YouVersion Logo
Search Icon

जन-गणना 13

13
बारह गुप्‍तचरों का कनान देश जाना
1प्रभु मूसा से बोला, 2‘ तू पुरुषों को भेज ताकि वे कनान देश का भेद लें जिसे मैं इस्राएली समाज को दे रहा हूँ। उनके पूर्वजों के प्रत्‍येक कुल से एक-एक व्यक्‍ति को भेजना जो उनका नेता है।’#व्‍य 1:22 3अत: मूसा ने प्रभु के आदेश के अनुसार उन्‍हें पारन के निर्जन प्रदेश से भेज दिया। ये सब पुरुष इस्राएली समाज के नेता थे। 4उन के नाम ये हैं : रूबेन के कुल से जक्‍कूर का पुत्र शम्‍मूअ; 5शिमोन के कुल से होरी का पुत्र शापट; 6यहूदा के कुल से यपून्ने का पुत्र कालेब; ; 7इस्‍साकार के कुल से योसप का पुत्र इग्आल; 8एफ्रइम के गोत्र से नून का पुत्र होशे; 9बिन्‍यामिन के कुल से रापू का पुत्र पल्‍टी; 10जबूलून के कुल से सोदी का पुत्र गद्दीएल; 11यूसुफ के कुल से (अर्थात् मनश्‍शे के गोत्र में से) सूसी का पुत्र गद्दी; 12दान के कुल से गमल्‍ली का पुत्र अम्‍मीएल; 13आशेर के कुल से मीखाएल का पुत्र सतूर; 14नफ्‍ताली के कुल से वोप्‍सी का पुत्र नह्‍बी; 15गाद के कुल से माकी का पुत्र गऊएल। 16ये ही उन पुरुषों के नाम हैं, जिन्‍हें मूसा ने कनान देश का भेद लेने के लिए भेजा था। मूसा ने नून के पुत्र#13:16 अथवा “बेन-नून” होशे का नाम यहोशुअ रखा।
17मूसा ने उन्‍हें कनान देश का भेद लेने के लिए भेजा और उनसे कहा, ‘यहाँ से नेगेब होकर पहाड़ी प्रदेश में जाओ, 18और उस देश को देखो कि वह कैसा है। उसमें निवास करने वाले लोग बलवान् हैं अथवा दुर्बल; वे संख्‍या में थोड़े हैं, अथवा बहुत। 19जिस देश पर वे निवास करते हैं, वह अच्‍छा है अथवा बुरा। जिन नगरों में वे निवास करते हैं, वे पड़ाव हैं अथवा गढ़। 20देश समृद्ध है अथवा दरिद्र? वहाँ पेड़-पौधे हैं अथवा नहीं? तुम-सब साहसी बनो! तुम उस देश के कुछ फल भी लाना।’ वे दिन प्रथम पके अंगूरों के दिन थे।
21गुप्‍तचर चले गए। उन्‍होंने सिन के निर्जन प्रदेश से, हमात घाटी के प्रवेश-द्वार के निकट रहोब नगर तक पूरे देश का भेद ले लिया। 22वे नेगेब क्षेत्र से होकर गए और उन्‍होंने हेब्रोन नगर में प्रवेश किया। वहाँ ऊंचे-ऊंचे अनक के वंशज अहीमन, शेशय और तलमय रहते थे। (हेब्रोन नगर मिस्र के सोअन नगर से सात वर्ष पूर्व बसा था।) 23वे एश्‍कोल की घाटी तक गए। वहाँ उन्‍होंने अंगूर का एक गुच्‍छा शाखा-सहित तोड़ा और दो व्यक्‍ति उसको एक डण्‍डे पर लाद कर ले गए। वे अनार और अंजीर के कुछ फल भी ले गए। 24जो गुच्‍छा इस्राएली वहाँ से काट कर ले गए थे, उसके कारण उस स्‍थान का नाम ‘एश्‍कोल#13:24 अर्थात्, ‘गुच्‍छा’। की घाटी’ पड़ा।
25गुप्‍तचर चालीस दिन के बाद कनान देश का भेद लेकर लौटे। 26वे पारन के निर्जन प्रदेश में गए और कादेश में मूसा, हारून तथा समस्‍त इस्राएलियों की मंडली के पास आए। उन्‍होंने उन लोगों को तथा समस्‍त इस्राएली मंडली को समाचार दिया और उन्‍हें उस देश के फल दिखाए। 27उन्‍होंने मूसा को वृत्तान्‍त सुनाया। उन्‍होंने कहा, ‘जिस देश में आपने हमें भेजा था, उसमें हम गए। निस्‍संदेह उसमें दूध और शहद की नदियाँ बहती हैं। देखिए, ये उस देश के फल हैं। 28परन्‍तु उस देश में रहने वाले लोग बलवान हैं। उसके नगर सुदृढ़ और बहुत बड़े हैं। इसके अतिरिक्‍त हमने वहां ऊंचे-ऊंचे अनक के वंशज भी देखे। 29अमालेक जाति नेगेब प्रदेश में निवास करती है। हित्ती, यबूसी और अमोरी जातियाँ पहाड़ी प्रदेश में रहती हैं। कनानी जाति समुद्र तट तथा यर्दन नदी के किनारे निवास करती है।’
30किन्‍तु कालेब ने मूसा के सम्‍मुख लोगों को शान्‍त किया। उसने कहा, ‘आओ, हम उस देश पर तुरन्‍त चढ़ाई करें और उसको अपने अधिकार में कर लें; क्‍योंकि हम उस पर विजय पाने में समर्थ हैं।’ 31तब जो गुप्‍तचर उसके साथ भेजे गए थे, उन्‍होंने कहा, ‘हम उन लोगों के विरुद्ध चढ़ाई करने में असमर्थ हैं; क्‍योंकि वे हम से अधिक शक्‍तिवान हैं।’ 32जो लोग कनान देश का भेद लेने गए थे, उन्‍होंने इस्राएली समाज को उस देश का झूठा#13:32 अथवा, ‘निन्‍दात्‍मक’। विवरण भी दिया। उन्‍होंने कहा, ‘जिस देश का भेद लेने हम गए थे, वह एक ऐसा देश है जो अपने निवासियों को खा जाता है। वे सब मनुष्‍य, जिन्‍हें हमने देखा है, ऊंचे कद के हैं। 33वहाँ हमने दानवों को भी देखा है (अनक के वंशज, जो दानवों से निकले हैं)। उन्‍हें देखकर हम तो अपनी दृष्‍टि में टिड्डों के सदृश दिखाई दिए, और ऐसे ही उनकी दृष्‍टि में भी।’#उत 6:4

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

Videos for जन-गणना 13