YouVersion Logo
Search Icon

यहोशुअ 4

4
बारह स्‍मारक-स्‍तम्‍भ
1जब इस्राएली कौम के सब लोग यर्दन नदी को पार कर चुके तब प्रभु ने यहोशुअ से कहा, 2‘तू प्रति कुल एक पुरुष के हिसाब से सब कुलों में से बारह पुरुष चुन, 3और उन्‍हें यह आदेश दे: “तुम यहां यर्दन नदी के मध्‍य उस स्‍थान से जहाँ पुरोहितों ने पैर रखे थे, बारह पत्‍थर लो और उन्‍हें अपने कन्‍धों पर उठाकर ले जाओ। जिस स्‍थान पर तुम आज रात को पड़ाव डालोगे वहां उनको रख देना।” ’ 4तब यहोशुअ ने इस्राएली समाज में से उन बारह पुरुषों को बुलाया, जिन्‍हें उसने प्रति कुल एक पुरुष के हिसाब से नियुक्‍त किया था। 5यहोशुअ ने उनसे कहा, ‘तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की मंजूषा के सम्‍मुख यर्दन नदी के मध्‍य जाओ। इस्राएल के बारह कुलों की संख्‍या के अनुरूप प्रत्‍येक पुरुष एक-एक पत्‍थर अपने कन्‍धे पर रखकर ले जाएगा। 6ये तुम्‍हारे मध्‍य स्‍मारक-चिह्‍न माने जाएंगे। जब भविष्‍य में तुम्‍हारे बच्‍चे तुमसे यह पूछेंगे, “इन पत्‍थरों का क्‍या अर्थ है?” #व्‍य 6:20 7तब तुम उनसे कहना, “प्रभु की विधान-मंजूषा के सम्‍मुख यर्दन नदी का जल-प्रवाह रुक गया था। जब प्रभु की विधान-मंजूषा ने यर्दन नदी पार की, तब उसका जल सूख गया था।” अत: ये पत्‍थर इस्राएली समाज के लिए सदा-सर्वदा स्‍मारक-चिह्‍न माने जाएंगे।’
8इस्राएली पुरुषों ने यहोशुअ के आदेश के अनुसार कार्य किया। उन्‍होंने इस्राएली कुलों की संख्‍या के अनुरूप यर्दन नदी के मध्‍य से बारह पत्‍थर उठाए, जैसा प्रभु ने यहोशुअ से कहा था। वे उनको अपने कन्‍धों पर रखकर उस स्‍थान पर ले गए, जहां उन्‍होंने पड़ाव डाला था। उन्‍होंने वहां उनको रख दिया। 9यहोशुअ ने यर्दन नदी के मध्‍य उस स्‍थान पर, जहां विधान की मंजूषा वहन करनेवाले पुरोहितों ने पैर रखे थे, बारह पत्‍थर प्रतिष्‍ठित किए (वे आज भी वहां हैं)। 10जिन कार्यों को करने की आज्ञा प्रभु ने यहोशुअ के द्वारा इस्राएली लोगों को दी थी, जब तक वे पूर्ण नहीं हो गए तब तक मंजूषा को वहन करने वाले पुरोहित यर्दन नदी के मध्‍य में खड़े रहे। ऐसा ही आदेश मूसा ने यहोशुअ को दिया था।
लोगों ने जल्‍दी-जल्‍दी नदी पार की। 11जब सब लोग नदी पर कर चुके तब प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करनेवाले पुरोहित उस पार गए और वे फिर इस्राएली लोगों के आगे हो गए। 12जैसा मूसा ने रूबेन तथा गाद वंशियों और मनश्‍शे के आधे गोत्र से कहा था, उसके अनुसार वे हथियार बांधे शेष इस्राएलियों के आगे उस पार गए। 13वे अस्‍त्र-शस्‍त्र से सज्‍जित चालीस हजार सैनिक थे। वे युद्ध करने के लिए प्रभु के सम्‍मुख यरीहो के मैदान की ओर गए। 14उस दिन प्रभु ने जो कार्य किया उसके कारण यहोशुअ इस्राएली समाज की आंखों में एक महान पुरुष के रूप में प्रतिष्‍ठित हो गया। जैसे इस्राएली लोग मूसा के प्रति उनके जीवन-भर श्रद्धापूर्ण भय रखे थे वैसे ही वे यहोशुअ के प्रति श्रद्धापूर्ण भय रखते रहे।
15प्रभु ने यहोशुअ से कहा, 16‘तू साक्षी-मंजूषा वहन करनेवाले पुरोहितों को आदेश दे कि वे यर्दन नदी से बाहर निकल आएं।’ 17अत: यहोशुअ ने पुरोहितों को यह आदेश दिया, ‘यर्दन नदी से बाहर निकल आओ।’ 18जब प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करने वाले पुरोहित यर्दन नदी के मध्‍य से बाहर निकल आए, और उन्‍होंने सूखी भूमि पर अपने पैर रखे तब यर्दन नदी का जल अपने पूर्व स्‍थान पर लौट आया, और पहले के समान उसके किनारों पर बहने लगा।
19इस्राएली लोगों ने पहले महीने#4:19 अर्थात् “अप्रैल” की दसवीं तारीख को यर्दन नदी पार की। उसके पश्‍चात् उन्‍होंने यरीहो नगर की पूर्व दिशा में गिलगाल में पड़ाव डाला। 20जो बारह पत्‍थर उन्‍होंने यर्दन नदी से लिए थे, उनको यहोशुअ ने गिलगाल#4:20 अर्थात् ‘गोलाकार’ में प्रतिष्‍ठित किया। 21उसने इस्राएली समाज से यह कहा, ‘जब भविष्‍य में तुम्‍हारे बच्‍चे तुम से यह पूछेंगे, “ये पत्‍थर क्‍या हैं?” 22तब तुम उन्‍हें यह बताना: “इस यर्दन नदी को हम इस्राएलियों ने सूखी भूमि पर चल कर पार किया था।” 23तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने लाल सागर के साथ ऐसा ही किया था: जब तक हम उसके पार नहीं चले गए थे, तब तक उसने उसको हमारे सम्‍मुख सुखाए रखा था। इसी प्रकार प्रभु परमेश्‍वर ने यर्दन नदी के जल के साथ किया: जब तक तुमने यर्दन नदी नहीं पार कर ली, तब तक प्रभु ने उसको तुम्‍हारे सामने सूखी भूमि बनाए रखा।#नि 14:21 24इस कारण पृथ्‍वी के सब लोगों को ज्ञात होगा कि प्रभु के हाथ में सामर्थ्य है, और तुम जीवन-भर अपने प्रभु परमेश्‍वर की भक्‍ति करते रहोगे।’

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

Videos for यहोशुअ 4