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भजन संहिता भूमिका

भूमिका
भजन संहिता विशेषकर बाइबल की भजनों की पुस्तक और प्रार्थना की पुस्तक है। ये भजन और प्रार्थनाएँ विभिन्न लेखकों द्वारा एक लम्बी अवधि के दौरान लिखे गए हैं। इन्हें इस्राएली लोगों ने संकलित किया था, और वे परमेश्‍वर की आराधना के लिये इनका उपयोग किया करते थे। अन्तत: यह संग्रह उनके पवित्रशास्त्र का अंग बन गया।
ये धार्मिक कविताएँ कई प्रकार की हैं : परमेश्‍वर की स्तुति और आराधना के गीत; सहायता, सुरक्षा, और उद्धार के लिये प्रार्थनाएँ; क्षमा प्राप्‍ति के लिये निवेदन; परमेश्‍वर की आशीषों के लिये धन्यवाद के गीत; और शत्रुओं को दण्ड देने की याचना। ये प्रार्थनाएँ व्यक्‍तिगत और सामूहिक दोनों हैं; कुछ प्रार्थनाएँ एक व्यक्‍ति की गहन भावनाओं को चित्रित करती हैं, जबकि अन्य प्रार्थनाएँ परमेश्‍वर के सम्पूर्ण लोगों की आवश्यकताओं और भावनाओं को अभिव्यक्‍त करती हैं।
भजन संग्रह का प्रभु यीशु ने भी प्रयोग किया था, नया–नियम के लेखकों ने इन्हें उद्धृत किया था, और मसीही कलीसिया के लिये आरम्भ ही से यह आराधना की बहुमूल्य पुस्तक बन गई थी।
रूप–रेखा :
150 भजनों को पाँच संग्रहों या पुस्तकों में इस प्रकार विभाजित किया गया है :
भजन 1—41
भजन 42—72
भजन 73—89
भजन 90—106
भजन 107—150

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