‘यदि तुम अपना हृदय शुद्ध कर लो
तो तुम प्रार्थना के लिए
परमेश्वर की ओर हाथ उठा सकते हो!
यदि तुम्हारे हाथ अधर्म से रंगे हैं,
तो उनको धो डालो;
दुष्कर्म को अपने घर में टिकने मत दो।
तब तुम निस्सन्देह,
निष्कलंक होकर अपना मुख
परमेश्वर की ओर उठा सकोगे!
तुम सुरक्षित रहोगे, और तुम्हें किसी बात का
डर न होगा।