मीका 4
4
समृद्धि की वापसी
1आनेवाले दिनों में यह होगा:
प्रभु-भवन का पहाड़
पहाड़ों में सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा;
वह पहाड़ियों में ऊपर रहेगा।
हर राष्ट्र के लोग
जल-धारा के समान उसकी ओर बहेंगे।#यश 2:2-4
2वे आकर यह कहेंगे,
‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें,
याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं,
ताकि वह हमें अपने मार्ग की शिक्षा दे;
और हम उसके पथ पर चलें।’
सियोन पर्वत से व्यवस्था प्रकट होगी,
यरूशलेम से ही प्रभु का शब्द सुनाई देगा।
3प्रभु भिन्न-भिन्न कौमों का न्याय करेगा,
वह दूर-दूर के शक्तिशाली राष्ट्रों का निर्णय
करेगा।
अत: राष्ट्र अपनी तलवारों को हल के फाल
बनाएंगे।
वे अपने भाले को हंसिए में बदल देंगे,
एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र के विरुद्ध तलवार नहीं
उठाएगा, और न ही वे युद्ध-विद्या सीखेंगे।#योए 3:10
4हर आदमी अपने अंगूर-उद्यान में,
अपने अंजीर वृक्ष के नीचे निश्चिंत बैठेगा,
उसे शत्रु के आक्रमण का डर नहीं होगा।
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने स्वयं यह कहा है।#जक 3:10
5राष्ट्र के लोग
अपने-अपने देवता के नाम पर चलते हैं;
पर हम सदा-सर्वदा
अपने प्रभु परमेश्वर के नाम पर चलेंगे।
इस्राएली राष्ट्र का पुनर्निर्माण
6प्रभु यह कहता है:
‘उस दिन मैं लंगड़े-लूलों को एकत्र करूंगा,
बिखरे हुओं को बटोरूंगा;
और जिन्हें मैंने दु:ख दिया था,
उन्हें भी इकट्ठा करूंगा।#यहेज 34:13
7लंगड़े-लूलों को मैं इस्राएल का शेष-राष्ट्र
बनाऊंगा।
जिन्हें त्याग दिया गया था,
उन्हें मैं एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाऊंगा।
आज से युगानुयुग तक
मैं-प्रभु सियोन पर्वत से उन पर राज्य
करूंगा।’
8ओ रेवड़ के बुर्ज! ओ सियोन के गढ़#4:8 अक्षरश: ‘सियोन की पुत्री के ओपेल’ !
तुझे पहले-जैसा शासन प्राप्त होगा,
तुझे यरूशलेम का राज्य प्राप्त होगा।
9ओ यरूशलेम नगरी!
तू गला फाड़कर चिल्लाती क्यों है?
क्या तेरे यहाँ कोई राजा नहीं है?
क्या तेरे सलाहकार मर गए
जिसके कारण तू गर्भवती स्त्री के समान
प्रसव-पीड़ा से तड़प रही है?
10ओ सियोन की जनता!
गर्भवती स्त्री के समान छटपटा और कराह!
