
पहाड़मे देलक उपदेश
(लूक. ६:२०-२३)
1मनैनके सभाहे देख्के येशू पहाड़के आँरितिर थोरचे ऊँच ठाउँमे गैलाँ। ऊ ओइन्हे शिक्षा देहक लग बैठ्गिलाँ। तब हुँकार चेलन हुँकार थेन अइलाँ। 2येशू असिक कती ओइन्हे शिक्षा देलाँ:
धन्य वचन
3“धन्य हुइँत उ मनै, जेने अपन लग परमेश्वरके जरुरीक महसुस करथाँ।
काकरेकी स्वर्गक राज ओइनेहेन्के हो।
4धन्य हुइँत उ मनै, जेने शोक करथाँ।
काकरेकी परमेश्वर ओइन्हे सान्त्वना दिहीँ।
5धन्य हुइँत उ मनै, जेने नम्र बताँ,
ओइन्केमे परमेश्वर अपन वाचा पूरा करहीँ।
6धन्य हुइँत उ मनै, जेने धार्मिक जीवन जिए चहथाँ।
काकरेकी परमेश्वर ओइन्के इच्छा पूरा करहीँ।
7धन्य हुइँत उ मनै, जेने दया करथाँ।
काकरेकी परमेश्वर ओइन्हे दया करहीँ।
8धन्य हुइँत उ मनै, जेनके मन शुद्ध बतिन।
काकरेकी ओइने परमेश्वरहे देख्हीँ।
9धन्य हुइँत उ मनै, जेने मेलमिलाप करवैथाँ।
काकरेकी ओइने परमेश्वरके सन्तान कहलाजिहीँ।
10धन्य हुइँत उ मनै, जेने धार्मिक जीवन जिलक कारण सट्वा पैथाँ।
काकरेकी स्वर्गक राज ओइनेहेँनके हुइतिन।”
11“धन्य हुइतो तुहुरे, जब मोरिक चेला हुइलक कारण मनै तुहुरिन्के निन्दा करहीँ और सतैहीँ और ठगके तुहुरिन्के विरोधमे सक्कु मेरके खराब बात बत्वैहीँ। 12तब् रमाऊ और गजब खुशी होऊ। काकरेकी तुहुरिन्के बहुत भारी ईनाम स्वर्गमे धारल बा। काकरेकी अस्तेके बहुत समय आघे परमेश्वरके अगमवक्तनहे ओइने सताइल रहिँत।”
नोन और ओजरार
(मर्कू. ९:५०; लूक. १४:३४-३५)
13येशू कलाँ, “तुहुरे पृथ्वीक मनैनके लग नोन हस हुइतो, पर नोनक स्वाद चलजाई कलेसे उहिहे फेनदोस्रे कसिके नोनार बनैना ते? उ ते बाहेर फेँकैना और मनैनके गोरालेके दब्ना बाहेक दोसुर कौनो कामके नै रहिजाइत।”
14“तुहुरे सारा संसारके मनैनके लग ओजरार हस हुइतो। पहाड़मे बैठागिलक नगर नुके नै सेकत। 15केऊ फेन दियाहे नानके छिटुवक तरे नै धारत! यिहिहे एकथो दिउँतमे धारजाजाइत, ताकि घरेम रहल सक्कुहुनहे यकर ओजरार मिले सेके। 16अस्तेहेँके तुहुरिन्के ओजरार मनैनके आघे चम्के। और ओइने तुहुरिन्के मजा काम देखिँत। और स्वर्गमे रहुइया तुहुरिन्के बाबक महिमा करिँत्।”
मोशक नियम कानुनहे पालन करना
17येशू कलाँ, “मै मोशक नियम कानुन और परमेश्वरके अगमवक्तनके लिखल बात हटाई अइनु कहिके ना सोँचो, पर मै उहिहे पूरा करे आइल बतुँ, हटाई नै अइनु। 18जात्तिके मै तुहुरिन्हे कहतुँ, आकाश और धर्ती नै बितत सम् और मोशक नियम कानुनके सक्कु भविष्यवाणी पूरा नै हुइतसम परमेश्वरके मोशक नियम कानुनमेसे कुछु फेन (यहाँसम कि) एकथो मात्रा या एकथो बुन्दा फेन नै हटी। 19तबेकमारे जे यी छुटिसे छुटी आज्ञामेसे कौनो एकथोहे फेन पालन नै करी, और मनैनहे ओस्तेहेँ करक सिखाई कलेसे परमेश्वरके राजमे ऊ सक्कुहुनसे छुटी कहलाजाई। पर जे फेन ओकर पालन करी और मनैनहे फेन ओस्तेहेँ सिखाई, वहे परमेश्वरके राजमे सक्कुहुनसे भारी कहलाजाई। 20काकरेकी मै तुहुरिन्हे कहतुँ, कि यदि तुहुरे यहूदी कानुनके गुरुनसे और फरिसीनसे मजासे कानुन पालन नै करबो कलेसे तुहुरे स्वर्गक राजमे कबु जाई नै सेक्बो।”
