यशायाह 55

55
सब मनुष्‍यों को कृपा का आह्‍वान
1सब प्‍यासे लोगो, जल के पास आओ।
जिसके पास पैसा नहीं है, वह भी आए।
सब आओ, खरीदो, और खाओ।
बिना पैसे के, बिना दाम के,
अंगूर-रस और दूध खरीदो। #यो 4:14; 7:37; प्रक 21:6
2जो भोजन नहीं है, उस पर
पैसा क्‍यों खर्च करते हो?
जिससे सन्‍तोष नहीं मिलता,
उसके लिए परिश्रम क्‍यों करते हो?
ध्‍यान से मेरी बात सुनो!
तब तुम्‍हें खाने को उत्तम वस्‍तु प्राप्‍त होगी,
और तुम स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजन खाकर तृप्‍त होगे।#नीति 9:3; यो 6:35; प्रव 24:19-22
3मेरी ओर कान दो, और मेरे पास आओ।
मेरी बात सुनो,
ताकि तुम्‍हारा प्राण जीवित रहे।
तब मैं दाऊद के प्रति अपनी अटूट करुणा के
कारण
तुम्‍हारे साथ शाश्‍वत विधान स्‍थापित करूंगा।#2 शम 7:8; प्रे 13:34; इब्र 13:20
4देखो, मैंने दाऊद को
राष्‍ट्रों के लिए गवाह नियुक्‍त किया है;
वह कौमों का नेता और आदेश देनेवाला
नायक है।#प्रक 1:5
5तू उन राष्‍ट्रों को बुलाएगा,
जिनको तू नहीं जानता है;
और जो राष्‍ट्र तुझको नहीं जानते हैं,
वे तेरे पास दौड़कर आएंगे।
तेरे प्रभु परमेश्‍वर के कारण,
इस्राएल के पवित्र परमेश्‍वर के कारण
वे तेरे पास आएंगे,
क्‍योंकि उसने तेरा गौरव बढ़ाया है।
6जब तक प्रभु मिल सकता है,
उसको ढूंढ़ लो।
जब तक वह समीप है,
उसको पुकार लो।#आमो 5:4; 2 कुर 6:2
7दुर्जन मनुष्‍य अपने मार्ग को छोड़ दे,
और अधार्मिक व्यक्‍ति अपने बुरे विचारों को।
वह प्रभु की ओर लौटे,
जिससे प्रभु उस पर दया करे।
वह हमारे परमेश्‍वर के पास आए;
क्‍योंकि प्रभु उसे पूर्णत: क्षमा करेगा।#लू 15:20; जक 1:3
8प्रभु यह कहता है : ‘मेरे विचार
तुम्‍हारे विचारों के समान नहीं हैं,
और न तुम्‍हारे मार्ग मेरे मार्गों के सदृश हैं।
9पृथ्‍वी से जितना दूर आकाश है,
उतने ही दूर मेरे मार्ग से तुम्‍हारे मार्ग हैं;
उतने ही तुम्‍हारे विचार मेरे विचारों से दूर हैं।
10‘आकाश से हिम गिरता है,
और वर्षा की बूंदे टपकती हैं;
वे लौटकर आकाश को नहीं जातीं,
वरन् पृथ्‍वी पर भूमि को सींचती हैं।
वे अन्न को उपजाती हैं;
और बोनेवाले को बीज
और खानेवाले को भोजन प्राप्‍त होता है।#2 कुर 9:10
11ऐसे ही जो शब्‍द मेरे मुंह से निकलता है,
वह मेरे पास खाली नहीं लौटेगा;
वरन् जिस उद्देश्‍य से मैंने उसको उच्‍चारा था,
वह उसको पूरा करेगा;
जिसके लिए मैंने उसको भेजा था,
वह उसको सफल करेगा।’#1 थिस 2:13
12तुम इस देश से आनन्‍दपूर्वक निकलोगे,
और कुशलतापूर्वक तुम्‍हारा नेतृत्‍व किया
जाएगा।
मार्ग में आनेवाली पहाड़ियां और पहाड़
तुम्‍हारे सम्‍मुख आनन्‍द के गीत गाएंगे;
मैदान के पेड़ हर्ष से तालियाँ बजाएंगे।
13तब जिन स्‍थानों पर भटकटैया के वृक्ष होते
हैं, वहां सनोवर उगेंगे,
बिच्‍छू झाड़ियों के स्‍थान पर मेहँदी उग आएगी।
यह आश्‍चर्यपूर्ण घटना प्रभु का स्‍मारक
चिह्‍न होगी;
यह शाश्‍वत चिह्‍न होगा
जो कभी नहीं मिटेगा।

वर्तमान में चयनित:

यशायाह 55: HINCLBSI

हाइलाइट

शेयर

कॉपी

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in