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यशायाह 47

47
बेबीलोन को दण्‍ड#यश 13:1-14; 23; यिर 50—51; हब 1—2
1ओ बेबीलोन देश की कुंआरी कन्‍या।#47:1 कुंआरी कन्‍या, अर्थात् अब तक अपराजित राष्‍ट्र
अब सिंहासन से उतर और धूल पर
बैठ, ओ कसदी कौम की बेटी!
अब सिंहासन पर नहीं, वरन् भूमि पर बैठ।
लोग तुझे फिर कभी
कोमल और सुकुमारी नहीं कहेंगे।
2अपना घूंघट उठा,
चक्‍की ले और उसमें आटा पीस।
अपना घाघरा समेट,
और नंगे पैर नदियों को पार कर।
3लोग तुझे नग्‍न करेंगे,
और वे तेरी नग्‍नता को देखेंगे।
मैं बदला लूंगा,
और किसी भी मनुष्‍य को नहीं छोड़ूंगा।
4इस्राएल का पवित्र परमेश्‍वर
हमारा मुक्‍तिदाता है,
उसका नाम ‘स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु’ है!
5ओ कसदी कौम की बेटी, अंधकार में जा,
और वहाँ चुपचाप बैठ;
क्‍योंकि अब लोग तुझे
राज्‍यों की महारानी नहीं कहेंगे।
6मैं अपने निज लोग इस्राएलियों से क्रुद्ध था,
अत: मैंने अपनी मीरास को अशुद्ध घोषित
कर
तेरे हाथ में उसे सौंप दिया।
पर तूने उन पर दया नहीं की,
तूने बूढ़ों पर भी बड़ा भारी जूआ रखा।
7तूने सोचा था, कि तू सदा मालकिन बनी
रहेगी।
अत: तूने अपने हृदय में
इन बातों पर विचार नहीं किया,
तू भूल गई कि इनका परिणाम गंभीर होगा।#प्रक 18:7
8ओ राग-रंग में डूबी हुई,
निश्‍चिंत जीवन बितानेवाली,
मेरी बात सुन!
तू अपने हृदय में यह कहती है,
‘केवल मैं ही हूं,
मुझे छोड़ दूसरी स्‍वामिनी है ही नहीं।
मैं विधवा की तरह नहीं रहूंगी,
और न मैं निस्‍संतान हूंगी।’
9सुन, एक क्षण, एक ही दिन
ये दोनों विपत्तियाँ तुझ पर टूट पड़ेंगी:
तू सन्‍तान से पूर्णत: वंचित होगी,
और तू विधवा होगी।
तेरे अनेक टोने-टोटके,
तेरे भारी-भारी तन्‍त्र-मन्‍त्र निष्‍फल हो जाएंगे!
10तूने अपनी दुष्‍टता के कारण
स्‍वयं को सुरक्षित समझा था,
तू कहती थी, ‘मुझे कोई नहीं देखता।’
तेरी बुद्धि और तेरे ज्ञान ने तुझे धोखा दिया।
तूने अपने हृदय में यह कहा,
‘केवल मैं ही हूं,
मुझे छोड़ दूसरी स्‍वामिनी है ही नहीं।’
11पर तुझ पर अनिष्‍ट का प्रकोप होगा,
जिस को दूर करने का मन्‍त्र तू नहीं जानती।
तुझ पर विपत्ति का पहाड़ टूटेगा,
जिसको तू दूर नहीं कर सकेगी।
अचानक तेरा सर्वनाश हो जाएगा,
तू उसको समझ ही नहीं पाएगी।
12तू अपने अनेक टोने-टोटकों को,
भारी-भारी तन्‍त्र-मन्‍त्र को,
जिनका अभ्‍यास तू बचपन से कर रही है,
अब उनको उपयोग में ला;
सम्‍भवत: वे सफल हो जाएं,
हो सकता है, तू उनसे आतंक फैला दे।
13तू अनेक प्रयास कर थक गई;
अब वे खड़े हों, और तेरी रक्षा करें,
जो ज्‍योतिष-विद्या जानते हैं,
जो नक्षत्रों को टकटकी बान्‍ध कर देखते हैं,
जो नवचन्‍द्र पर तेरा भविष्‍यफल बताते हैं।
14देख, वे सब भूसा है,
और आग उन्‍हें भस्‍म कर देगी।
वे अपने प्राण को आग की लपटों से बचा
नहीं सकते।
यह आग तापने के लिए नहीं है;
इस आग के सम्‍मुख कोई नहीं बैठ सकता।
15टोना-टोटका करनेवाले
तेरे ये लोग ऐसे हैं, जिन्‍होंने तुझे थका दिया,
जिनके साथ बचपन से
तू टोना-टोटका करवाती आ रही है!
वे अपना-अपना रास्‍ता नापेंगे,
और तुझे बचानेवाला कोई न होगा।

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