क्रोध और हत्या
21येशू कलाँ, “तुहुरे सुनल बतो, मोशक नियम कानुनमे हमार पुर्खनहे कहिगिल रहिन, ‘तैँ हत्या नै करिस’; और ‘जे हत्या करी ऊ दण्ड पैना योग्यक हुई।’ 22पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जे किहुसे फेन रिसिबी करी परमेश्वर उहिहे दण्ड दिहीँ। और जे केक्रो फेन अपमान करी, ऊ महासभामे दण्ड भेटाई। पर जे किहुहे ‘तैँ मूर्ख’ कहिके कही कलेसे ऊ नरकके आगीमे परना जोखिममे रही। 23तबेकमारे यदि तुँ अपन दान मन्दिरमे नन्लो, और तुहिन्से केऊ रिसाइल बा कना बात तुहिन्हे वहाँ याद हुइल कलेसे, 24तोहाँरिक दान वहे वेदीक आघे छोरो और जाऊ। सुरुमे उहिसे मिलाप करो और ओकरपाछे आके अपन दान परमेश्वरहे चह्राऊ।”
25“अदालतमे जाइबेर तोहाँरिक विपक्षक मनैयासे डग्रेहेमे मिलाप करलेऊ। नै ते विपक्षक मनैया तुहिन्हे न्यायधीशके हाँथेम सौँपदि। और न्यायधीश अफिसरके हाँथेम सौँपदि। और तुँ झेलमे परजिबो। 26जात्तिके, मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जबसम तुँ ओकर सक्कु कर्जा चुक्ता नै करदेबो, तबसम् तुँ झेलमेसे छुटे नै भेटैबो।”
व्यभिचार नै करना बारेमे शिक्षा
27येशू कलाँ, “तुहुरे सुनल बतो, मोशक नियम कानुनमे हमार पुर्खनहे कहिगिल रहिन, ‘तैँ व्यभिचार ना करिस।’ 28पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जे कौनो स्त्रीहे छिन्द्राहा नजरसे हेरत, उ आग्गिहीँसे अपन मनमे ओकर संग व्यभिचार कर सेकल रहत। 29पाप कर्नक कौनो फेन कारणहे हटादेऊ! जसिके तुहुरे कौनो अपन एकथो आँखी निकारतो, जे तुहुरिन्हे पाप करवाइत! काकरेकी तोहाँर सर्जे शरीर नरकमे फेँकाजैनासे ते, बेन तोहाँर अङ्गमेसे एकथो गुमैना तोहाँर लग मजा हुई। 30पाप कर्नक कौनो फेन कारणहे हटादेऊ! जसिके कि तुहुरे कौनो अपन एकथो हाँथ काटतो, जे तुहुरिन्हे पाप करवाइत! काकरेकी तोहाँरिक सर्जे शरीर नरकमे फेँकाजैनासे ते, बेन तोहाँर अङ्गमेसे एकथो गुमैना तोहाँर लग मजा हुई।”
छुट्पत्तरके बारेमे शिक्षा
(मर्कू. १०:११-१२; लूक. १६:१८)
31“हमार पुर्खनहे नियम और कानुनके बारेमे असिके कहिगिल रहिन, कि ‘जे अपन जन्नीहे छोरत, ऊ उहिहे छुट्पत्तर लिखदेहे।’ 32पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जे अपन जन्नीहे व्यभिचारके कारण बाहेक दोसुर कारणसे छुट्पत्तर दि कलेसे, ऊ उहिहे व्यभिचारिणी बनाइत, और जे छोरल जन्नीक संग भोज करी, ऊ व्यभिचार करी।”
