“यहूदी कानुनके गुरुनसे हौश्यार रहो! ओइने यी बात मन परैथाँ, कि सार्वजनिक ठाउँमे मनै ओइन्हे झोहर और महिँगा लुग्गा घालल देखिँत। और ओइन्हे यी मजा लग्थिन कि बजारमे मनै ओइन्हे आदरसे नमस्कार करिँत्। ओइन्हे बैठक भवनहुँक्रिहिनमे और कौनो फेन उत्सवके खाना खाइबेर आदरके ठाउँमे बैठ्ना मजा लग्थिन। ओइने छल करके विधवनके सम्पतिहे लुटलेथाँ। और ओइने सार्वजनिक रुपसे नम्मा समयसम प्राथना करथाँ। ताकि मनै यी सोचिँत कि ओइने मजा बताँ। पक्कै फेन ओइन्हे परमेश्वर कड़ा सजाय दिहिन।”