क्योंकि यदि कोई समझता है कि मैं कुछ हूं, जब कि वह कुछ नहीं है, तो वह अपने को धोखा देता है। हर एक व्यक्ति अपने कार्य की जाँच करे। तब उसके पड़ोसी का कार्य नहीं, बल्कि यह कार्य, उसके गर्व करने का उचित कारण होगा। क्योंकि हर एक को अपना भार स्वयं उठाना होगा।