मत्ती 3
3
योहन बपतिस्मादाता और उनका उपदेश
1 #
मक 1:1-8; लू 3:3-18 उन दिनों योहन बपतिस्मादाता#3:1 अर्थात, “बपतिस्मा देनेवाला” जो दीक्षार्थी का बपतिस्मा अथवा स्नान कराता है। यहूदा प्रदेश के निर्जन प्रदेश में आए, और वहाँ यह प्रचार करने लगे#लू 1:13 : 2“पश्चात्ताप करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।”#मत 4:17 3योहन वही व्यक्ति थे जिनके विषय में नबी यशायाह ने कहा था, “निर्जन प्रदेश में पुकारने वाले की आवाज : प्रभु का मार्ग तैयार करो; उसके पथ सीधे कर दो।”#यश 40:3 (यू. पाठ); यो 1:23
4योहन ऊंट के रोओं का वस्त्र पहने और कमर में चमड़े का पट्टा बाँधे रहते थे। उनका भोजन टिड्डियाँ और वन का मधु था।#2 रा 1:8 5यरूशलेम नगर, समस्त यहूदा प्रदेश और यर्दन नदी के आसपास के क्षेत्रों से लोग योहन के पास आते 6और अपने पाप स्वीकार करते हुए यर्दन नदी में उनसे बपतिस्मा ग्रहण करते थे।
7बहुत से फरीसियों और सदूकियों#3:7 यहूदी धर्म के दो सम्प्रदायों के अनुयायी, जो आपस में कट्टर मतभेद रखते थे। को बपतिस्मा के लिए आते देख कर योहन ने उन से कहा, “साँप के बच्चो! किसने तुम लोगों को परमेश्वर के आने वाले कोप से भागने के लिए सचेत कर दिया?#मत 12:34; 23:33; उत 3:15 8पश्चात्ताप का उचित फल उत्पन्न करो 9और अपने मन में यह न सोचो कि ‘हम अब्राहम की सन्तान हैं’। मैं तुम से कहता हूँ − परमेश्वर इन पत्थरों से अब्राहम के लिए सन्तान उत्पन्न कर सकता है।#रोम 2:28-29; 4:12; यो 8:33,39 10अब पेड़ों की जड़ पर कुल्हाड़ा लग चुका है। जो पेड़ अच्छा फल नहीं देता, वह काटा और आग में झोंक दिया जाएगा।#लू 13:6-9; यो 15:6 11मैं तो तुम लोगों को जल से पश्चात्ताप का बपतिस्मा देता हूँ; किन्तु जो मेरे बाद आने वाले हैं, वह मुझ से अधिक शक्तिशाली हैं। मैं उनके जूते उठाने योग्य भी नहीं हूँ। वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देंगे।#यो 1:15,26-27,33; प्रे 1:5; दान 9:4; मल 3:2 12वह हाथ में सूप ले चुके हैं। वह अपना खलिहान ओसा कर साफ करेंगे और अपना गेहूँ बखार में जमा करेंगे। किन्तु वह भूसी को कभी न बुझने वाली आग में जला देंगे।”#मत 13:30; यश 17:12; प्रज्ञ 5:14,23
प्रभु येशु का बपतिस्मा
13उस समय येशु योहन से बपतिस्मा लेने के लिए गलील प्रदेश से यर्दन नदी के तट पहुँचे।#मक 1:9-11; लू 3:21-22; यो 1:31-34 14योहन ने यह कहते हुए उन्हें रोकना चाहा, “मुझे तो आप से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है और आप मेरे पास आए हैं?” 15परन्तु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “अभी ऐसा ही होने दीजिए। यह हमारे लिए उचित है कि हम इसी तरह सब धार्मिकता को#3:15 अथवा, ‘परमेश्वर के सम्पूर्ण अभिप्राय को’ पूरा करें।” इस पर योहन ने येशु की बात मान ली।
16बपतिस्मा लेने के बाद येशु तुरन्त जल से बाहर निकले। उसी समय उनके लिए स्वर्ग खुल गया और उन्होंने परमेश्वर के आत्मा को कपोत के सदृश उतरते और अपने ऊपर आते हुए देखा।#उत 1:2; 8:8 17और देखो, स्वर्ग से वह वाणी सुनाई दी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”#3:17; मत 17:5; भज 2:7; यश 42:1; 2 शम 7:14
वर्तमान में चयनित:
मत्ती 3: HINCLBSI
हाइलाइट
शेयर
कॉपी
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.