येशू कलाँ, “दिन, जोन्ह्याँ और तोरैँयनकेमे अचम्मक चिन्हा देखा परी, और पृथ्वीमे रहल देश-देशके जातिजातिन संकटमे परजिहीँ। काकरेकी ओइने समुन्दरके गर्जन और छालके हल्लासे घब्राजिहीँ। डरके कारण और संसारमे हुई अइना घटनक बात देख्ति-देख्ति मनै मूर्छा परहीँ। काकरेकी आकाशके सक्कु शक्ति यहोँरओहोँर डगमगाजिहीँ। ओकरपाछे मै, मनैयक छावाहे शक्ति और बरवार महिमक संग बद्रीमे अइति रहल ओइने देख्हीँ।