निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो मत्ती 6:11 से संबंधित हैं
यीशु मसीह की प्रार्थना
5 दिन
किसी भी रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए वार्तालाप का क्या महत्व है, इस बात को हम जानते हैँ, और परमेश्वर के साथ हमारा रिश्ता इस बात से अलग नही है! प्रार्थना के द्वारा हम वार्तालाप करतें रहें, इसके लिए परमेश्वर लालायित रहतें हैं- ऐसा अनुशासन जिसका पालन, यहाँ तक कि उसके पुत्र यीशु मसीह ने भी किया इस योजना के अंतर्गत, आप यीशु मसीह के उदाहरण से सीखेंगे, और आपको जिंदगी की भीड़-भाड से बाहर निकलने की चुनौतियाँ दी जाएँगी तथा वो सामर्थ और सहायता जो केवल प्रार्थना से मिलती हैं, आप ख़ुद इसका अनुभव करेंगे !
आपके पास एक प्रार्थना है!
6 دن
एक सामर्थशाली और प्रभावी प्रार्थना जीवन के निर्माण के सिद्धांतों की खोज करें। प्रार्थना - व्यक्तिगत स्तर पर परमेश्वर के साथ एक संवाद - हमारे जीवन और परिवेश में सकारात्मक परिवर्तन देखने की कुंजी है। डेविड जे. स्वांत द्वारा लिखी गयी पुस्तक, "आउट ऑफ़ दिस वर्ल्ड: ए क्रिश्चियन्स गाइड टू ग्रोथ एंड पर्पस" से लिया गया।
प्रज्वलित: निर्भीक प्रार्थना के लिए एक सरल मार्गदर्शिका
6 दिन
प्रार्थना एक उपहार है, हमारे स्वर्गिक पिता के साथ संबंधित रहने का एक अविश्वसनीय अवसर है। इस 6-दिवसीय योजना में, यीशु ने हमें प्रार्थना के बारे में क्या सिखाया इसे हम जानेंगे तथा लगातार और बड़ी निर्भीकता के साथ प्रार्थना करने के लिए प्रेरित होंगे।
यीशु की शिक्षाएँ
7 दिन
यीशु ने कई विषयों की शिक्षा दी - स्थायी आशीषें, व्यभिचार, प्रार्थना, और भी कई। आज लोगों के लिए इनका क्या अर्थ है? एक संक्षिप्त वीडियो यीशु की एक शिक्षा को संदर्भ सहित प्रतिदिन की योजना के साथ दर्शाता है।
पहाड़ी उपदेश
दस दिन
इस क्रम में पहाड़ी उपदेशों को देखा जाएगा (मत्ती 5-7)। इससे पाठक को पहाड़ी उपदेश को बेहतर तरीके से समझने में सहायता मिलेगी और उससे जुड़ी बातों को रोज़मर्रा के जीवन में लागू करने की समझ भी प्राप्त होगी ।
प्रार्थना
21 दिन
विश्वासयोग्य लोगों तथा यीशु मसीह के स्वयं के शब्दों, दोनों की प्रार्थनाओं से सीखें कि कैसे उत्तम तरीके से प्रार्थना की जाती है। दृढ़ता और धैर्य के साथ, प्रतिदिन अपनी विनतियों को परमेश्वर के समक्ष रखने के लिए प्रेरणा पाएं। साफ़ मन वालों की शुद्ध प्रार्थना के विपरीत खालीपन, स्वयं-धर्मी की प्रार्थना के उदाहरणों को देखें। लगातार प्रार्थना करतें रहें।