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लूका 12

12
चेतावनी और प्रोत्साहन
(मत्ती १०:२६-३३)
1यहे बिच्चेम जब हजारौँ मनैनके भीड़ जम्मा हुइलस। यहाँसम कि एकजाने दोसुर जहनहे दाबे लग्लाँ। तब येशू आघे अपन चेलनहे कहे लग्लाँ, “तुहुरे फरिसी दलके मनैनके खमीरसे हौश्यार बैठो। उ खमीर ओइन्के कपट आचरण हुइतिन। 2मोरिक मतलब यी हो कि परमेश्वर उ सक्कु चिजनहे खुलस्त करहीँ, जोन अभिनसम मनै नै जन्थाँ। और उ सक्कु चिजहे आघे नन्हीँ, जोन अभिनसम नुकल बा। 3तबेकमारे तुहुरे ज्या अंधारमे कले बतो, उ ओजरारमे सुनाजाई। गुप्त कोन्तीमे कलक बात घरक बरेरीमेसे प्रचार हुई।”
हुँकिनेसे डरैना
4येशू कलाँ, “हे मोरिक संघरियन, मै तुहुरिन्हे कहतुँ, ओइन्से जिन डराऊ जेने शरीरहे मुवैथाँ, पर ओकरपाछे आकुर कुछु नै करे सेक्थाँ। 5पर किहिसे डराई परत, मै तुहुरिन्हे चेतावनी देहम: उहिएसे डराई परत, जेकर थेन शरीरहे मारके नरकमे फेँकादेना शक्ति बा। मै तुहुरिन्हे कहतुँ, उहिनेसे डराऊ। 6का दुई पैँसामे पाँचथो गेउँरी नै बिक्थाँ? ओइन्मेसे एकथोहे फेन परमेश्वर नै बिसरैथाँ। 7परमेश्वर तुहुरिन्के जीवनके हर चिजके वास्ता करथाँ। ऊ यी फेन जन्थाँ कि तुहुरिन्के कपारीम कैथो भुट्ला बा। तबेकमारे तुहुरे ना डराऊ, तुहुरे बहुत्ते गेँउरीनसे धेउर किम्ती बतो।”
येशूहे अस्वीकार कर्नक मतलब
8येशू कलाँ, “मनैनके आघे जे-जे महिन्हे मै हुँकार चेला हुइतुँ कहिके कहि उहिहे मै, मनैयक छावा फेन परमेश्वरके स्वर्गदूतनके आघे स्वीकार करम। 9पर जे औरे मनैनके थेन मै येशूक चेला हुइतुँ कहिके कना डराई कलेसे, परमेश्वरके स्वर्गदूतनके आघे मै फेन उहिहे मोरिक चेला नै हो कहिके कहम। 10केऊ मै, मनैयक छावक विरोधमे कुछु कही कलेसे उहिहे माफ होजिहिस। पर जे पवित्र आत्मक विरोधमे निन्दा करी, उहिहे माफ नै हुइहिस। 11जब ओइने तुहुरिन्हे बैठक भवन, शासक और अधिकारीनके आघे नन्हीँ। तब् का बोलम कहिके तुहुरे आघेसे चिन्ता ना करहो। सही समयमे परमेश्वर तुहुरिन्के मनमे ज्या दरहीँ, वहे बोल्हो। 12काकरेकी तुहुरे अपन सोँचके अनुसार नै बोल्बो, पर तुहुरिन्के माध्यमसे पवित्र आत्मा बोली।”
मूर्ख धनी मनैयक दृष्टान्त
