वाद्यों की सही पर गाती हुई स्त्रियों के गीत के शब्द थे:
“शाऊल ने अपने हज़ारों शत्रुओं को मारा मगर,
दावीद ने अपने दस हज़ार शत्रुओं को.”
इससे शाऊल बहुत ही क्रोधित हुआ. यह राग शाऊल के अप्रसन्नता का कारण बन गया. वह विचार करते रहे, “उन्होंने दावीद को दस हज़ार का श्रेय दिया है, मगर मुझे सिर्फ एक हज़ार का. तो फिर अब उसके पास राज्य के अलावा और किस वस्तु की कमी रह गई है?”