“युहदी-धरम ना मास्तर्या सी चेतीन रेवो। काहाके तीमने नाम्बलु डगलु पेरवा वारु गमे, अने हाट मे बीजा माणहु ना मोडे ‘वारु से के?’ पुसे ता तीमने वारु गमे। अने भगवान ना भक्ती ना घोर मे पेल्नी कुड़ची पोर बहवा, अने पंगात मे पेल्नो जागो हात करवा, तीमने घणु वारु गमे। आहया रंडायला बयरा ना घोरु ने लुट लेय, अने बीजा माणहु ने देखाड़वा करीन नाम्बी वीन्ती करे। हीमने भगवान वगे गेथो नीयाव नो डंड जादा जड़हे।”