13भीड़मेसे एकथो मनैया येशूहे कहल, “गुरुजी, मोरिक दादूहे कहिदी कि हमार बाबक सम्पति ऊ अंशबन्दा करदेहे।” 14पर येशू उहिहे कलाँ, “ए संघरिया, तुहुरिन्के उप्पर न्याय करना या तुहुरिन्के बाबक सम्पति तुहुरिन्हे बाँट देना कहिके निर्णय करना अधिकार महिन्हे के देहल?” 15ऊ ओइन्हे फेनदोस्रे कलाँ, “हौश्यार रहो, सक्कु मेरिक लालचसे बँच्ना काम करो। काकरेकी मनैयक जिन्गी ओकर धनसम्पत्तिक प्रशस्ततामे नै रहत।”
16येशू ओइन्हे एकथो दृष्टान्त कलाँ, “कौनो एकथो धनी मनैयक जग्गामे फालाफाल उब्जनी हुइलिस। 17ऊ अपन मनमने सोँचे लागल, ‘मोरिक थेन अनाज धरना भारी ठाउँ नै हो, आब महिन्हे का करे परी कहिके महिन्हे पता नै हो।’ 18तब् ऊ कहल, ‘महिन्हे पता बा कि महिन्हे का करे परी: मै अपन देहरी भस्काके आकुर बरबर देहरी बनैम, और मोरिक सक्कु अनाज और सम्पति वहैँ धारम। 19तब् मै अपनहे अप्निहीँ कहम, कि आब बहुत सालसम पुग्ना मोरिक लग बहुत्ते सम्पति होगिल बा। आब मै खा पिके अराम करम।’ 20पर परमेश्वर उहिहे कलाँ, ‘ए मूर्ख, आझिए रातके तैँ मुजिबे, और तोरिक जमा करल चिज के ली? जोन तैँ अपन लग जमा करल बते।’ 21उ मनैयक संग फेन अस्तेहेँ हुई, जे सक्कु चिज अपन लग जमा करत। पर परमेश्वरके सेवा करक लग अपन सम्पति प्रयोग नै करत।”
चिन्ता नै करना
(मत्ती ६:२५-३४)
22येशू अपन चेलनहे कलाँ, “तबेकमारे मै तुहुरिन्हे कहतुँ, रोज ‘का खैबुँ, का पिबुँ’ कहिके जिअक लग और ‘का घल्बुँ’ कहिके अपन शरीरके लग चिन्ता जिन करो। 23पक्कै फेन जीवन खैना चिजसे धेउर और शरीर लुग्गाफाटासे धेउर किम्ती बा। 24कौवनहे हेरो। ओइने ना ते बिया छित्थाँ, ना अनाज कटनी करथाँ, ना देहरीमे जमा करथाँ। पर तुहुरिन्के बाबा जे स्वर्गमे बा, ऊ ओइन्हे खवैथिन। तुहुरे चिरैँचुरुंगीनसे धेउर किम्ती बतो। 25का तुहुरिन्मेसे केऊ फेन चिन्ता करके आकुर नम्मा समयसम जिए सेकी? 26तबेकमारे तुहुरे ओत्रा छुटी काम फेन नै करे सेक्थो कलेसे जीवनके दोसुर बातके चिन्ता काकरे करथो? 27लिली फूलनहे हेरो, कसिके ओइने ना ते मेहनत करथाँ ना कत्थाँ। पर मै तुहुरिन्हे कहतुँ, सुलेमान रज्वा फेन अपन सारा गौरवमे रतिरति फेन ओकर लुग्गा उ फूलनके हस सुग्घुर नै रहिस। 28पर आज रना और दोसुर दिन आगीमे फेँकाजैना मैदानके घाँसहे परमेश्वर असिके सजैथाँ, कलेसे पक्कै फेन ऊ तुहुरिन्हे रेखदेख करहीँ। तुहुरिन्के विश्वास अतरा कम काकरे बा? 29का खैबुँ कि का पिबुँ कहिके तुहुरे खोजिमे ना बैठो, और चिन्ता फेन ना करो। 30काकरेकी संसारके सक्कु मनै यी बातके खोजिमे रथाँ। तुहुरिन्के स्वर्गमे रहुइया बाबा तुहुरिन्हे यी सक्कु चिजके जरुरी बा कहिके जानत। 31पर आघे तुहुरे अपन जीवनमे परमेश्वरके राजहे सक्कुहुनसे खास चिज बनाऊ। और एकथो धार्मिक जीवन जिना इच्छा धारो, तब यी सक्कु चिज तुहुरिन्हे मिलजाई।”
