यहेजकेल 45
45
1जब तुम चिट्ठी डाल कर देश को बांटो, तब देश में से एक भाग पवित्र जान कर यहोवा को अर्पण करना; उसकी लम्बाई पच्चीस हजार बांस की और चौड़ाई दस हजार बांस की हो; वह भाग अपने चारों ओर के सिवाने तक पवित्र ठहरे।
2उस में से पवित्रस्थान के लिये पांच सौ बांस लम्बी और पांच सौ बांस चौड़ी चौकोनी भूमि हो, और उसकी चारों ओर पचास पचास हाथ चौड़ी भूमि छूटी पड़ी रहे।
3उस पवित्र भाग में तुम पच्चीस हाजार बांस लम्बी और दस हजार बांस चौड़ी भूमि को मापना, और उसी में पवित्र स्थान बनाना, जो परमपवित्र ठहरे।
4जो याजक पवित्र स्थान की सेवा टहल करें और यहोवा की सेवा टहल करने को समीप आएं, वह उन्हीं के लिये हो; वहां उनके घरों के लिये स्थान हो और पवित्र स्थान के लिये पवित्र ठहरे।
5फिर पच्चीस हजार बांस लम्बा, और दस हजार बांस चौड़ा एक भाग, भवन की सेवा टहल करने वाले लेवियों की बीस कोठरियों के लिये हो।
6फिर नगर के लिये, अर्पण किए हुए पवित्र भाग के पास, तुम पांच हजार बांस चौड़ी और पच्चीस हाजार बांस लम्बी, विशेष भूमि ठहराना; वह इस्राएल के सारे घराने के लिये हो।
7और प्रधान का निज भाग पवित्र अर्पण किए हुए भाग और नगर की विशेष भूमि की दोनों ओर अर्थात दोनों की पश्चिम और पूर्व दिशाओं में दोनों भागों के साम्हने हों; और उसकी लम्बाई पश्चिम से ले कर पूर्व तक उन दो भागों में से किसी भी एक के तुल्य हो।
8इस्राएल के देश में प्रधान की यही निज भूमि हो। और मेरे ठहराए हुए प्रधान मेरी प्रजा पर फिर अन्धेर न करें; परन्तु इस्राएल के घराने को उसके गोत्रों के अनुसार देश मिले।
9परमेश्वर यहोवा यों कहता है, हे इस्राएल के प्रधनो! बस करो, उपद्रव और उत्पात को दूर करो, और न्याय और धर्म के काम किया करो; मेरी प्रजा के लोगों को निकाल देना छोड़ दो, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
10तुम्हारे पास सच्चा तराजू, सच्चा एपा, और सच्चा बत रहे।
11एपा और बत दोनों एक ही नाप के हों, अर्थात दोनों में होमेर का दसवां अंश समाए; दोनों की नाप होमेर के हिसाब से हो।
12और शेकेल बीस गेरा का हो; और तुम्हारा माना बीस, पच्चीस, या पन्द्रह शेकेल का हो।
13तुम्हारी उठाई हुई भेंट यह हो, अर्थात गेहूं के होमेर से एपा का छठवां अंश, और जव के होमेर में से एपा का छठवां अंश देना।
14और तेल का नियत अंश कोर में से बत का दसवां अंश हो; कोर तो दस बत अर्थात एक होमेर के तुल्य है, क्योंकि होमेर दस बत का होता है।
15और इस्राएल की उत्तम उत्तम चराइयों से दो दो सौ भेड़-बकरियोंमें से एक भेड़ वा बकरी दी जाए। ये सब वस्तुएं अन्नबलि, होमबलि और मेलबलि के लिये दी जाएं जिस से उनके लिये प्रायश्चित्त किया जाए, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
16इस्राएल के प्रधान के लिये देश के सब लोग यह भेंट दें।
17पर्वों, नये चांद के दिनों, विश्राम दिनों और इस्राएल के घराने के सब नियत समयों में होमबलि, अन्नबलि, और अर्घ देना प्रधान ही का काम हो। इस्राएल के घराने के लिये प्रायश्चित्त करने को वह पापबलि, अन्नबलि, होमबलि, और मेलबलि तैयार करे।
18परमेश्वर यहोवा यों कहता है, पहिले महीने के पहले दिन को तू एक निर्दोष बछड़ा ले कर पवित्र स्थान को पवित्र करना।
19इस पापबलि के लोहू में से याजक कुछ ले कर भवन के चौखट के खम्भों, और वेदी की कुसीं के चारों कोनों, और भीतरी आंगन के फाटक के खम्भों पर लगाए।
20फिर महीने के सातवें दिन को सब भूल में पड़े हुओं और भोलों के लिये भी यों ही करना; इसी प्रकार से भवन के लिये प्रायश्चित्त करना।
21पहिले महीने के चौदहवें दिन को तुम्हारा फसह हुआ करे, वह सात दिन का पर्व हो और उस में अखमीरी रोटी खई जाए।
22उस दिन प्रधान अपने और प्रजा के सब लोगों के निमित्त एक बछड़ा पापबलि के लिये तैयार करे।
23और पर्व के सातों दिन वह यहोवा के लिये होमबलि तैयार करे, अर्थात हर एक दिन सात सात निर्दोष बछड़े और सात सात निर्दोष मेढ़े और प्रति दिन एक एक बकरा पापबलि के लिये तैयार करे।
24और हर एक बछड़े और मेढ़े के साथ वह एपा भर अन्नबलि, और एपा पीछे हीन भर तेल तैयार करे।
25सातवें महीने के पन्द्रहवें दिन से ले कर सात दिन तक अर्थात पर्व के दिनों में वह पापबलि, होमबलि, अन्नबलि, और तेल इसी विधि के अनुसार किया करे।
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