YouVersion Logo
Search Icon

उत्पत्ति 23

23
1सारा तो एक सौ सत्ताईस बरस की अवस्था को पहुंची; और जब सारा की इतनी अवस्था हुई;
2तब वह किर्यतर्बा में मर गई। यह तो कनान देश में है, और हेब्रोन भी कहलाता है: सो इब्राहीम सारा के लिये रोने पीटने को वहां गया।
3तब इब्राहीम अपने मुर्दे के पास से उठ कर हित्तियों से कहने लगा,
4मैं तुम्हारे बीच पाहुन और परदेशी हूं: मुझे अपने मध्य में कब्रिस्तान के लिये ऐसी भूमि दो जो मेरी निज की हो जाए, कि मैं अपने मुर्दे को गाड़ के अपने आंख की ओट करूं।
5हित्तियों ने इब्राहीम से कहा,
6हे हमारे प्रभु, हमारी सुन: तू तो हमारे बीच में बड़ा प्रधान है: सो हमारी कब्रों में से जिस को तू चाहे उस में अपने मुर्दे को गाड़; हम में से कोई तुझे अपनी कब्र के लेने से न रोकेगा, कि तू अपने मुर्दे को उस में गाड़ने न पाए।
7तब इब्राहीम उठ कर खड़ा हुआ, और हित्तियों के सम्मुख, जो उस देश के निवासी थे, दण्डवत करके कहने लगा,
8यदि तुम्हारी यह इच्छा हो कि मैं अपने मुर्दे को गाड़ के अपनी आंख की ओट करूं, तो मेरी प्रार्थना है, कि सोहर के पुत्र एप्रोन से मेरे लिये बिनती करो,
9कि वह अपनी मकपेला वाली गुफा, जो उसकी भूमि की सीमा पर है; उसका पूरा दाम ले कर मुझे दे दे, कि वह तुम्हारे बीच कब्रिस्तान के लिये मेरी निज भूमि हो जाए।
10और एप्रोन तो हित्तियों के बीच वहां बैठा हुआ था। सो जितने हित्ती उसके नगर के फाटक से हो कर भीतर जाते थे, उन सभों के साम्हने उसने इब्राहीम को उत्तर दिया,
11कि हे मेरे प्रभु, ऐसा नहीं, मेरी सुन; वह भूमि मैं तुझे देता हूं, और उस में जो गुफा है, वह भी मैं तुझे देता हूं; अपने जाति भाइयों के सम्मुख मैं उसे तुझ को दिए देता हूं: सो अपने मुर्दे को कब्र में रख।
12तब इब्राहीम ने उस देश के निवासियों के साम्हने दण्डवत की।
13और उनके सुनते हुए एप्रोन से कहा, यदि तू ऐसा चाहे, तो मेरी सुन: उस भूमि का जो दाम हो, वह मैं देना चाहता हूं; उसे मुझ से ले ले, तब मैं अपने मुर्दे को वहां गाडूंगा।
14एप्रोन ने इब्राहीम को यह उत्तर दिया,
15कि, हे मेरे प्रभु, मेरी बात सुन; एक भूमि का दाम तो चार सौ शेकेल रूपा है; पर मेरे और तेरे बीच में यह क्या है? अपने मुर्दे को कब्र में रख।
16इब्राहीम ने एप्रोन की मानकर उसको उतना रूपा तौल दिया, जितना उसने हित्तियों के सुनते हुए कहा था, अर्थात चार सौ ऐसे शेकेल जो व्यापारियों में चलते थे।
17सो एप्रोन की भूमि, जो माम्रे के सम्मुख की मकपेला में थी, वह गुफा समेत, और उन सब वृक्षों समेत भी जो उस में और उसके चारोंऔर सीमा पर थे,
18जितने हित्ती उसके नगर के फाटक से हो कर भीतर जाते थे, उन सभों के साम्हने इब्राहीम के अधिकार में पक्की रीति से आ गई।
19इसके पश्चात इब्राहीम ने अपनी पत्नी सारा को, उस मकपेला वाली भूमि की गुफा में जो माम्रे के अर्थात हेब्रोन के साम्हने कनान देश में है, मिट्टी दी।
20और वह भूमि गुफा समेत, जो उस में थी, हित्तियों की ओर से कब्रिस्तान के लिये इब्राहीम के अधिकार में पक्की रीति से आ गई।

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in