कसम और सच्चाई
33येशू कलाँ, “फेनदोस्रे तुहुरे सुनल बतो, मोशक नियम कानुनमे हमार पुर्खनहे कहिगिल रहिन, ‘तैँ झूँटा कसम ना खाईस, पर जोन वाचा तैँ परमेश्वरसे कर्बे, उ वाचा तैँ पूरा करिस।’ 34पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, कसम खैबे ना करो। स्वर्गक नाउँमे कसम जिन खाऊ, काकरेकी उ परमेश्वरके सिंहासन हो, 35ना ते धर्तीक, काकरेकी धर्तीमे ऊ अपन पौली धरथाँ, ना ते यरुशलेम शहरके, काकरेकी यरुशलेम शहर महाराजा परमेश्वरके हो। 36अपन कपारिक कसम जिन खाऊ, काकरेकी तुँ एकथो भुट्लाहे उज्जर या करिया बनाई नै सेक्बो। 37तुहुरिन्के कहल बात भर ‘हो’ कलेसे ‘हो,’ ‘नै हो’ कलेसे ‘नै हो,’ किल होए। काकरेकी ज्या यिहिन्से धेउर हुइत, उ शैतानके ओहोँरसे हुइत।”
बद्ला नै लेना
(लूक. ६:२७-३६)
38येशू कलाँ, “तुहुरे सुनल बतो कि मोशक नियम कानुनमे असिके लिखल बा, ‘आँखीक बदला आँखी और दाँतके बदला दाँत।’ 39पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, ऊ मनैयासे बदला जिन लेऊ, जे तोहाँर संग गलत कर्ले बा। केऊ तोहाँर दाहिन गालमे चट्काई कलेसे उहिहे दोसुर गाल फेन दोगदेऊ। 40यदि कौनो मनैया दोष लगाके मुद्दा चलाके तोहाँरिक झुल्वा लेना दाबी करता कलेसे, उहिहे तोहाँरिक कोट फेन दैदेऊ। 41यदि कौनो सिपाही अपन झोला बोकाके तुहिन्हे एक किलोमिटर जैना बाध्य बनाइता कलेसे, ओकर संग दुई किलोमिटर जादेऊ।”
दुश्मनहे प्रेम करो
42“तुहिन्से मगुइयाहे देऊ और तुहिन्से कर्जा लेहे चहुइयाहे मनाही ना करो। 43तुहुरे असिक कहत सुनल बतो कि मोशक नियम कानुनमे असिके लिखल बा, ‘अपन परोसीहे प्रेम करो और अपन दुश्मनहे घृणा करो।’ 44पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, अपन दुश्मनहे प्रेम करो और तुहुरिन्हे सतुइयनके लग प्राथना करो, 45तुहुरे असिके कर्बो कलेसे स्वर्गमे रहुइया अपन बाबक सन्तान हुइबो। ऊ खराब और मजा दुनु मनैनहे सूर्यक ताप देथाँ, और धर्मी और पापी दुनु मनैनके लग पानी बर्सैथाँ। 46काकरेकी यदि तुहुरिन्हे प्रेम करुइयनहे किल प्रेम करथो कलेसे परमेश्वर तुहुरिन्हे ओकर ईनाम नै दिहीँ। काकरेकी कर उठुइयन फेन अस्तेहेँके करथाँ।”
47“तुहुरे अपन दादू-भैयनहे किल नमस्कार करथो कलेसे दोसुर मनैनके तुलनामे ओइन्से धेउर मजा नै करथुइतो। काकरेकी गैर-यहूदिनके फेन, जेने परमेश्वरके कानुन पालन नै करथाँ, ओइने फेन ओस्तेहेँके करथाँ। 48तबेकमारे जबफेन वहे काम करहो, जोन ठिक हो, और जिहिसे पता चले कि तुहुरे सक्कु जहनहे प्रेम करथो। जसिके स्वर्गमे रहुइया तुहुरिन्के बाबा वहे काम करत, जोन काम यी देखाइत कि ऊ सक्कुहुनहे प्रेम करथाँ।”
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पहाड़मे देलक उपदेश
