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इब्रानियों भूमिका

भूमिका
इब्रानियों के नाम पत्री मसीहियों के एक झुण्ड को लिखी गई थी, जो बढ़ते हुए विरोध के कारण, अपने मसीही विश्‍वास को त्यागने के खतरे में थे। लेखक उन्हें अपने विश्‍वास में बने रहने के लिये उत्साहित करता है, मुख्यत: यह दर्शाते हुए कि यीशु मसीह ही परमेश्‍वर का वास्तविक और अन्तिम प्रकाशन है। ऐसा करते समय वह तीन सच्‍चाइयों पर बल देता है : (1) यीशु ही परमेश्‍वर का शाश्‍वत् पुत्र है, जिसने दु:ख उठा–उठा कर पिता की सच्‍ची आज्ञाकारिता सीखी। परमेश्‍वर के पुत्र के रूप में यीशु पुराना–नियम के भविष्यद्वक्‍ताओं, स्वर्गदूतों, और स्वयं मूसा से भी श्रेष्‍ठ है। (2) यीशु परमेश्‍वर द्वारा अनन्त काल का महायाजक घोषित किया गया है, पुराना–नियम के महायाजकों से श्रेष्‍ठ। (3) यीशु के द्वारा विश्‍वासी पाप, भय, और मृत्यु से बचा लिया गया है; और यीशु, महायाजक के रूप में, सच्‍चा उद्धार प्रदान करता है, यहूदी धर्म की धर्म–विधियों और पशु बलियों के द्वारा जिसका मात्र पूर्वाभास ही मिलता था।
इस्राएली इतिहास के कुछ प्रसिद्ध व्यक्‍तियों के विश्‍वास के उदाहरणों को उद्धृत करते हुए (अध्याय 11), लेखक अपने पाठकों से विश्‍वास में बने रहने का आग्रह करता है, और 12 वें अध्याय में वह अपने पाठकों से निवेदन करता है कि वे अन्त तक विश्‍वास में बने रहें और अपनी आँखें यीशु पर लगाए रहें, तथा जो दु:ख और सताव उन पर आते हैं उसे वे धीरज से सहें। यह पत्री कुछ सलाहों और चेतावनियों के साथ समाप्‍त होती है।
रूप–रेखा :
भूमिका : मसीह, परमेश्‍वर का पूर्ण प्रकाशन 1:1–3
मसीह, स्वर्गदूतों से भी श्रेष्‍ठ 1:4—2:18
मसीह, मूसा और यहोशू से भी श्रेष्‍ठ 3:1—4:13
मसीह के याजकपद की श्रेष्‍ठता 4:14—7:28
मसीह की वाचा की श्रेष्‍ठता 8:1—9:28
मसीह के बलिदान की श्रेष्‍ठता 10:1–39
विश्‍वास की श्रेष्‍ठता 11:1—12:29
अन्तिम उपदेश और उपसंहार 13:1–25

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