आमोस 8
8
विनाश का चौथा दृश्य
1स्वामी-प्रभु ने मुझे यह दृश्य दिखाया : ग्रीष्म ऋतु के पके हुए फलों की एक टोकरी है। 2प्रभु ने मुझसे पुछा, ‘आमोस, तू क्या देख रहा है?’ मैंने उत्तर दिया, ‘ग्रीष्म ऋतु के पके हुए फलों की एक टोकरी।’ तब प्रभु ने मुझ से कहा, ‘मेरे लोग इस्राएलियों के दिन पक गए। अब मैं उन्हें बिना दण्ड दिये नहीं छोड़ूंगा।#प्रक 14:15 3उस दिन मन्दिर के स्तुति-गीत शोक-गीत में बदल जाएंगे।’ स्वामी-प्रभु ने यह कहा है, ‘असंख्य लाशें पड़ी होंगी। सब जगह मौत का सन्नाटा होगा।’।
इस्राएल का विनाश समीप है
4ओ निर्धनों को रौंदनेवालो,
ओ गरीबों को मृत्यु के घाट उतारनेवालो, यह
सुनो :
5तुम चाहते हो कि नवचन्द्र पर्व कब खत्म हो,
और तुम अनाज बेचो।
विश्राम दिवस कब बीते,
और तुम गेहूं को बेचना आरंभ करो।
तुम अनाज मापने की माप को छोटा रखते हो,
पर जब खरीदार से तौलकर मुद्राएं लेते हो तो
तौल को भारी कर देते हो!
तुम खोटी तराजू रखकर खरीदारों को ठगते हो।#मी 6:10
6तुम गरीब को चांदी से
और निर्धन को एक जोड़ी जूतों के दाम पर
खरीदते हो।
तुम घुन लगा गेहूं बेचते हो।
7प्रभु ने याकूब के अहं की शपथ खाई है:
‘मैं निस्सन्देह तुम्हारे किसी काम को कभी
न भूलूंगा।’
8क्या इस कारण भूमि कंपित न होगी?
क्या इस धरती पर रहनेवाले विलाप न करेंगे?
यह प्रदेश नील नदी की बाढ़ के समान,
उफनेगा, उछलेगा:
और मिस्र देश की नील नदी के समान
वह फिर शान्त हो जाएगा।’#आमो 9:5
9स्वामी-प्रभु यह कहता है :
‘उस दिन मैं दोपहर को सूर्यास्त कर दूंगा;
दिन-दहाड़े समस्त पृथ्वी पर
अंधकार छा जाएगा।
10मैं तुम्हारे आनन्द के उत्सव-पर्वों को
शोक-दिवसों में परिणत कर दूंगा;
मैं तुम्हारे स्तुति गीतों को विलाप गीतों में
बदल दूंगा।
शोक प्रदर्शित करने के लिए
तुम-सबको कमर में टाट के वस्त्र पहनने
पड़ेंगे,
तुम्हें सिर मुंड़ाना होगा।
मैं तुमसे ऐसा शोक कराऊंगा,
जैसा इकलौते पुत्र का मृत्यु शोक होता है।
वह दिन अन्त तक भयावह होगा।’#यिर 6:26; जक 12:10; यश 3:24
11स्वामी-प्रभु यह कहता है:
‘देखो, वह समय आ रहा है
जब मैं तुम्हारे देश पर अकाल भेजूंगा;
पर यह अकाल न रोटी का होगा,
और न पीने के पानी का,
वरन् प्रभु के शब्दों का अकाल!
लोग प्रभु का शब्द सुनने को तरसेंगे।#व्य 8:3; मत 5:6
12वे एक सागर से दूसरे सागर को,
उत्तर से पूर्व को जाएंगे,
वे प्रभु के शब्द की तलाश में
एक स्थान से दूसरे स्थान को भटकेंगे,
पर वे उसको न सुन सकेंगे।
13उस दिन सुन्दर कन्याएँ,
और जवान पुरुष भी प्यास से मर जाएंगे।
14जो लोग सामरी राज्य के देवता
अशीमा की शपथ खाते हैं,
जो यह कहते हैं, ‘हे दान,
तेरे जीवित देवता की कसम,’
‘हे बएर-शेबा, तेरे इष्ट देवता की शपथ,’
उनका पतन होगा, वे फिर उठ नहीं सकेंगे।
वर्तमान में चयनित:
आमोस 8: HINCLBSI
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.
