स्तोत्र 99
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स्तोत्र 99
1याहवेह शासक हैं,
राष्ट्र कांपते रहें;
उन्होंने अपना आसन करूबों के मध्य स्थापित किया है,
पृथ्वी कांप जाए.
2ज़ियोन में याहवेह तेजस्वी हैं;
वह समस्त राष्ट्रों के ऊपर बसे हैं.
3उपयुक्त है उनका आपके महान और भय-योग्य नाम की वंदना करना—
पवित्र हैं वह.
4राजा शक्ति-सम्पन्न हैं, वह जो न्याय को प्रिय मानता है,
उन्होंने इस्राएल में समता की स्थापना की है;
जो न्याय संगत और उचित है.
5याहवेह, हमारे परमेश्वर की महिमा की जाए,
उनके चरणों में गिर आराधना की जाए;
वह पवित्र हैं.
6मोशेह और अहरोन उनके पुरोहित थे,
शमुएल उनके आराधक थे;
ये सभी याहवेह को पुकारते थे
और वह उन्हें उत्तर देते थे.
7मेघ-स्तंभ में से याहवेह ने उनसे वार्तालाप किया;
उन्होंने उनके अधिनियमों तथा उनके द्वारा सौंपे गए आदेशों का पालन किया.
8याहवेह, हमारे परमेश्वर,
आप उन्हें उत्तर देते थे;
इस्राएल के लिए आप क्षमा शील परमेश्वर रहे,
यद्यपि आप उनके अपराधों का दंड देते रहे.
9याहवेह, हमारे परमेश्वर की महिमा को ऊंचा करो,
उनके पवित्र पर्वत पर उनकी आराधना करो,
क्योंकि पवित्र हैं हमारे याहवेह परमेश्वर.
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स्तोत्र 99: HSS
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The Holy Bible, Hindi Contemporary Version
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पवित्र बाइबिल, हिंदी समकालीन संस्करण
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