धनहे धरना ठाउँ
32येशू कलाँ, “मोरिक रेखदेखमे तुहुरे एकथो छुटिमुती भेँरीनके बगाल हस बतो, तबेकमारे कौनो फेन बातसे ना डराऊ! काकरेकी परमेश्वर बाबा तुहुरिन्हे राज देहक लग खुशी बा। 33तुहुरिन्के सम्पति बेँचके दान दैदेऊ। अपन लग स्वर्गमे धन जमा करो, जोन कब्बु फेन नाश नै हुई। वहाँ चोर नै अइथाँ, और किरा फेन नै लग्थाँ। 34काकरेकी तुहुरिन्के मन वहैँ लागल पलिरहत, जहाँ तुहुरिन्के धन रहत।”
जागल रहो
(मत्ती २४:४२-५१; मर्कू. १३:३२-३७)
35येशू कलाँ, “तुहुरे अपन करहिँऊ कसके और दिया बारके काम करक लग तयार रहो। 36तुहुरिन्हे ओसिन नोकरहुँक्रिहिनके हस हुई परत, जे भोजाहा खाना खाके आइता कहिके अपन मलिक्वाहे अँस्याई भिरल रहत। ताकि जब ओकर मलिक्वा भोजेमसे घुमके आके दवार ढकढकैथिस ते, ऊ झत्ति जाके अपन मलिक्वक लग दवार खोलदेहत। 37उ नोकर धन्यके हो, जिहिहे ओकर मलिक्वा अपन फिर्ता अइना असरा हेर्ती रहल भेटाइत। जात्तिके मै तुहुरिन्हे कहतुँ, उ एकथो नोकरके हस लुग्गा घालके उहिहे खाना खवाई बैठाई, और लग्गे आके ओकर सेवा करी। 38धन्यके हुइँत उ नोकर, जेन्हे ओइन्के मलिक्वा आधा रातके या भिन्सारके फेन जागल भेटाइत। 39पर यी जानो कि चोरवा कब आई कहिके घरक मलिक्वा जानत कलेसे उ जागल रना रहे, और चोरवाहे अपन घरेम चोराई नै देना रहे। 40तुहुरे फेन मोरिक फिर्ता अइना समयक लग तयार रहो। काकरेकी मै, मनैयक छावा असिन समय स्वर्गमेसे अइम, जब तुहुरे मै अइम कहिके सोँचल फेन नै रबो।”
विश्वासयोग्य सेबक
41तब् पत्रुस कहल, “हे प्रभु, का यी दृष्टान्त हमार लग किल बताइल बती, कि और सक्कुहुनके लग।” 42प्रभु कलाँ, “उ विश्वासी और बुद्धिमानी भण्डारे के हो, जिहिहे ओकर मलिक्वा अपन परिवारहे निश्चित समयमे ओइन्के भागमे परना खाना देहक लग खतैहीँ। 43उ नोकर धन्य हो, जिहिहे मलिक्वा अइलेसे ओस्तेहेँ करत भेटाई। 44जात्तिके मै तुहुरिन्हे कहतुँ, ऊ उहिहे अपन सारा सम्पतिमे अधिकार दिहीँ। 45पर उ नोकर अपन मनमे ‘मोरिक मलिक्वा अइनामे बेर करी’ कहिके अपन संगेक नोकर और नोकर्नीनहे पिटे लागल। और ऊ मदुवनके संग जाके खाई-पिए लागल कलेसे, 46ओकर आशा नै करल दिन और नै चिताइल घड़ीमे ओकर मलिक्वा आई। और उहिहे दण्ड दि। और ओकर दशा अविश्वासीनके हस होजिहिस। 