2 कुरिन्थियों 4:7-10

2 कुरिन्थियों 4:7-10 HINCLBSI

यह अमूल्‍य निधि हममें-मिट्टी के पात्रों में रखी रहती है, जिससे यह स्‍पष्‍ट हो जाये कि यह अलौकिक सामर्थ्य हमारा अपना नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर का है। हम कष्‍टों से घिरे रहते हैं, परन्‍तु कभी हार नहीं मानते। हम परेशान होते हैं, परन्‍तु कभी निराश नहीं होते। हम पर अत्‍याचार किया जाता है, परन्‍तु हम अपने को परित्‍यक्‍त नहीं पाते। हम को गिराया जाता है, परन्‍तु हम नष्‍ट नहीं होते। हम हर समय अपने शरीर में येशु के दु:खभोग तथा मृत्‍यु का अनुभव करते हैं, जिससे येशु का जीवन भी हमारे शरीर में प्रत्‍यक्ष हो जाये।