एक दिन जब वह रोज़ा रखकर ख़ुदावंद की परस्तिश कर रहे थे तो रूहुल-क़ुद्स उनसे हमकलाम हुआ, “बरनबास और साऊल को उस ख़ास काम के लिए अलग करो जिसके लिए मैंने उन्हें बुलाया है।”
इस पर उन्होंने मज़ीद रोज़े रखे और दुआ की, फिर उन पर अपने हाथ रखकर उन्हें रुख़सत कर दिया।