(लूक. ६:२०-२३)
1मनैनके सभाहे देख्के येशू पहाड़के आँरितिर थोरचे ऊँच ठाउँमे गैलाँ। ऊ ओइन्हे शिक्षा देहक लग बैठ्गिलाँ। तब हुँकार चेलन हुँकार थेन अइलाँ। 2येशू असिक कती ओइन्हे शिक्षा देलाँ:
धन्य वचन
3“धन्य हुइँत उ मनै, जेने अपन लग परमेश्वरके जरुरीक महसुस करथाँ।
काकरेकी स्वर्गक राज ओइनेहेन्के हो।
4धन्य हुइँत उ मनै, जेने शोक करथाँ।
काकरेकी परमेश्वर ओइन्हे सान्त्वना दिहीँ।
5धन्य हुइँत उ मनै, जेने नम्र बताँ,
ओइन्केमे परमेश्वर अपन वाचा पूरा करहीँ।
6धन्य हुइँत उ मनै, जेने धार्मिक जीवन जिए चहथाँ।
काकरेकी परमेश्वर ओइन्के इच्छा पूरा करहीँ।
7धन्य हुइँत उ मनै, जेने दया करथाँ।
काकरेकी परमेश्वर ओइन्हे दया करहीँ।
8धन्य हुइँत उ मनै, जेनके मन शुद्ध बतिन।
काकरेकी ओइने परमेश्वरहे देख्हीँ।
9धन्य हुइँत उ मनै, जेने मेलमिलाप करवैथाँ।
काकरेकी ओइने परमेश्वरके सन्तान कहलाजिहीँ।
10धन्य हुइँत उ मनै, जेने धार्मिक जीवन जिलक कारण सट्वा पैथाँ।
काकरेकी स्वर्गक राज ओइनेहेँनके हुइतिन।”
11“धन्य हुइतो तुहुरे, जब मोरिक चेला हुइलक कारण मनै तुहुरिन्के निन्दा करहीँ और सतैहीँ और ठगके तुहुरिन्के विरोधमे सक्कु मेरके खराब बात बत्वैहीँ। 12तब् रमाऊ और गजब खुशी होऊ। काकरेकी तुहुरिन्के बहुत भारी ईनाम स्वर्गमे धारल बा। काकरेकी अस्तेके बहुत समय आघे परमेश्वरके अगमवक्तनहे ओइने सताइल रहिँत।”
नोन और ओजरार
(मर्कू. ९:५०; लूक. १४:३४-३५)
13येशू कलाँ, “तुहुरे पृथ्वीक मनैनके लग नोन हस हुइतो, पर नोनक स्वाद चलजाई कलेसे उहिहे फेनदोस्रे कसिके नोनार बनैना ते? उ ते बाहेर फेँकैना और मनैनके गोरालेके दब्ना बाहेक दोसुर कौनो कामके नै रहिजाइत।”
14“तुहुरे सारा संसारके मनैनके लग ओजरार हस हुइतो। पहाड़मे बैठागिलक नगर नुके नै सेकत। 15केऊ फेन दियाहे नानके छिटुवक तरे नै धारत! यिहिहे एकथो दिउँतमे धारजाजाइत, ताकि घरेम रहल सक्कुहुनहे यकर ओजरार मिले सेके। 16अस्तेहेँके तुहुरिन्के ओजरार मनैनके आघे चम्के। और ओइने तुहुरिन्के मजा काम देखिँत। और स्वर्गमे रहुइया तुहुरिन्के बाबक महिमा करिँत्।”
मोशक नियम कानुनहे पालन करना
17येशू कलाँ, “मै मोशक नियम कानुन और परमेश्वरके अगमवक्तनके लिखल बात हटाई अइनु कहिके ना सोँचो, पर मै उहिहे पूरा करे आइल बतुँ, हटाई नै अइनु। 18जात्तिके मै तुहुरिन्हे कहतुँ, आकाश और धर्ती नै बितत सम् और मोशक नियम कानुनके सक्कु भविष्यवाणी पूरा नै हुइतसम परमेश्वरके मोशक नियम कानुनमेसे कुछु फेन (यहाँसम कि) एकथो मात्रा या एकथो बुन्दा फेन नै हटी। 19तबेकमारे जे यी छुटिसे छुटी आज्ञामेसे कौनो एकथोहे फेन पालन नै करी, और मनैनहे ओस्तेहेँ करक सिखाई कलेसे परमेश्वरके राजमे ऊ सक्कुहुनसे छुटी कहलाजाई। पर जे फेन ओकर पालन करी और मनैनहे फेन ओस्तेहेँ सिखाई, वहे परमेश्वरके राजमे सक्कुहुनसे भारी कहलाजाई। 20काकरेकी मै तुहुरिन्हे कहतुँ, कि यदि तुहुरे यहूदी कानुनके गुरुनसे और फरिसीनसे मजासे कानुन पालन नै करबो कलेसे तुहुरे स्वर्गक राजमे कबु जाई नै सेक्बो।”
