अत: प्रभु ने मुझसे यों कहा:
‘ओ यिर्मयाह,
यदि तू पश्चात्ताप करे और मेरे पास लौटे
तो मैं तुझे पुन: स्वीकार करूंगा;
तुझे फिर अपनी सेवा में लूंगा।
यदि तू केवल मेरे अनमोल वचन बोलेगा,
और निरर्थक वचन नहीं कहेगा,
तो तू निस्सन्देह मेरा मुंह कहलाएगा!
तब लोग तेरी ओर लौटेंगे,
और तुझे उनके पास लौटना न पड़ेगा।