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प्रकाशितवाक्य 3

3
सरदीस को संदेश
1“सरदीस की कलीसिया के दूत को यह लिख :
“जिसके पास परमेश्‍वर की सात आत्माएँ और सात तारे हैं, वह यह कहता है कि मैं तेरे कामों को जानता हूँ : तू जीवित तो कहलाता है, पर है मरा हुआ। 2जागृत हो, और उन वस्तुओं को जो बाकी रह गई हैं और जो मिटने को हैं, उन्हें दृढ़ कर; क्योंकि मैं ने तेरे किसी काम को अपने परमेश्‍वर के निकट पूरा नहीं पाया। 3इसलिये स्मरण कर कि तू ने कैसी शिक्षा प्राप्‍त की और सुनी थी, और उसमें बना रह और मन फिरा। यदि तू जागृत न रहेगा तो मैं चोर के समान आ जाऊँगा, और तू कदापि न जान सकेगा कि मैं किस घड़ी तुझ पर आ पड़ूँगा।#मत्ती 24:43,44; लूका 12:39,40; प्रका 16:15 4पर हाँ, सरदीस में तेरे यहाँ कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने–अपने वस्त्र अशुद्ध नहीं किए, वे श्‍वेत वस्त्र पहिने हुए मेरे साथ घूमेंगे, क्योंकि वे इस योग्य हैं। 5जो जय पाए उसे इसी प्रकार श्‍वेत वस्त्र पहिनाया जाएगा, और मैं उसका नाम जीवन की पुस्तक में से किसी रीति से न काटूँगा;#निर्ग 32:32,33; भजन 69:28; प्रका 20:12 पर उसका नाम अपने पिता और उसके स्वर्गदूतों के सामने मान लूँगा#मत्ती 10:32; लूका 12:8 6जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।
फिलदिलफिया को संदेश
7“फिलदिलफिया की कलीसिया के दूत को यह लिख :
“जो पवित्र और सत्य है, और जो दाऊद की कुंजी रखता है, जिसके खोले हुए को कोई बन्द नहीं कर सकता और बन्द किए हुए को कोई खोल नहीं सकता,#यशा 22:22; अय्यू 12:14 वह यह कहता है कि 8मैं तेरे कामों को जानता हूँ; देख, मैं ने तेरे सामने एक द्वार खोल रखा है, जिसे कोई बन्द नहीं कर सकता; तेरी सामर्थ्य थोड़ी सी तो है, फिर भी तू ने मेरे वचन का पालन किया है और मेरे नाम का इन्कार नहीं किया। 9देख, मैं शैतान के उन सभावालों को तेरे वश में कर दूँगा जो यहूदी बन बैठे हैं, पर हैं नहीं वरन् झूठ बोलते हैं–देख, मैं ऐसा करूँगा कि वे आकर तेरे पैरों पर गिरेंगे, और यह जान लेंगे कि मैं ने तुझ से प्रेम रखा है।#यशा 49:23; 60:14; 43:4 10तू ने मेरे धीरज के वचन को थामा है, इसलिये मैं भी तुझे परीक्षा के उस समय बचा रखूँगा जो पृथ्वी पर रहनेवालों के परखने के लिये सारे संसार पर आनेवाला है। 11मैं शीघ्र ही आनेवाला हूँ; जो कुछ तेरे पास है उसे थामे रह कि कोई तेरा मुकुट छीन न ले। 12जो जय पाए उसे मैं अपने परमेश्‍वर के मन्दिर में एक खंभा बनाऊँगा, और वह फिर कभी बाहर न निकलेगा; और मैं अपने परमेश्‍वर का नाम और अपने परमेश्‍वर के नगर अर्थात् नये यरूशलेम का नाम,#प्रका 21:2 जो मेरे परमेश्‍वर के पास से स्वर्ग पर से उतरनेवाला है, और अपना नया नाम#यशा 62:2; 65:15 उस पर लिखूँगा। 13जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।
लौदीकिया को संदेश
14“लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख :
“जो आमीन और विश्‍वासयोग्य और सच्‍चा गवाह है, और परमेश्‍वर की सृष्‍टि का मूल कारण है,#नीति 8:22 वह यह कहता है कि 15मैं तेरे कामों को जानता हूँ कि तू न तो ठंडा है और न गर्म : भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता। 16इसलिये कि तू गुनगुना है, और न ठंडा है और न गर्म, मैं तुझे अपने मुँह में से उगलने पर हूँ। 17तू कहता है कि मैं धनी हूँ और धनवान हो गया हूँ और मुझे किसी वस्तु की घटी नहीं; और यह नहीं जानता कि तू अभागा और तुच्छ और कंगाल और अंधा और नंगा है। 18इसी लिये मैं तुझे सम्मति देता हूँ कि आग में ताया हुआ सोना मुझ से मोल ले कि तू धनी हो जाए, और श्‍वेत वस्त्र ले ले कि पहिनकर तुझे अपने नंगेपन की लज्जा न हो, और अपनी आँखों में लगाने के लिये सुर्मा ले कि तू देखने लगे। 19मैं जिन जिन से प्रेम करता हूँ, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूँ;#नीति 3:12; इब्रा 12:6 इसलिये सरगर्म हो और मन फिरा। 20देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ। 21जो जय पाए मैं उसे अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठाऊँगा, जैसे मैं भी जय पाकर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठ गया। 22जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।”

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