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भजन संहिता 57:1

भजन संहिता 57:1 HINCLBSI

हे परमेश्‍वर, मुझ पर कृपा कर; मुझ पर कृपा कर; क्‍योंकि मैं तेरी ही शरण में आया हूँ। जब तक विनाश की आंधी चली न जाए, मैं तेरे पंखों की छाया में रहूंगा।