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स्तोत्र 124

124
स्तोत्र 124
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. दावीद की रचना.
1यदि हमारे पक्ष में याहवेह न होते—
इस्राएली राष्ट्र यही कहे—
2यदि हमारे पक्ष में याहवेह न होते
जब मनुष्यों ने हम पर आक्रमण किया था,
3जब उनका क्रोध हम पर भड़क उठा था
वे हमें जीवित ही निगल गए होते;
4बाढ़ ने हमें जलमग्न कर दिया होता,
जल प्रवाह हमें बहा ले गया होता,
5उग्र जल प्रवाह
हमें दूर बहा ले गया होता.
6स्तवन हो याहवेह का,
जिन्होंने हमें उनके दांतों से फाड़े जाने से बचा लिया है.
7हम उस पक्षी के समान हैं,
जो बहेलिए के जाल से बच निकला है;
वह जाल टूट गया,
और हम बच निकले.
8हमारी सहायता याहवेह के नाम से है,
जो स्वर्ग और पृथ्वी के कर्ता हैं.

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