क्या तुम्हें मेरा कोई भय नहीं?” यह याहवेह की वाणी है.
“क्या मेरी उपस्थिति में तुम्हें थरथराहट नहीं हो जाती?
सागर की सीमा-निर्धारण के लिए मैंने बांध का प्रयोग किया है,
यह एक सनातन आदेश है, तब वह सीमा तोड़ नहीं सकता.
लहरें थपेड़े अवश्य मारती रहती हैं, किंतु वे सीमा पर प्रबल नहीं हो सकती;
वे कितनी ही गरजना करे, वे सीमा पार नहीं कर सकती.