स्तोत्र 133
133
स्तोत्र 133
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. दावीद की रचना.
1कैसी आदर्श और मनोरम है
वह स्थिति जब भाइयों में परस्पर एकता होती है!
2यह वैसी ही मनोरम स्थिति है, जब सुगंध द्रव्य पुरोहित के सिर पर उंडेला जाता है,
और बहता हुआ दाढ़ी तक पहुंच जाता है,
हां, अहरोन की दाढ़ी पर बहता हुआ,
उसके वस्त्र की छोर तक जा पहुंचता है.
3हरमोन पर्वत की ओस के समान,
जो ज़ियोन पर्वत पर पड़ती है.
क्योंकि वही है वह स्थान,
जहां याहवेह सर्वदा जीवन की आशीष प्रदान करते हैं.
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स्तोत्र 133: HSS
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The Holy Bible, Hindi Contemporary Version
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पवित्र बाइबिल, हिंदी समकालीन संस्करण
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