तू नगर से बाहर निकलेगी,
और तुझे खुले मैदान में रहना पड़ेगा।
तू बेबीलोन देश को जाएगी।
वहां प्रभु तुझे छुड़ाएगा;
तेरे शत्रुओं के हाथ से प्रभु तुझे मुक्त करेगा।
11अनेक राष्ट्र तेरे विरुद्ध एकत्र हुए हैं।
वे यह कह रहे हैं, ‘इसे भ्रष्ट कर दो।
और हम अपनी आंखों से सियोन का पतन
देखें।’
12पर ये राष्ट्र प्रभु के विचारों को नहीं जानते।
ये प्रभु की योजना को नहीं समझते।
जैसे पूले खलियान में इकट्ठे किए जाते हैं
वैसे ही प्रभु ने उन्हें रौंदने के लिए एकत्र
किया है।
13ओ सियोन नगरी! उठ, और दंवरी कर।
मैं तेरे सींग लोहे के,
और तेरे खुर पीतल के बनाऊंगा।
तब तू अनेक देशों को रौंदेगी।
तू उनकी लूट प्रभु के सम्मुख अर्पित करेगी,
तू उनकी धन-सम्पत्ति सम्पूर्ण पृथ्वी के
स्वामी को चढ़ाएगी।
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
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मीका 4
4
समृद्धि की वापसी
1आनेवाले दिनों में यह होगा:
प्रभु-भवन का पहाड़
पहाड़ों में सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा;
वह पहाड़ियों में ऊपर रहेगा।
हर राष्ट्र के लोग
जल-धारा के समान उसकी ओर बहेंगे।#यश 2:2-4
2वे आकर यह कहेंगे,
‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें,
याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं,
ताकि वह हमें अपने मार्ग की शिक्षा दे;
और हम उसके पथ पर चलें।’
सियोन पर्वत से व्यवस्था प्रकट होगी,
यरूशलेम से ही प्रभु का शब्द सुनाई देगा।
3प्रभु भिन्न-भिन्न कौमों का न्याय करेगा,
वह दूर-दूर के शक्तिशाली राष्ट्रों का निर्णय
करेगा।
अत: राष्ट्र अपनी तलवारों को हल के फाल
बनाएंगे।
वे अपने भाले को हंसिए में बदल देंगे,
एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र के विरुद्ध तलवार नहीं
उठाएगा, और न ही वे युद्ध-विद्या सीखेंगे।#योए 3:10
4हर आदमी अपने अंगूर-उद्यान में,
अपने अंजीर वृक्ष के नीचे निश्चिंत बैठेगा,
उसे शत्रु के आक्रमण का डर नहीं होगा।
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने स्वयं यह कहा है।#जक 3:10
5राष्ट्र के लोग
अपने-अपने देवता के नाम पर चलते हैं;
पर हम सदा-सर्वदा
अपने प्रभु परमेश्वर के नाम पर चलेंगे।
इस्राएली राष्ट्र का पुनर्निर्माण
6प्रभु यह कहता है:
‘उस दिन मैं लंगड़े-लूलों को एकत्र करूंगा,
बिखरे हुओं को बटोरूंगा;
और जिन्हें मैंने दु:ख दिया था,
उन्हें भी इकट्ठा करूंगा।#यहेज 34:13
7लंगड़े-लूलों को मैं इस्राएल का शेष-राष्ट्र
बनाऊंगा।
जिन्हें त्याग दिया गया था,
उन्हें मैं एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाऊंगा।
आज से युगानुयुग तक
मैं-प्रभु सियोन पर्वत से उन पर राज्य
करूंगा।’
8ओ रेवड़ के बुर्ज! ओ सियोन के गढ़#4:8 अक्षरश: ‘सियोन की पुत्री के ओपेल’ !
तुझे पहले-जैसा शासन प्राप्त होगा,
तुझे यरूशलेम का राज्य प्राप्त होगा।
9ओ यरूशलेम नगरी!
तू गला फाड़कर चिल्लाती क्यों है?
क्या तेरे यहाँ कोई राजा नहीं है?
क्या तेरे सलाहकार मर गए
जिसके कारण तू गर्भवती स्त्री के समान
प्रसव-पीड़ा से तड़प रही है?
10ओ सियोन की जनता!
गर्भवती स्त्री के समान छटपटा और कराह!
तू नगर से बाहर निकलेगी,
और तुझे खुले मैदान में रहना पड़ेगा।
तू बेबीलोन देश को जाएगी।
वहां प्रभु तुझे छुड़ाएगा;
तेरे शत्रुओं के हाथ से प्रभु तुझे मुक्त करेगा।
11अनेक राष्ट्र तेरे विरुद्ध एकत्र हुए हैं।
वे यह कह रहे हैं, ‘इसे भ्रष्ट कर दो।
और हम अपनी आंखों से सियोन का पतन
देखें।’
12पर ये राष्ट्र प्रभु के विचारों को नहीं जानते।
ये प्रभु की योजना को नहीं समझते।
जैसे पूले खलियान में इकट्ठे किए जाते हैं
वैसे ही प्रभु ने उन्हें रौंदने के लिए एकत्र
किया है।
13ओ सियोन नगरी! उठ, और दंवरी कर।
मैं तेरे सींग लोहे के,
और तेरे खुर पीतल के बनाऊंगा।
तब तू अनेक देशों को रौंदेगी।
तू उनकी लूट प्रभु के सम्मुख अर्पित करेगी,
तू उनकी धन-सम्पत्ति सम्पूर्ण पृथ्वी के
स्वामी को चढ़ाएगी।
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