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भजन संहिता 149

149
विजयोल्‍लास से प्रभु की स्‍तुति
1प्रभु की स्‍तुति करो!
प्रभु के लिए नया गीत गाओ,
भक्‍तों की मण्‍डली में प्रभु की स्‍तुति हो!
2इस्राएली अपने निर्माता में आनन्‍दित हों!
सियोन की जनता अपने राजा प्रभु में
मगन हो!
3वे नृत्‍य से प्रभु के नाम की स्‍तुति करें,
डफ और सितार पर उसके लिए राग
बजाएँ।
4प्रभु अपनी प्रजा से प्रसन्न है।
वह पीड़ित व्यक्‍ति को विजय#149:4 अथवा, ‘उद्धार’ से विभूषित
करता है।
5भक्‍त प्रभु की महिमा के कारण प्रफुल्‍लित हों,
वे अपने-अपने स्‍थान से#149:5 शब्‍दश:, ‘अपने पलंग’ अथवा ‘बिछौने पर’। जय-जयकार करें।
6उनके कण्‍ठों में प्रभु का गुणगान हो,
और उनके हाथों में दुधारी तलवार हो,#2 मक 15:27
7ताकि वे राष्‍ट्रों से प्रतिशोध ले सकें,
और अन्‍य-जातियों को ताड़ित कर सकें।
8वे उनके राजाओं को जंजीरों से
और उनके सामंतों को लौह-बेड़ियों से
बांध सकें,
9और उन्‍हें लिखित न्‍याय का दण्‍ड दें!
प्रभु के भक्‍तों का यही सम्‍मान है।
प्रभु की स्‍तुति करो!

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