स्वप्न में, या रात को दिए हुए दर्शन में,
जब मनुष्य घोर निद्रा में पड़े रहते हैं,
या बिछौने पर सोते समय,
तब वह मनुष्यों के कान खोलता है,
और उनकी शिक्षा पर मुहर लगाता है,
जिससे वह मनुष्य को उसके संकल्प से रोके
और गर्व को मनुष्य में से दूर करे।
वह उसके प्राण को गड्ढे से बचाता है,
और उसके जीवन को तलवार की मार से बचाता हे।