गलातियों 1
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अभिवादन
1यह पत्र मुझ-पौलुस की ओर से है, जो न तो मनुष्यों की ओर से और न किसी मनुष्य द्वारा प्रेरित नियुक्त हुआ हूँ, बल्कि स्वयं येशु मसीह और पिता-परमेश्वर ने मुझे प्रेरित नियुक्त किया है, जिसने उन्हें मृतकों में से पुनर्जीवित किया।#गल 1:11-12 2मैं और जितने भाई-बहिन मेरे साथ हैं, गलातिया प्रदेश की कलीसियाओं का अभिवादन करते हैं।
3हमारा पिता परमेश्वर और प्रभु येशु मसीह आप लोगों को अनुग्रह तथा शान्ति प्रदान करें।#रोम 1:7 4मसीह ने हमारे पापों के कारण अपने को अर्पित किया, जिससे वह हमारे पिता परमेश्वर की इच्छानुसार वर्तमान पापमय युग-संसार से हमारा उद्धार करें।#गल 2:20; 1 तिम 2:6; तीत 3:14; 1 यो 5:19 5उसी की युगयुगों तक महिमा हो! आमेन!
शुभ समाचार केवल एक है
6मुझे आश्चर्य होता है कि जिसने आप लोगों को मसीह के अनुग्रह द्वारा बुलाया, उसे आप इतना शीघ्र त्याग कर किसी दूसरे शुभ समाचार के अनुयायी बन गये हैं। 7दूसरा तो है ही नहीं, किन्तु कुछ लोग आप में अशान्ति उत्पन्न करते और मसीह का शुभ समाचार विकृत करना चाहते हैं।#प्रे 15:1,24 8लेकिन जो शुभ समाचार हमने आप को सुनाया, यदि कोई-चाहे वह स्वयं हम या कोई स्वर्गदूत ही क्यों न हो-उससे भिन्न शुभ समाचार आप को सुनाये, तो वह अभिशप्त हो!#1 कुर 16:22 9मैं जो कह चुका हूं, वही दुहराता हूं : जो शुभ समाचार आप को मिला है, यदि कोई उससे भिन्न शुभ समाचार आपको सुनाये, तो वह अभिशप्त हो!
10मैं अब किसका कृपापात्र बनने की कोशिश कर रहा हूँ—मनुष्यों का अथवा परमेश्वर का? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता, तो मैं मसीह का सेवक नहीं होता।#1 थिस 2:4
प्रेरित पौलुस द्वारा प्रचारित शुभ समाचार मनुष्य-रचित नहीं है
11भाइयो और बहिनो! मैं आप लोगों को विश्वास दिलाता हूँ कि मैंने जो शुभ समाचार सुनाया, वह मनुष्य-रचित नहीं है। 12मैंने किसी मनुष्य के हाथ से उसे न तो ग्रहण किया और न सीखा, बल्कि स्वयं येशु मसीह ने उसे मुझ पर प्रकट किया।
13आप लोगों ने सुना होगा कि जब मैं यहूदी धर्म-विधि का अनुयायी था, तो मेरा आचरण कैसा था। मैं परमेश्वर की कलीसिया पर घोर अत्याचार करता और उसको नष्ट करने का प्रयत्न करता था।#प्रे 26:4-20 14मैं अपने पूर्वजों की परम्पराओं का पालन अत्यंत धर्मोत्साह से करता था और यहूदी धर्म-विधि के पालन में अपने समय के बहुत-से हम-उम्र यहूदियों से बहुत आगे था।#प्रे 22:3 15किन्तु परमेश्वर ने मुझे माता के गर्भ से ही अपने कार्य के लिए अलग कर लिया था और उसने अपने अनुग्रह से मुझे बुलाया;#रोम 1:1; यिर 1:5; यश 49:1 16उसने मुझ पर—और मेरे द्वारा—#1:16 मूल में, “मुझ में” अपने पुत्र को प्रकट करने का निश्चय किया, जिससे मैं गैर-यहूदियों में उसके पुत्र के शुभ समाचार का प्रचार करूँ। इसके बाद मैंने किसी निरे मनुष्य#1:16 शब्दश:, “मांस और रक्त” से परामर्श नहीं किया#गल 2:7; मत 16:17 17और जो मुझ से पहले प्रेरित थे, उनसे मिलने के लिए मैं यरूशलेम नहीं गया; बल्कि मैं तुरन्त अरब देश गया और बाद में दमिश्क नगर लौटा।
18मैं तीन वर्ष बाद कैफा#1:18 अथवा, “पतरस” से जानकारी प्राप्त करने यरूशलेम गया और उनके साथ पन्द्रह दिन रहा।#प्रे 9:26 19प्रभु के भाई याकूब को छोड़ कर मेरी भेंट अन्य प्रेरितों में से किसी से नहीं हुई।#मत 13:55 20परमेश्वर मेरा साक्षी है कि मैंने आप को जो लिखा है उसमें कुछ भी झूठ नहीं है।
21इसके बाद मैं सीरिया और किलिकिया प्रदेश गया।#प्रे 9:30 22उस समय यहूदा प्रदेश की कलीसियाएँ, जो मसीह में हैं, मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती थीं। 23उन्होंने इतना ही सुना था कि जो व्यक्ति हम पर अत्याचार करता था, वह अब उस विश्वास का शुभ समाचार सुना रहा है, जिसको वह नष्ट करने का प्रयत्न करता था 24और वे मेरे विषय में परमेश्वर की स्तुति करती थीं।
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गलातियों 1: HINCLBSI
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