1 कुरिन्थियों 3

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परमेश्‍वर के सेवक
1भाइयो और बहिनो! जहाँ तक मेरा संबंध है, मैं आप लोगों से उस तरह बातें नहीं कर सका। जिस तरह आध्‍यात्‍मिक व्यक्‍तियों से की जाती है। मुझे आप लोगों से उस तरह बातें करनी पड़ीं, जिस तरह अनात्‍म#3:1 अथवा, ‘शारीरिक’। मनुष्‍यों से, मसीह में निरे बच्‍चों से, की जाती है। #यो 16:12 2मैंने आप को दूध पिलाया। मैंने आप को ठोस भोजन इसलिए नहीं दिया कि आप इसे पचा नहीं सकते थे।#1 पत 2:2; इब्र 5:12-13 3आप इस समय भी इसे पचा नहीं सकते, क्‍योंकि आप अब तक शारीरिक स्‍वभाव के हैं। आप लोगों में ईष्‍र्या और झगड़ा होता है। क्‍या यह इस बात का प्रमाण नहीं कि आप शारीरिक स्‍वभाव के हैं और निरे मनुष्‍यों-जैसा आचरण करते हैं?#1 कुर 1:10-12; 11:28 4जब कोई कहता है, “मैं पौलुस का हूँ” और कोई कहता है, “मैं अपुल्‍लोस का हूँ” , तो क्‍या यह निरे मनुष्‍यों जैसा आचरण नहीं है?
5अपुल्‍लोस क्‍या है? पौलुस क्‍या है? हम तो धर्मसेवक मात्र हैं, जिन के माध्‍यम से आप लोग विश्‍वासी बने, हममें प्रत्‍येक ने वही कार्य किया, जिसे प्रभु ने उस को सौंपा।#प्रे 18:24,27 6मैंने पौधा रोपा, अपुल्‍लोस ने उसे सींचा, किन्‍तु परमेश्‍वर ने उसे बड़ा किया।#प्रे 18:4,11 7न तो रोपने वाले का कोई महत्व है और न सींचने वाले का, बल्‍कि बढ़ाने वाले अर्थात परमेश्‍वर का ही महत्व है। 8रोपने वाला और सींचने वाला एक ही काम करते हैं और प्रत्‍येक अपने-अपने परिश्रम के अनुरूप अपनी मज़दूरी पायेगा। 9हम परमेश्‍वर के सहकर्मी हैं और आप लोग हैं — परमेश्‍वर का खेत।
आप परमेश्‍वर का भवन भी हैं।#मत 13:3-9; इफ 2:20 10परमेश्‍वर से प्राप्‍त अनुग्रह के अनुसार मैंने गृह निर्माण के कुशल कारीगर की तरह नींव डाली है। कोई दूसरा ही इसके ऊपर भवन का निर्माण कर रहा है। हर एक को सावधान रहना है कि वह किस तरह निर्माण करता है।#1 कुर 15:10; 2 पत 3:15 11जो नींव डाली गयी है, उसे छोड़ कर दूसरी नींव कोई नहीं डाल सकता, और वह नींव है येशु मसीह।#1 पत 2:4-6 12यदि इस नींव पर अन्‍य व्यक्‍ति अपने-अपने निर्माण-कार्य में सोना, चांदी, बहुमूल्‍य पत्‍थर, लकड़ी, घास अथवा भूसा काम में लायेंगे, 13तो हर एक का यह कार्य प्रकट किया जायेगा। न्‍याय का दिन, जो आग के साथ प्रदीप्‍त होगा, उसे प्रकट कर देगा और उस आग द्वारा हर एक के कार्य की परीक्षा ली जायेगी।#1 कुर 4:15; 2 थिस 1:8 14जिसका निर्माण-कार्य बना रहेगा, उसे पुरस्‍कार मिलेगा। 15जिसका निर्माण-कार्य जल जायेगा, उसे पुरस्‍कार नहीं मिलेगा। फिर भी वह बच जायेगा, जैसे कोई आग पार कर बच जाता है। 16क्‍या आप यह नहीं जानते कि आप परमेश्‍वर का मन्‍दिर हैं और परमेश्‍वर का आत्‍मा आप में निवास करता है?#1 कुर 6:19; 2 कुर 6:16 17यदि कोई परमेश्‍वर का मन्‍दिर नष्‍ट करेगा, तो परमेश्‍वर उसे नष्‍ट करेगा; क्‍योंकि परमेश्‍वर का मन्‍दिर पवित्र है और वह मन्‍दिर आप हैं।
18कोई भी अपने को धोखा न दे। यदि आप में से कोई स्‍वयं को संसार की दृष्‍टि से ज्ञानी समझता हो, तो वह सचमुच ज्ञानी बनने के लिए अपने को मूर्ख बना ले;#प्रक 3:17-18 19क्‍योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्‍वर की दृष्‍टि में ‘मूर्खता’ है। धर्मग्रन्‍थ में यह लिखा है, “वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में ही फंसाता है”#अय्‍य 5:12-13 20और यह भी लिखा है, “प्रभु जानता है कि ज्ञानियों के तर्क-वितर्क निस्‍सार हैं।”#भज 94:11 21इसलिए कोई मनुष्‍यों पर गर्व न करे। सब कुछ आपका है। 22चाहे वह पौलुस, अपुल्‍लोस अथवा कैफा हो, संसार हो, जीवन अथवा मृत्‍यु हो, भूत अथवा भविष्‍य हो-वह सब आपका ही है। 23परन्‍तु आप मसीह के और मसीह परमेश्‍वर के हैं।

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