क्रोध और हत्या
21येशू कलाँ, “तुहुरे सुनल बतो, मोशक नियम कानुनमे हमार पुर्खनहे कहिगिल रहिन, ‘तैँ हत्या नै करिस’; और ‘जे हत्या करी ऊ दण्ड पैना योग्यक हुई।’ 22पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जे किहुसे फेन रिसिबी करी परमेश्वर उहिहे दण्ड दिहीँ। और जे केक्रो फेन अपमान करी, ऊ महासभामे दण्ड भेटाई। पर जे किहुहे ‘तैँ मूर्ख’ कहिके कही कलेसे ऊ नरकके आगीमे परना जोखिममे रही। 23तबेकमारे यदि तुँ अपन दान मन्दिरमे नन्लो, और तुहिन्से केऊ रिसाइल बा कना बात तुहिन्हे वहाँ याद हुइल कलेसे, 24तोहाँरिक दान वहे वेदीक आघे छोरो और जाऊ। सुरुमे उहिसे मिलाप करो और ओकरपाछे आके अपन दान परमेश्वरहे चह्राऊ।”
25“अदालतमे जाइबेर तोहाँरिक विपक्षक मनैयासे डग्रेहेमे मिलाप करलेऊ। नै ते विपक्षक मनैया तुहिन्हे न्यायधीशके हाँथेम सौँपदि। और न्यायधीश अफिसरके हाँथेम सौँपदि। और तुँ झेलमे परजिबो। 26जात्तिके, मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जबसम तुँ ओकर सक्कु कर्जा चुक्ता नै करदेबो, तबसम् तुँ झेलमेसे छुटे नै भेटैबो।”
व्यभिचार नै करना बारेमे शिक्षा
27येशू कलाँ, “तुहुरे सुनल बतो, मोशक नियम कानुनमे हमार पुर्खनहे कहिगिल रहिन, ‘तैँ व्यभिचार ना करिस।’ 28पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जे कौनो स्त्रीहे छिन्द्राहा नजरसे हेरत, उ आग्गिहीँसे अपन मनमे ओकर संग व्यभिचार कर सेकल रहत। 29पाप कर्नक कौनो फेन कारणहे हटादेऊ! जसिके तुहुरे कौनो अपन एकथो आँखी निकारतो, जे तुहुरिन्हे पाप करवाइत! काकरेकी तोहाँर सर्जे शरीर नरकमे फेँकाजैनासे ते, बेन तोहाँर अङ्गमेसे एकथो गुमैना तोहाँर लग मजा हुई। 30पाप कर्नक कौनो फेन कारणहे हटादेऊ! जसिके कि तुहुरे कौनो अपन एकथो हाँथ काटतो, जे तुहुरिन्हे पाप करवाइत! काकरेकी तोहाँरिक सर्जे शरीर नरकमे फेँकाजैनासे ते, बेन तोहाँर अङ्गमेसे एकथो गुमैना तोहाँर लग मजा हुई।”
छुट्पत्तरके बारेमे शिक्षा
(मर्कू. १०:११-१२; लूक. १६:१८)
31“हमार पुर्खनहे नियम और कानुनके बारेमे असिके कहिगिल रहिन, कि ‘जे अपन जन्नीहे छोरत, ऊ उहिहे छुट्पत्तर लिखदेहे।’ 32पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जे अपन जन्नीहे व्यभिचारके कारण बाहेक दोसुर कारणसे छुट्पत्तर दि कलेसे, ऊ उहिहे व्यभिचारिणी बनाइत, और जे छोरल जन्नीक संग भोज करी, ऊ व्यभिचार करी।”
