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निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो नीतिवचन 2:7 से संबंधित हैं
![यीशु: आपकी आत्मा का एकमात्र जुनून](/_next/image?url=https%3A%2F%2F%2F%2Fimageproxy.youversionapistaging.com%2Fhttps%3A%2F%2Fs3.amazonaws.com%2Fyvplans-staging%2F32559%2F640x360.jpg&w=1920&q=75)
यीशु: आपकी आत्मा का एकमात्र जुनून
पांच दिन
पांच दिन डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ बिताएं, जो RREACH के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं, वह पासबान के दृष्टिकोण से बताएंगे कि जीवन में अपनी आत्मा के जुनून को कैसे खोजा जाए एक सर्वोच्च उद्देश्य का पीछा करने वाला इच्छानुरूप जीवन जुनून से शुरू होता है। आप इसके साथ संगी योजना,"एक साशय जीवन का निर्माण करनाः अभी प्रारम्भ करें" का भी आनंद ले सकते हैं।
![परमेश्वर का सम्पर्क - पुराने नियम की यात्रा (भाग 3- राजवंशजों का राज)](/_next/image?url=https%3A%2F%2F%2F%2Fimageproxy.youversionapistaging.com%2Fhttps%3A%2F%2Fs3.amazonaws.com%2Fyvplans-staging%2F29742%2F640x360.jpg&w=1920&q=75)
परमेश्वर का सम्पर्क - पुराने नियम की यात्रा (भाग 3- राजवंशजों का राज)
8 दिन
वे समुद्र के बीच में से होकर गुज़रे, बादल के खम्बे और आग के खम्बे ने उनकी अगुवाई की, उन्होंने शहरपनाहों को तोड़ डाला और शक्शिाली शत्रुओं को हराया। इसके बावज़ूद भी इस्राएल एक राजा की मांग करता है,वह परमेश्वर की अवज्ञा करता है,जिसने उन्हें चेतावनी दे रखी थी। कुछ ही राजाओं ने परमेश्वर का आदर किया, और बाकि राजाओं ने इस्राएल को निर्वासन,गुलामी और विखण्डन में धकेल दिया।