भजन संहिता 1
1
पहला भाग
(भजन 1—41)
धर्मी और दुष्ट मनुष्य
1क्या ही धन्य है वह पुरुष जो दुष्टों की
युक्ति पर नहीं चलता,
और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता;
और न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में
बैठता है!
2परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न
रहता;
और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता
रहता है।
3वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों
के किनारे लगाया गया है,
और अपनी ऋतु में फलता है,
और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं।#यिर्म 17:8
इसलिये जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल
होता है।
4दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते,
वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन
से उड़ाई जाती है।
5इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह
सकेंगे,
और न पापी धर्मियों की मण्डली में
ठहरेंगे;
6क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है,
परन्तु दुष्टों का मार्ग नष्ट हो जाएगा।
Currently Selected:
भजन संहिता 1: HINOVBSI
Highlight
Share
Copy
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
Copyright © 2012 by The Bible Society of India
Used by permission. All rights reserved worldwide.
भजन संहिता 1
1
पहला भाग
(भजन 1—41)
धर्मी और दुष्ट मनुष्य
1क्या ही धन्य है वह पुरुष जो दुष्टों की
युक्ति पर नहीं चलता,
और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता;
और न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में
बैठता है!
2परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न
रहता;
और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता
रहता है।
3वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों
के किनारे लगाया गया है,
और अपनी ऋतु में फलता है,
और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं।#यिर्म 17:8
इसलिये जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल
होता है।
4दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते,
वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन
से उड़ाई जाती है।
5इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह
सकेंगे,
और न पापी धर्मियों की मण्डली में
ठहरेंगे;
6क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है,
परन्तु दुष्टों का मार्ग नष्ट हो जाएगा।
Currently Selected:
:
Highlight
Share
Copy
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
Copyright © 2012 by The Bible Society of India
Used by permission. All rights reserved worldwide.