यशायाह 35

35
परमेश्‍वर का न्‍याय
1निर्जन प्रदेश और निर्जल क्षेत्र
आनन्‍द मनाएंगे;
मरुस्‍थल हर्षित होगा;
वह फूलेगा-फलेगा।
2केसर के उद्यान की तरह
वह फूलों से भर जाएगा;
वह आनन्‍द के गीत गाएगा,
और हर्ष मनाएगा।
प्रभु उसको लबानोन की महिमा,
कर्मेल और शारोन का प्रताप प्रदान करेगा।
वे प्रभु की महिमा,
हमारे परमेश्‍वर का प्रताप देखेंगे।
3कमजोर हाथों में शक्‍ति भरो,
निर्बल घुटनों को बलवान बनाओ, #इब्र 12:12
4भयभीत हृदयवालों से यह कहो:
“साहसी बनो: मत डरो।
देखो, तुम्‍हारा परमेश्‍वर आएगा;
वही प्रतिशोध लेगा; वह बदला लेगा;
वह निस्‍सन्‍देह आएगा, और तुम्‍हें बचाएगा।”
5तब अन्‍धों की आंखें खुल जाएंगी,
बहरों को कानों से सुनाई देने लगेगा!#मत 11:5
6लंगड़ा भी हिरन के समान छलांग मारेगा!
गूंगे की जीभ आनन्‍द के गीत गाएगी!
निर्जन प्रदेश में जल-धाराएं बहेंगी!
मरुस्‍थल में झरने फूटेंगे!#लू 7:22; यो 5:8; प्रे 3:2
7गर्म रेतीली भूमि तालाब बन जाएगी,
प्‍यासी धरती जल-स्रोतों में बदल जाएगी!
जहां गीदड़ घूमते-फिरते हैं,
वहां अब कांस और सरकंडे होंगे!
8वहां एक राजमार्ग होगा,
वह ‘पवित्र मार्ग’ कहलाएगा।
कोई अपवित्र प्राणी उस पर नहीं चलेगा।
मूर्ख उस पर पैर भी नहीं रख सकेंगे।#यश 40:3-5
9वहां सिंह भी नहीं रहेगा,
और न कोई खूंखार पशु उस पर चलेगा।
ये पशु वहां नहीं पाए जाएंगे।
केवल वे ही लोग उस मार्ग पर चलेंगे,
जिनको प्रभु ने मुक्‍त किया है।
10प्रभु के द्वारा मुक्‍त किए गए लोग
सियोन को लौटेंगे;
वे हर्ष के गीत गाते हुए आएंगे।
शाश्‍वत आनन्‍द से उनके मुख चमकते होंगे।
उन्‍हें हर्ष और सुख प्राप्‍त होगा;
उनके दु:ख और आहों का अन्‍त हो जाएगा।#यश 51:11; भज 126

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यशायाह 35: HINCLBSI

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