47पर अपन मलिक्वक इच्छा जानके फेन तयार नै रहुइया और ओकर इच्छा अनुसार नै करुइया नोकर कोर्रालेके बहुत पिटाई खाई। 48ओकर मलिक्वा का चहथिस कहिके यदि उ नोकर नै जानत, और ज्या फेन करत सजाय पैना लायकके काम करत कलेसे ओकर हालत का हुइहिस? उ नोकर पक्कै फेन सजाय भेटाई, पर उहिसे कम सजाय भेटाई, जोन नोकर जानत कि ओकर मलिक्वा का चाहत कहिके तभुन फेन नै करत। जोन मनैयाहे धेउर देगिल बतिस, ओकर जिम्मेवारी फेन धेउर रथिस। और जिहीहे बहुत देगिल बा, उहिसे आकुर धेउर लेजाजाई।”
शान्ति नै हो, विभाजन
(मत्ती १०:३४-३६)
49येशू कलाँ, “मै पृथ्वीमे आगी बर्साइक लग अइनु, और मै चहथुँ कि यी आगी अब्बेहेँ बरजाए। 50महिन्हे दुःखके डुब्कि लेहे परना बा, और उ पूरा नै हुइतसम महिन्हे शान्ति नै मिली। 51का तुहुरे सोँच्थो कि मै पृथ्वीमे मनैनके बिच्चेम शान्ति नाने अइनु? नै हो, मै तुहुरिन्हे कहतुँ, बेन मै विभाजन करवाई आइल बतुँ। 52काकरेकी आबसे यदि कौनो एकथो परिवारमे पाँच जाने रहिहीँ कलेसे ओइन्के बिच्चेम फूट रहिहीन। ओम्नेमेसे तीन जाने जेने महिन्हे विश्वास नै करथाँ, ओइने उ दुई जहनके विरोध करहीँ, जेने महिन्हे विश्वास करथाँ। और उ दुई जाने उ विश्वास नै करुइया तीन जहनके विरोध करहीँ। 53ओइने असिके विभाजन हुइहीँ: बाबक विरोधमे छावा और छावक विरोधमे बाबा। दाई छाईक विरोधमे और छाई दाईक विरोधमे। ससुइया अपन पटुइह्यक विरोधमे और पटुइह्या अपन ससुइयक विरोधमे।”
समयक लक्षण
54येशू उ भीड़के मनैनहे कलाँ, “तुहुरे पश्छिउँ ओहोँर बद्री उठत देख्के झत्ति कथो, ‘पानी बर्षी’ और ओस्तेहेँ हुइत। 55जब दखन्यहाँ बयाल चलत तब् तुहुरे कथो, ‘घाम हुई’ और ओस्तेहेँ हुइत। 56ए कपटीन! तुहुरे आकाश और धर्तीक लक्षण बतादेहे सेक्थो। पर यी वर्तमान समयमे परमेश्वर का करतताँ कना बातके बयान करे नै जन्थो?”
अपन समस्याहे सुल्झैना
57येशू कलाँ, “अपन लग का करे परी कहिके तुहुरे अप्निहीँ निर्णय करलेना तुहुरिन्के लग मजा हो। 58अदालतमे जाइबेर तोहाँरिक विपक्षक मनैयासे डग्रेहेमे मिलाप करलेऊ। नै ते उ तुहिन्हे न्यायधीशके थेन तानके लैजाई, और न्यायधीश तुहिन्हे अफिसरके हाँथेम जिम्मा दैदी, और अफिसर तुहिन्हे झेलमे दारदी। 59मै तुहुरिन्हे कहतुँ, जबसम तुँ ओकर सक्कु कर्जा चुक्ता नै करदेबो, तबसम् तुँ झेलमेसे छुटे नै भेटैबो।”

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