यशायाह 50
50
1प्रभु यों कहता है,
‘क्या तुम्हारी मां के पास
तलाक-पत्र है,
जिससे यह प्रमाणित हो कि
मैंने उसे त्याग दिया है?
मैंने किस साहूकार के हाथ तुम्हें बेचा है?
सुनो, तुम स्वयं दुष्कर्मों के कारण बिक गए हो।
तुम्हारे ही अपराधों के कारण
तुम्हारी मां को तलाक मिला है!#व्य 24:1; हो 2:2; बारू 4:6
2क्या कारण है कि जब मैं आया
तब वहां कोई मनुष्य नहीं था?
जब मैं ने पुकारा
तब क्यों मुझे उत्तर देनेवाला वहाँ नहीं था?
क्या मेरा हाथ इतना छोटा हो गया कि
वह छुड़ा नहीं सकता?
क्या मुझ में उद्धार करने की शक्ति नहीं रही?
देखो, मैं अपनी डांट से
समुद्र को सुखा देता हूं,
मैं नदियों को मरुस्थल बना देता हूं।
उनकी मछलियाँ जल के अभाव में
प्यास से तड़प कर मर जाती हैं,
और बसाती हैं।#यश 65:12; गण 11:23
3मैं ही आकाश को
मानो शोक का काला वस्त्र पहिनाता हूं;
और पश्चात्ताप के प्रतीक टाट-वस्त्रों को
उसका आवरण बनाता हूं।’
प्रभु के सेवक का आज्ञा पालन करना
4स्वामी-प्रभु ने मुझे
शििक्षत जन की वाणी दी है
ताकि मैं थके-मांदे लोगों को
शांति#50:4 अथवा ‘सांत्वना’ के वचन बोलकर संभाल सकूं।
वह प्रतिदिन सबेरे मुझे जगाता है;
मेरे कान खोलता है,
जिससे मैं शिष्य की तरह ध्यान दे सकूं।#नि 4:11; मत 11:29
5स्वामी-प्रभु ने अपना सन्देश मुझे सुनाया;#50:5 शब्दश: ‘मेरा कान खोला!’
उससे न मैंने विरोध किया,
और न पीछे हटा।
6मैंने कोड़ा मारनेवालों के सामने
अपनी पीठ कर दी;
दाढ़ी नोचनेवालों की ओर
अपने गाल कर दिए।
मैंने अपमान सहा,
उनके थूक से अपना मुख नहीं हटाया।#मत 26:67; यश 52:13—53:12
7स्वामी-प्रभु मेरी सहायता करता है,
अत: मैं हताश नहीं हुआ।
मैं अपना मुंह चकमक पत्थर की तरह दृढ़
बनाए रहा।
मैं जानता था कि
मुझे पराजय का अपमान नहीं सहना पड़ेगा।#यहेज 3:8-9
8जो मुझे निर्दोष सिद्ध करता है,
वह मेरे निकट है,
मुझ से कौन मुकदमा लड़ेगा?
हम आमने-सामने खड़े हों।
मेरा बैरी कौन है? वह मेरे समीप आए।#रोम 8:33-34
9देखो, स्वामी-प्रभु मेरी सहायता करता है;
कौन मुझे दोषी ठहरा सकता है?
मुझ पर दोष लगानेवाले
वस्त्र के सदृश जीर्ण हो जाएंगे,
उनको कीड़े खा जाएंगे।#अय्य 13:28; इब्र 1:11-12
10तुममें कौन ऐसा व्यक्ति है,
जो प्रभु की श्रद्धा-भक्ति#50:10 अथवा, ‘डरता है।’ करता है,
जो प्रभु के सेवक के वचन का पालन करता है,
जिसके साथ दीपक का प्रकाश नहीं है,
और अन्धकार में चलता है,
वह प्रभु के नाम पर भरोसा करे,
वह परमेश्वर का सहारा ले!#यो 3:11
11ओ आग जलानेवालो!
ओ अग्निबाण छोड़ने वालो!
तुम्हें स्वयं अपनी जलाई हुई आग में,
अग्निबाणों से सुलगाई हुई अग्नि में चलना
पड़ेगा;
मेरा हाथ ही तुम्हें यह भोगने पर विवश
करेगा।
तुम संताप में पड़े रहोगे।
Currently Selected:
यशायाह 50: HINCLBSI
Highlight
Share
Copy
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.