ईन्देंखे कियो पंण्मिश्वर आप्णे छाँटे अंदें, का नियाँव करदा ने; जुण्जे लोग रात्ती-देसो प्रभू के नाँव का जाप कर्दे रंह? कियों से तिनू लोगो के बारे दी किऐ देर कर्दे? ऐशो ने हंदी। हाँव तुँओं खे बुलू, के पंण्मिश्वर बिना देर करे बिना, ही तैख्णी तिन का नियाँव कर्ले; अरह् जबे आदमी का बैटा आला, तअ कियों से धर्ती गाशी कोसी दा बिश्वाष दे:ख्ला?”