केवल तू अपने दुष्कर्म को स्वीकार कर,
कि तूने मुझ-प्रभु परमेश्वर से विद्रोह किया था,
और यहां-वहां हरएक हरे वृक्ष के नीचे
अन्य देवताओं की पूजा की थी,
और यों तूने मेरे आदेशों को नहीं माना,’
प्रभु ने यह कहा है।
प्रभु यों कहता है:
‘ओ विश्वासघातिनी जनता, लौट आ!
क्योंकि मैं तेरा स्वामी हूं।
मैं प्रत्येक नगर से एक व्यक्ति
और हरएक गोत्र से दो जन लूंगा,
ओर यों तुझको सियोन में पहुंचा दूंगा।