कसम और सच्चाई
33येशू कलाँ, “फेनदोस्रे तुहुरे सुनल बतो, मोशक नियम कानुनमे हमार पुर्खनहे कहिगिल रहिन, ‘तैँ झूँटा कसम ना खाईस, पर जोन वाचा तैँ परमेश्वरसे कर्बे, उ वाचा तैँ पूरा करिस।’ 34पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, कसम खैबे ना करो। स्वर्गक नाउँमे कसम जिन खाऊ, काकरेकी उ परमेश्वरके सिंहासन हो, 35ना ते धर्तीक, काकरेकी धर्तीमे ऊ अपन पौली धरथाँ, ना ते यरुशलेम शहरके, काकरेकी यरुशलेम शहर महाराजा परमेश्वरके हो। 36अपन कपारिक कसम जिन खाऊ, काकरेकी तुँ एकथो भुट्लाहे उज्जर या करिया बनाई नै सेक्बो। 37तुहुरिन्के कहल बात भर ‘हो’ कलेसे ‘हो,’ ‘नै हो’ कलेसे ‘नै हो,’ किल होए। काकरेकी ज्या यिहिन्से धेउर हुइत, उ शैतानके ओहोँरसे हुइत।”
बद्ला नै लेना
(लूक. ६:२७-३६)
38येशू कलाँ, “तुहुरे सुनल बतो कि मोशक नियम कानुनमे असिके लिखल बा, ‘आँखीक बदला आँखी और दाँतके बदला दाँत।’ 39पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, ऊ मनैयासे बदला जिन लेऊ, जे तोहाँर संग गलत कर्ले बा। केऊ तोहाँर दाहिन गालमे चट्काई कलेसे उहिहे दोसुर गाल फेन दोगदेऊ। 40यदि कौनो मनैया दोष लगाके मुद्दा चलाके तोहाँरिक झुल्वा लेना दाबी करता कलेसे, उहिहे तोहाँरिक कोट फेन दैदेऊ। 41यदि कौनो सिपाही अपन झोला बोकाके तुहिन्हे एक किलोमिटर जैना बाध्य बनाइता कलेसे, ओकर संग दुई किलोमिटर जादेऊ।”
दुश्मनहे प्रेम करो
42“तुहिन्से मगुइयाहे देऊ और तुहिन्से कर्जा लेहे चहुइयाहे मनाही ना करो। 43तुहुरे असिक कहत सुनल बतो कि मोशक नियम कानुनमे असिके लिखल बा, ‘अपन परोसीहे प्रेम करो और अपन दुश्मनहे घृणा करो।’ 44पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, अपन दुश्मनहे प्रेम करो और तुहुरिन्हे सतुइयनके लग प्राथना करो, 45तुहुरे असिके कर्बो कलेसे स्वर्गमे रहुइया अपन बाबक सन्तान हुइबो। ऊ खराब और मजा दुनु मनैनहे सूर्यक ताप देथाँ, और धर्मी और पापी दुनु मनैनके लग पानी बर्सैथाँ। 46काकरेकी यदि तुहुरिन्हे प्रेम करुइयनहे किल प्रेम करथो कलेसे परमेश्वर तुहुरिन्हे ओकर ईनाम नै दिहीँ। काकरेकी कर उठुइयन फेन अस्तेहेँके करथाँ।”
47“तुहुरे अपन दादू-भैयनहे किल नमस्कार करथो कलेसे दोसुर मनैनके तुलनामे ओइन्से धेउर मजा नै करथुइतो। काकरेकी गैर-यहूदिनके फेन, जेने परमेश्वरके कानुन पालन नै करथाँ, ओइने फेन ओस्तेहेँके करथाँ। 48तबेकमारे जबफेन वहे काम करहो, जोन ठिक हो, और जिहिसे पता चले कि तुहुरे सक्कु जहनहे प्रेम करथो। जसिके स्वर्गमे रहुइया तुहुरिन्के बाबा वहे काम करत, जोन काम यी देखाइत कि ऊ सक्कुहुनहे प्रेम करथाँ।”
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