मत्‍ती 12:36-37

मत्‍ती 12:36-37 BRAJ

मैं तुमते कैह रयौऊं, न्याय के दिनां में, हर एक आदमी कूं अपनी कही भई हर एक निकम्मी बात कौ लेखा दैनों परैगौ। चौंकि तू अपनी इन बातन की बजैह ते दोसी और इनई बातन के बजैह ते निरदोस ठहरायौ जाबैगौ।”

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