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इफिसियों भूमिका

भूमिका
इफिसियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री सबसे पहले सम्बन्धित है परमेश्‍वर की योजना से… “कि जो कुछ स्वर्ग में है और जो कुछ पृथ्वी पर है, सब कुछ वह मसीह में एकत्र करे” (1:10)। यह परमेश्‍वर के लोगों से एक आग्रह भी है कि वे यीशु मसीह में एकत्व के द्वारा मानवजाति की एकता के लिये, इस महान् योजना के अनुरूप जीवन व्यतीत करें।
इफिसियों के पहले भाग में लेखक एकता के विषय को व्यक्‍त करता है; उस मार्ग के विषय में बताते हुए जिसके द्वारा परमेश्‍वर पिता ने अपने लोगों का चुनाव किया, कि कैसे पुत्र यीशु मसीह के द्वारा उन्होंने अपने पापों से क्षमा प्राप्‍त की और छुड़ाए गए हैं, और कैसे पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्‍वर की महान् प्रतिज्ञा के पूरा होने का आश्‍वासन दिया गया है। दूसरे भाग में वह पाठकों से ऐसा जीवन जीने का आग्रह करता है कि मसीह में उनकी एकता उनके सामूहिक जीवन की सच्‍चाई बन जाए।
मसीह से जुड़े परमेश्‍वर के लोगों के एकत्व को दर्शाने के लिये कई उपमाओं का प्रयोग किया गया है : कलीसिया एक देह के समान है, जिसका सिर मसीह है; या यह एक भवन के समान है, जिसके कोने के सिरे का पत्थर मसीह है; या एक पत्नी के समान है जिसका पति मसीह है। मसीह में परमेश्‍वर के अनुग्रह की धारणा से प्रभावित लेखक के कारण यह पत्री अभिव्यक्‍ति की महान् ऊँचाइयों को छू लेती है। हर एक बात को इसमें मसीह के प्रेम, बलिदान, क्षमा, अनुग्रह और सिद्धता के प्रकाश में देखा गया है।
रूप–रेखा :
भूमिका 1:1,2
मसीह और कलीसिया 1:3—3:21
मसीह में नया जीवन 4:1—6:20
उपसंहार 6:21–24

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