आमोस 8
8
विनाश का चौथा दृश्य
1स्वामी-प्रभु ने मुझे यह दृश्य दिखाया : ग्रीष्म ऋतु के पके हुए फलों की एक टोकरी है। 2प्रभु ने मुझसे पुछा, ‘आमोस, तू क्या देख रहा है?’ मैंने उत्तर दिया, ‘ग्रीष्म ऋतु के पके हुए फलों की एक टोकरी।’ तब प्रभु ने मुझ से कहा, ‘मेरे लोग इस्राएलियों के दिन पक गए। अब मैं उन्हें बिना दण्ड दिये नहीं छोड़ूंगा।#प्रक 14:15 3उस दिन मन्दिर के स्तुति-गीत शोक-गीत में बदल जाएंगे।’ स्वामी-प्रभु ने यह कहा है, ‘असंख्य लाशें पड़ी होंगी। सब जगह मौत का सन्नाटा होगा।’।
इस्राएल का विनाश समीप है
4ओ निर्धनों को रौंदनेवालो,
ओ गरीबों को मृत्यु के घाट उतारनेवालो, यह
सुनो :
5तुम चाहते हो कि नवचन्द्र पर्व कब खत्म हो,
और तुम अनाज बेचो।
विश्राम दिवस कब बीते,
और तुम गेहूं को बेचना आरंभ करो।
तुम अनाज मापने की माप को छोटा रखते हो,
पर जब खरीदार से तौलकर मुद्राएं लेते हो तो
तौल को भारी कर देते हो!
तुम खोटी तराजू रखकर खरीदारों को ठगते हो।#मी 6:10
6तुम गरीब को चांदी से
और निर्धन को एक जोड़ी जूतों के दाम पर
खरीदते हो।
तुम घुन लगा गेहूं बेचते हो।
7प्रभु ने याकूब के अहं की शपथ खाई है:
‘मैं निस्सन्देह तुम्हारे किसी काम को कभी
न भूलूंगा।’
8क्या इस कारण भूमि कंपित न होगी?
क्या इस धरती पर रहनेवाले विलाप न करेंगे?
यह प्रदेश नील नदी की बाढ़ के समान,
उफनेगा, उछलेगा:
और मिस्र देश की नील नदी के समान
वह फिर शान्त हो जाएगा।’#आमो 9:5
9स्वामी-प्रभु यह कहता है :
‘उस दिन मैं दोपहर को सूर्यास्त कर दूंगा;
दिन-दहाड़े समस्त पृथ्वी पर
अंधकार छा जाएगा।
10मैं तुम्हारे आनन्द के उत्सव-पर्वों को
शोक-दिवसों में परिणत कर दूंगा;
मैं तुम्हारे स्तुति गीतों को विलाप गीतों में
बदल दूंगा।
शोक प्रदर्शित करने के लिए
तुम-सबको कमर में टाट के वस्त्र पहनने
पड़ेंगे,
तुम्हें सिर मुंड़ाना होगा।
मैं तुमसे ऐसा शोक कराऊंगा,
जैसा इकलौते पुत्र का मृत्यु शोक होता है।
वह दिन अन्त तक भयावह होगा।’#यिर 6:26; जक 12:10; यश 3:24
11स्वामी-प्रभु यह कहता है:
‘देखो, वह समय आ रहा है
जब मैं तुम्हारे देश पर अकाल भेजूंगा;
पर यह अकाल न रोटी का होगा,
और न पीने के पानी का,
वरन् प्रभु के शब्दों का अकाल!
लोग प्रभु का शब्द सुनने को तरसेंगे।#व्य 8:3; मत 5:6
12वे एक सागर से दूसरे सागर को,
उत्तर से पूर्व को जाएंगे,
वे प्रभु के शब्द की तलाश में
एक स्थान से दूसरे स्थान को भटकेंगे,
पर वे उसको न सुन सकेंगे।
13उस दिन सुन्दर कन्याएँ,
और जवान पुरुष भी प्यास से मर जाएंगे।
14जो लोग सामरी राज्य के देवता
अशीमा की शपथ खाते हैं,
जो यह कहते हैं, ‘हे दान,
तेरे जीवित देवता की कसम,’
‘हे बएर-शेबा, तेरे इष्ट देवता की शपथ,’
उनका पतन होगा, वे फिर उठ नहीं सकेंगे।
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